सुकमा: छिंदगढ़ विकासखंड के बिरसठपाल गांव में जल संसाधन विभाग पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा है. एक करोड़ की लागत से बने तालाब में जल संसाधन विभाग के अधिकारियों पर अनियमितता का आरोप है. जहां वेस्ट वेयर को बचाने के लिए विभाग ने प्रोटेक्शन वॉल के नाम पर 80 लाख रुपये की राशि खर्च कर दी है. जो बनने के कुछ ही दिनों बाद ही टूट कर बह गई.
तेज बारिश से बह गया प्रोटेक्शन वॉल किसानों को सिंचाई सुविधाओं का फायदा मिले इसके लिए राज्य की भूपेश सरकार सिंचाई का रकबा बढ़ाने के लिए अधोसंरचना निर्माण के साथ ही सभी जरूरी संसाधन मुहैया करा रही है. इसी कड़ी में सुकमा के छिंदगढ़ विकासखंड में सिंचाई रकबा बढ़ाने के लिए एक करोड़ की लागत से तालाब का निर्माण मनरेगा योजना के तहत कराया गया. जल संसाधन विभाग को इस तालाब को बनाने की जिम्मेदारी दी गई. जिला पंचायत ने दो किस्त में 50—50 लाख की राशि जारी की. ग्रामीणों को मजदूरी भुगतान के लिए 20 प्रतिशत की राशि दी गई. स्वीकृत राशि का 80 प्रतिशत निर्माण सामग्री के लिए दिया गया.
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वॉल निर्माण में निमयों की अनदेखी
तालाब के वेस्ट वेयर को बचाने के लिए विभाग ने एक तरफ 90 मीटर और दूसरी तरफ 75 मीटर लंबी प्रोटेक्शन वॉल का निर्माण कराया. अगस्त महीने में हुई बारिश से तालाब का जलस्तर बढ़ गया. वेस्ट वेयर के दोनो तरफ बने वॉल पानी के बहाव को झेल नहीं पाए और टूट कर बह गए. प्रोटेक्शन वॉल का बेस भी बेहद कमजोर बनाया गया था. एस्टीमेट में वॉल की गहराई करीब एक मीटर और ऊंचाई दो फीट है. लेकिन अधिकारियोंं ने तकनीकी मापदंड को नजरअंदाज करते हुए एक फीट गहराई में वॉल की नींव रख दी गई. वेस्ट वेयर के निर्माण में भी भारी अनियमितता का आरोप है. सब इंजीनियर मुरारीलाल यादव के मुताबिक इलाके में हुई बारिश के कारण प्रोटेक्शन वॉल क्षतिग्रस्त हुआ है.
दीवार की होगी मरम्मत- सब इंजीनियर
सब इंजिनियर मुरारीलाल यादव ने बताया कि प्रोटेक्शन वॉल के बहे हिस्सों को दोबारा जोड़कर खड़ा कर दिया जाएगा. नए निर्माण की जरूरत नहीं है. सब इंजीनियर यादव ने बताया कि प्रोटेक्शन वॉल का 50 मीटर हिस्सा ही क्षतिग्रस्त हुआ है. जिसकी लागत महज 50 हजार रूपये है.