सुकमा: जिला मुख्यालय से करीब 10 किलोमीटर दूर दंतेवाड़ा जाने वाले रास्ते पर रामपुराम में संचालित डब्बारास बालक आश्रम अव्यवस्थाओं से घिरा है. यहां न ही बच्चों के पढ़ने और न ही रहने के लिए पर्याप्त कमरे हैं. आश्रम में पहली से आठवीं तक की कक्षाएं तीन कमरे में लग रही हैं. वहीं प्राइमरी में 75 बच्चे हैं जिन्हें पढ़ाने के लिए सिर्फ एक ही शिक्षक है.
इस आश्रम में 44 बेड पर सोते हैं 87 बच्चे, 75 छात्रों पर एक शिक्षक
रामपुराम के डब्बारास बालक आश्रम में मूलभूत आवश्यकताओं की कमी है. यहां बच्चों के पढ़ने के लिए न तो कमरे है और न ही उन्हें पढ़ाने के लिए शिक्षक हैं.
शिक्षक सुरेश सिंह सोरी ने बताया कि बच्चों के रहने के लिए आश्रम में 4 कमरे हैं. यहां पहली व आठवीं, सातवीं व दूसरी और आठवीं व तीसरी के बच्चों की कक्षाएं साथ-साथ लगती हैं. कक्षा चौथी और पांचवीं के बच्चों की पढ़ाई शयनकक्ष में ही होती है. उन्होंने बताया कि वर्तमान में आश्रम में पहली से पांचवीं तक 75 बच्चे पढ़ रहे हैं, जिनके लिए एक ही शिक्षक है. शिक्षकों की कमी की वजह से बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है.
- आश्रम में 44 बेड में 87 बच्चे के सोने की व्यवस्था है. इससे बच्चे परेशान हैं.
- 30 सीटर के इस आश्रम भवन में 87 बच्चे पढ़ते हैं.
- तीन कमरे में कक्षाएं लग रही हैं वहीं एक कक्ष में दफ्तर चल रहा है.
- आश्रम में बाउंड्री वाल नहीं है. इससे बच्चों को आए दिन जानवरों का डर सताता रहता है.
व्यवस्था दुरुस्त करने का प्रयास
सुरेश ने बताया कि शिक्षकों की कमी की शिकायत कई बार की जा चुकी है, लेकिन अब तक इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया गया है. जिला शिक्षा अधिकारी डी समैय्या ने बताया कि जिले में आश्रमों में बच्चों के अनुपात में शिक्षकों की संख्या बेहद कम है. शिक्षकों की व्यवस्था करने का प्रयास किया जा रहा है. डब्बारास आश्रम में भी जल्द शिक्षक की व्यवस्था करेंगे.