सुकमा में आईईडी विस्फोट, डीआरजी जवान घायल - सालेटोंग में सीआरपीएफ का नया कैंप
DRG Jawan Injured In IED Blast छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में आईईडी विस्फोट में एक डीआरजी जवान घायल हुआ है. सोमवार को भी आईईडी ब्लास्ट की घटना में दो जवान घायल हुए थे. Sukma News
सुकमा:छत्तीसगढ़ में नक्सलियों का उत्पात जारी है. आज सुबह नक्सलियों के लगाए गए प्रेशर इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) में विस्फोट होने से जिला रिजर्व गार्ड (डीआरजी) का एक जवान घायल हो गया है. पुलिस के मुताबिक यह विस्फोट किस्टाराम पुलिस थाना क्षेत्र के सालेतोंग गांव के पास हुआ है. घायल जवान को इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया है.
डिमाइनिंग ऑपरेशन के दौरान हुआ हादसा: दरअसल, नक्सलगढ़ सालेटोंग में सीआरपीएफ का नया कैंप स्थापित किया गया है. जवान इस इलाके में डिमाइनिंग ऑपरेशन चला रहे हैं. इसी दौरान आज नक्सलियों के लगाए आईईडी में विस्फोट से यह हादसा हुआ है. जिसकी चपेट में आने से डीआरजी का एक जवान घायल हो गया है. घायल जवान का नाम जोगा है. वह DRG में आरक्षक पद पर पदस्थ है.जवान के पैर में चोटें आई है. घायल जवान का उपचार नजदीकी पुलिस कैम्प में किया जा रहा है. घायल जवान की स्थित खतरे से बाहर है.
सोमवार को भी हुआ था आईईडी ब्लास्ट: इससे पहले सोमवार 11 दिसंबर को भी आईईडी ब्लास्ट में जवान घायल हुए थे. सोमवार को सड़क सुरक्षा के लिए CRPF, DRG और कोबरा की संयुक्त टीम सर्चिंग के लिए निकली थी. सर्चिंग के दौरान नक्सलियों द्वारा प्लांट किये गए प्रेशर आईईडी बम पर जवानों का पैर पड़ने से विस्फोट हुआ. इस विस्फोट में 4 जवान घायल हुए. इनमें 2 जवानों को गंभीर चोटें आई. घायल जवानों को उपचार के लिए एयरलिफ्ट कर रायपुर भेजा गया है.
चुनावी साल में बढ़ी नक्सली घटनाएं: छ्त्तीसगढ़ में नक्सली अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं. चुनावी साल में नक्सली लगातार जवानों को आईईडी ब्लास्ट में निशाना बना रहे हैं. विधानसभा चुनाव की वोटिंग से पहले और वोटिंग के दिन भी नक्सलियों ने जवानों को नुकसान पहुंचाया. चुनाव होने के बाद नई सरकार के गठन से पहले भी नक्सली उत्पात मचा रहे हैं. सुकमा में लगातार दूसरे दिन आईईटी ब्लास्ट में जवान घायल हुए हैं. नक्सली बस्तर संभाग के विभिन्न जिलों में सुरक्षाबल के जवानों को नुकसान पहुंचाने के लिए हमेशा से ही आईडी बम का इस्तेमाल करते आए हैं. जवानों को आईईडी ब्लास्ट से काफी नुकसान भी हुआ है. आईईडी की चपेट में न सिर्फ जवान बल्कि बस्तर के ग्रामीण और मवेशी भी आ चुके हैं.