छत्तीसगढ़

chhattisgarh

ETV Bharat / state

'सत्ता के नशे में चूर हैं मंत्री कवासी लखमा'

CPI नेता मनीष कुंजाम ने प्रदेश के उद्योग मंत्री कवासी लखमा पर प्रशासन और सत्ता का दुरुपयोग कर जिले में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव जीतने का आरोप लगाया है.

Accused of misusing power in panchayat elections
पंचायत चुनाव में सत्ता का दुरुपयोग करने का आरोप

By

Published : Feb 6, 2020, 12:27 PM IST

सुकमाःजिले में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में भाजपा और सीपीआई को करारी हार का सामना करना पड़ा है. सुकमा जिला पंचायत के 11 सीटों में से 9 सीटों पर कांग्रेस ने कब्जा जमाया है. इन नतीजों पर पूर्व विधायक और CPI नेता मनीष कुंजाम ने प्रदेश के उद्योग मंत्री कवासी लखमा पर प्रशासन और सत्ता का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया है.

पंचायत चुनाव में सत्ता का दुरुपयोग करने का आरोप
कुंजाम ने कहा कि मंत्री कवासी लखमा धन, सत्ता और प्रशासन का बहुत ज्यादा दुरुपयोग किए हैं. नगरीय निकाय क्षेत्र के नेताओं का ग्रामीण इलाकों में दखल देखा गया. उन्होंने बताया कि मामले में कलेक्टर से शिकायत भी की गई है, लेकिन सत्ता के दबाव में प्रशासन उदासीन है.

'मंत्री लखमा सत्ता के नशें में चूर'
CPI नेता ने कहा कि सत्ता के नशे में चूर मंत्री कवासी लखमा का अहंकार पंचायत चुनाव में देखने को मिला. जनसभाओं में विरोधी नेताओं के खिलाफ दिए गए भाषण में मंत्री ने सभी मर्यादाओं को लांघ दिया है. उन्होंने कहा मंत्री ने अपने भाषण में दिवंगत नेताओं पर भी ओछी टिप्पणी करने से भी बाज नहीं आए. दोनों पार्टियों को साफ कह दिया कि मेरे जीते जी कोई चुनाव नहीं जीत सकता. इस तरह की भाषा का प्रयोग अहंकार से भरा व्यक्ति ही कर सकता है. लखमा को जानना चाहिए कि इस देश की चुनाव व्यवस्था में बड़े-बड़े लोग चुनाव हार चुके हैं.

जनता को गुमराह करने का आरोप
उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस की एकतरफा जीत के पीछे पुलिस और कर्मचारियों का बड़ा योगदान है. कई मतदान केंद्रों में फर्जी वोटिंग कराई गई है. उन कर्मचारियों से लखमा सीधे संपर्क में हैं. चुनाव जीतने के लिए लखमा ने सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग किया है. कवासी लखमा पिछले पांच बार से विधायक हैं और इस दौरान उन्होंने एक भी जनहित काम नहीं कराया है. साल 2018 के विधानसभा चुनाव में किया गया वादा भी पूरा नहीं किया है. चाहे 2500 में धान की खरीदी हो या फिर जेलों में बंद निर्दोष आदिवासियों की रिहाई हो. जनता को गुमराह कर सत्ता में काबिज हुए हैं.

ABOUT THE AUTHOR

...view details