सुकमा: सुकमा के ताड़मेटला में हुए पुलिस नक्सली मुठभेड़ को लेकर विरोध के स्वर थमते नहीं दिख रहे हैं. बीते पांच सितंबर को यह मुठभेड़ हुआ था. उसके बाद से लगातार बस्तर में विरोध प्रदर्शन का सिलसिला जारी है. गांव वाले, आदिवासी समाज और सर्व आदिवासी समाज इस एनकाउंटर को फर्जी बता रहे हैं. जबकि पुलिस इसे सही बता रही है. ताड़मेटला एनकाउंटर के विरोध में शनिवार को सुकमा बंद का आह्वान सर्व आदिवासी समाज ने किया था. इस बंद का व्यापक असर देखने को मिला.
सर्व आदिवासी समाज ने निकाली मोटरसाइकिल रैली (Protest Against Tadmetla Encounter ): सुकमा बंद के दौरान सर्व आदिवासी समाज ने मोटरसाइकिल रैली निकाली. लोगों से बंद को सफल बनाने की अपील की गई थी. इस दौरान मेडिकल सुविधा और आपातकालीन सेवाओं को छूट दी गई थी. उसके अलावा सुकमा पूरी तरह से बंद दिखा. यहां दुकानें बंद दिखी. सर्व आदिवासी समाज के लोगों का कहना है कि ताड़मेटला मुठभेड़ पूरी तरीके से फर्जी है. एक ग्रामीण पुलिस की ही गाड़ी चलाया करता था. उसी से ही गाड़ी की खरीदी भी किया था. ऐसे में वह कैसे नक्सली साबित होता है. इस घटना के बाद ना जिम्मेदार ताड़मेटला पहुंचे. ना कोई विधायक पहुंचा. ना ही प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल यहां आए. इस मामले की जांच होनी चाहिए. दोषियों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए.