राजनांदगांव: केरेगांव में किसान की मौत का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है. बीजेपी किसान की आत्महत्या (Rajnandgaon Farmer Suicide Case) के लिए शासन और प्रशासन को जिम्मेदार ठहरा रही है. अब इस संबंध में भाजपा जिलााध्यक्ष ने किसान की पत्नी के साथ राजनांदगांव में प्रेस वार्ता की. इस दौरान बीजेपी ने किसान सुसाइड केस में प्रशासनिक अधिकारी समेत स्थानीय विधायक पर आरोप लगाए हैं. उनका आरोप है कि विधायक, तहसीलदार और पटवारी समेत तमाम अधिकारी मृतक किसान की पत्नी पर दबाव बना रहे हैं और यह बुलवाने के लिए मजबूर कर रहे हैं कि किसान ने रकबे में कटौती की वजह से खुदकुशी नहीं की है.
फांसी लगाकर किसान ने कर ली थी आत्महत्या
मामला बीते 15 दिसंबर का है. छुरिया ब्लॉक के ग्राम केरेगांव के रहने वाले किसान सुरेश नेताम ने अपने घर में फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली थी. परिजनों और ग्राम निवासियों का कहना था कि किसान सुरेश कुमार नेताम ने रकबे में कटौती से परेशान होकर खुदकुशी की थी. मृतक किसान धान की मिंजाई के बाद सोसायटी में टोकन के लिए पहुंचा था. जहां उसे रकबा महज डेढ़ एकड़ का बताया तो वो निराश होकर घर लौट आया. इसके बाद करीब तीन-चार दिनों तक वो परेशान रहा.
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रकबे को लेकर परेशान था किसान
मृतक सुरेश की पत्नी गेंद कुंवर नेताम ने बताया कि गांव में उनका तीन एकड़ 80 डिसमिल खेत है. जिसमें से 3 एकड़ 25 डिसमिल धनहा है. इसके बावजूद इसमें डेढ़ एकड़ ही रकबा में लिया गया है. जिससे उनके पति परेशान थे. दो-तीन बार वो पटवारी से मिले. लेकिन रकबा में किसी तरह की कोई बढ़ोत्तरी नहीं हुई. धान बोनी व अन्य का किसान पर कर्ज भी था. इसी परेशानी को लेकर किसान सुरेश नेताम ने अपने घर में ही फांसी लगाकर खुदकुशी (Rajnandgaon Farmer Suicide Case) की ली. मामला सामने आने के बाद प्रशासन ने इसकी जांच की. जिसमें पाया गया कि रकबे को लेकर किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं थी. प्रशासन ने पुलिस को भी जांच के निर्देश दिए हैं.
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