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टोकन नहीं मिलने से धान बेचने में परेशानी, किसान नाराज

धान खरीदी केंद्र में अधिक धान की खरीदी हो रही है. इसके चलते बड़ी मात्रा में धान खुले आसमान में पड़ा है. मौसम खराब होने की स्थिति में किसानों की मेहनत पूरी तरह खराब हो सकती है.

Trouble in selling paddy due to not getting token
टोकन नहीं मिलने से धान विक्रय में परेशानी

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Published : Dec 24, 2019, 9:39 AM IST

राजनांदगांव:डोंगरगांव के लगभग सभी सोसायटियों में किसानों को धान विक्रय के लिए टोकन जारी करने को लेकर क्षेत्र के किसान और समिति कर्मचारियों के बीच लगातार तनाव की स्थिति देखी जा रही है. वहीं सोमवार को डोंगरगांव के सेवा सहकारी समिति में भी टोकन काटने और आवक तारीख नहीं दिए जाने को लेकर विवाद गहरा गया. इसके चलते क्षेत्रीय विधायक दलेश्वर साहू समिति के फड़ में पहुंचे थे और वहां किसानों से उनकी समस्या की जानी.

क्षेत्र के किसान पंजीयन होने के बाद टोकन का इंतजार कर रहे थे. कृषकों ने बताया कि प्रबंधन के द्वारा टोकन नहीं दिए जाने से किसान काफी नाराज हैं, टोकन के इंतजार में बुजुर्ग और महिलाओं सहित अनेक किसान कई दिनों से सोसायटी के चक्कर काट रहे हैं.

टोकन नहीं मिलने से धान विक्रय में परेशानी

टोकन नहीं मिलने से नाराज किसान
सोसायटी में उपस्थित किसानों ने बताया कि 29 नवंबर को रसीद जमा करने के बावजूद आज तक टोकन जारी नहीं हो पाया है और इसके लिए कई दिनों से भटकाया जा रहा है. केवल टोकन लेने के लिए दूरस्थ ग्रामों में डोंगरगांव आना पड़ रहा है, जिससे समय और पैसे दोनों की बर्बादी हो रही है और समिति की ओर से टोकन जारी नहीं होने की बात कही जा रही है.

विधायक ने प्रबंधक को लगाई फटकार
किसानों की समस्या और लगातार मिल रही शिकायतों को लेकर विधायक दलेश्वर साहू सोमवार को सोसाइटी पहुंचे थे, जहां किसानों बात कर उन्हें आश्वस्त कराया कि उनकी समस्या जल्द खत्म होगी और सभी किसानों का धान भी खरीदा जायेगा. वहीं किसानों को हो रही परेशानी को देखते हुए विधायक साहू ने समिति प्रबंधक को जमकर फटकार लगाई.

धान का उठाव नहीं, लेबर खाली
इधर, किसान खरीदी को लेकर आक्रोशित हो रहे हैं, वहीं सोसायटियों में धान जाम होने के कारण खरीदी में बड़ी समस्या हो रही है. डोंगरगांव सोसायटी में मोटा, पतला और सरना धान मिलाकर कुल 20840.40 क्विंटल धान खरीदा गया है, जिसमें केवल 7510 क्विंटल धान का ही उठाव हुआ है, सोसायटी में कुल 16409.60 में से 540 का उठाव हो पाया है. ऐसे में बड़ी मात्रा में धान खुले आसमान में पड़ा है. मौसम खराब होने की स्थिति में किसानों की मेहनत पूरी तरह खराब हो सकती है और इसे बचाने की जिमेदारी भी सोसाटियों पर ही है.

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