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निर्दलियों के भरोसे बीजेपी, तो कांग्रेस को क्रॉस वोटिंग की आस

त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव का तीसरा चरण सोमवार को खत्म हो गया. तीसरे चरण का चुनाव निपटने के बाद अब 5 सीटों को लेकर जो संकेत मिल रहे हैं उस हिसाब से जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर कब्जा जमाने के लिए भाजपा जहां निर्दलीय प्रत्याशी के भरोसे है. स्पष्ट तौर पर कहा जाए तो कांग्रेस जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए क्रॉस वोटिंग के भरोसे ही जिला पंचायत अध्यक्ष बना सकती है.

जिला पंचायत भवन
जिला पंचायत भवन

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Published : Feb 4, 2020, 9:40 PM IST

Updated : Feb 5, 2020, 12:38 AM IST

राजनांदगांव: त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के तीसरे चरण का चुनाव निपटने के बाद, अब जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए तस्वीर साफ होती दिखाई दे रही है. दूसरे चरण में भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टी के पास 9- 9 सीटें थीं. वहीं एक निर्दलीय प्रत्याशी चुनाव जीतने में सफल हुआ था.

जानकारी देते संवाददाता.

तीसरे चरण का चुनाव निपटने के बाद अब 5 सीटों को लेकर जो संकेत मिल रहे हैं. उस हिसाब से जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर कब्जा जमाने के लिए भाजपा जहां निर्दलीय प्रत्याशी के भरोसे है, तो वहीं कांग्रेस को भाजपा के जीते हुए प्रत्याशियों के खेमे में सेंधमारी करनी होगी. कहा जाए तो, कांग्रेस क्रॉस वोटिंग के भरोसे ही जिला पंचायत अध्यक्ष बना सकती है.

भाजपा को मिल सकती है बढ़त
बता दें कि जिला पंचायत राजनांदगांव में कुल 24 सीटें हैं. दूसरे चरण के मतदान के बाद भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टी को नौ-नौ सीटें मिली थीं. इसमें एक निर्दलीय प्रत्याशी चुनाव जीतकर आया. तीसरे चरण के मतदान के बाद जो आंकड़े सामने आ रहे हैं उनका आकलन करें, तो भाजपा को बढ़त मिलती दिखाई दे रही है.

6 फरवरी को होगी परिणाम की अंतिम घोषणा
तीसरे चरण में जिला पंचायत की कुल 5 सीटें थीं, इनमें 3 सीटों पर भाजपा और दो में कांग्रेस ने अपनी बढ़त बनाए हुए हैं. हालांकि परिणाम की अंतिम घोषणा 6 फरवरी को होनी है, लेकिन टेबुलेशन से जो आंकड़े सामने आ रहे हैं, इस लिहाज से भाजपा जिला पंचायत अध्यक्ष पद के बेहद करीब दिखाई दे रही है. केवल एक निर्दलीय प्रत्याशी को साधने के बाद भाजपा जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर काबिज हो सकती है, लेकिन कांग्रेस को बीजेपी के सदस्यों को साधने के लिए बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ सकता है.

ऐसे मिलेगा जादुई आंकड़ा
जिला पंचायत में कुल 24 सीटें हैं इनमें बहुमत सिद्ध करने के लिए 13 सीटें जरूरी हैं. तीसरे चरण के मतदान के बाद मिले आंकड़ों का आकलन करें तो, कांग्रेस 11 सीटों तक पहुंची है. वहीं बीजेपी ने 12 सीटें हासिल की हैं. इस लिहाज से भाजपा बहुमत के बेहद करीब है. सिर्फ एक निर्दलीय प्रत्याशी को बीजेपी साधने में कामयाब हुई, तो अध्यक्ष पद उसके खाते में जा सकता है. वहीं कांग्रेस को निर्दलीय प्रत्याशी को साधने के बाद भी भाजपा खेमे में सेंधमारी करनी होगी. तब जाकर जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर कांग्रेस अपना प्रत्याशी बैठाने में कामयाब हो सकती है.

पंचायत प्रतिनिधियों को कांग्रेस पर भरोसा
जिला पंचायत अध्यक्ष पद को लेकर के पार्टियों की रणनीति पर जिला कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता रूपेश दुबे का कहना है कि जिला पंचायत चुनाव में जीत कर आए प्रत्याशी निश्चित तौर पर राज्य सरकार पर भरोसा करेगी. कांग्रेस पर पंचायत प्रतिनिधियों का भरोसा रहा है निश्चित तौर पर कांग्रेस जिला पंचायत अध्यक्ष और उपाध्यक्ष दोनों ही पदों पर कब्जा करने में कामयाब होगी.

Last Updated : Feb 5, 2020, 12:38 AM IST

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