राजनांदगांव: कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर कहर बरपा रही है. इसे रोकने के लिए टोटल लॉकडाउन किया गया है. टोटल लॉकडाउन के दौरान परिवहन सुविधा भी पूरी तरीके से बंद कर दी गई है. करीब 150 किलोमीटर दूर धुर नक्सल प्रभावित इलाकों में निवास करने वाले आदिवासी परिवारों के सामने भोजन और दवाइयों का संकट खड़ा हो गया है. ऐसी स्थिति को देखते हुए शहर के मां पाताल भैरवी मंदिर से जुड़े समाजसेवी लोगों ने आदिवासी अंचल के इन गांव में लगातार सूखा राशन और जरूरतमंद लोगों को उनकी दवाइयां मुहैया कराने में लगे हुए हैं.
शहर की सेवाभावी संस्था मां पाताल भैरवी मंदिर के अध्यक्ष राजेश मारू और पत्रकार कमलेश सिमनकर लॉकडाउन के बाद से लगातार वनांचल में नक्सल प्रभावित अतिसंवेदनशील क्षेत्रों को चिन्हित कर सूखा राशन, कपड़े, हरी सब्जी, दवाइयां पहुंचाने का काम कर रहे हैं. समाजसेवी वहां तक पहुंच रहे हैं जहां शासन-प्रशासन की मदद भी नहीं पहुंच पा रही है.
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लोगों की लगातार कर रहे हैं मदद
3 दर्जन से अधिक गांवों में कुल 1200 से अधिक परिवारों को सूखा राशन, कपड़े और हरी सब्जी पहुंचा चुके हैं. संस्था की मंशा पूरी तरह साफ है कि लॉकडाउन में कोरोना संक्रमण की मार झेल रहे ग्रामीणों को भूख की मार ना झेलनी पड़े. साथ ही जिले के वनांचल में रहने वाले किसी भी परिवार को दवाइयों के लिए परेशान न होना पड़े. उन्हें अपने मोबाइल पर डॉक्टर की पर्ची मंगवाकर राजनांदगांव, दुर्ग, भिलाई, रायपुर से दवाइयां लाकर 160 किलोमीटर दूर तक छोड़कर आ रहे हैं.