राजनांदगांव: किसानों की कर्जमाफी के वादे को लेकर ही कांग्रेस सूबे की सत्ता में आई. सरकार बनने के दो दिनों के अंदर ही कर्जमाफी का ऐलान कर दिया गया. किसानों में खुशी की लहर दौड़ पड़ी, सबके चेहरे खिल उठे. लेकिन आज वहीं चेहरे उदास हैं, सरकारी वादे के न पूरा होने से निराश हैं और कर्ज तले दबा हुआ महसूस कर रहे हैं.
राजनांदगांव के 65000 किसानों को अब तक राज्य सरकार की कर्जमाफी स्कीम का फायदा नहीं मिल पाया है. अब भी वे बैंक लोन के भार से दबे हुए हैं. इसके चलते इस साल खेती-किसानी के लिए लोन और खाद बीज उन्हें नहीं मिल पाएगा.
आरोप है कि जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के अफसरों की लापरवाही के चलते इस बार 65000 किसानों को कर्जमाफी का लाभ नहीं मिल पाया है. 2017-18 में फसल बीमा की 243 करोड़ रुपए की राशि किसानों को बांटी गई थी. ये राशि किसानों के सेविंग अकाउंट में डाल दी गई. ऐसी स्थिति में किसानों ने जो लोन बैंक से खेती के लिए लिया था वह अब भी बना हुआ है. ये किसान डिफॉल्टर की श्रेणी में आ गए हैं. लिहाजा बैंक अब इन लोगों को लोन देने से इंकार कर रहा है.
इस साल खरीफ के लिए नहीं मिल पाएगा लोन
पहले का कर्ज बकाया होने के कारण इस बार खरीफ फसल के लिए किसानों को लोन नहीं मिल पा रहा है. इसके पीछे बैंक के अफसरों का कहना है कि पुराना लोन न चुकाए जाने के कारण किसानों को नया लोन नहीं दिया जा सकता है. उनका कहना है कि सरकार यदि कोई रास्ता निकालती है तो ही ऐसा संभव होगा.