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राजनांदगांव: बूढ़ा सागर तालाब की जांच रिपोर्ट पर उठे सवाल

जिले में बूढ़ा सागर तालाब के गहरीकरण को लेकर पेश की गई रिपोर्ट के बाद अब विवाद और भी बढ़ गया है. जिला प्रशासन की ओर से तय की गई समिति ने जो रिपोर्ट पेश की है उस रिपोर्ट में निगम अफसरों के मूल्यांकन को सही ठहराया गया है. तालाब के गहरीकरण को लेकर जो तस्वीरें सामने आ रही हैं, वो पूरे तरीके से अभी भी साफ नहीं हैं.

बूढ़ा सागर तालाब की जांच रिपोर्ट पर उठे सवाल

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Published : Sep 12, 2019, 5:45 PM IST

राजनांदगांव:जिले में बूढ़ा सागर तालाब के गहरीकरण को लेकर पेश की गई रिपोर्ट के बाद अब विवाद और भी बढ़ गया है. जिला प्रशासन की ओर से तय की गई समिति ने जो रिपोर्ट पेश की है उस रिपोर्ट में निगम अफसरों के मूल्यांकन को सही ठहराया गया है.

बूढ़ा सागर तालाब का गहरीकरण शुरुआत से लेकर अंत तक विवादों में रहा. बूढ़ा सागर तालाब के 80 फीसदी हिस्से को नगर निगम ने गहरीकरण कराए जाने की बात कही है, लेकिन लगातार इस मामले में नगर निगम की कार्यशैली को लेकर सवाल उठते रहे हैं.

रिपोर्ट के आधार पर नहीं हैं कोई अनियमितता
जिला प्रशासन की ओर से बनाई गई मूल्यांकन समिति ने मामले में ओके रिपोर्ट दे दी है. रिपोर्ट के आधार पर माना जा रहा है कि, नगर निगम ने जो बूढ़ा सागर का गहरीकरण कराया है उसमें किसी भी तरीके की अनियमितता नहीं हैं.
बता दें कि मानसून शुरू होने से ठीक एक महीने पहले शहर के सबसे बड़े तालाब बूढ़ा सागर का गहरीकरण कार्य नगर निगम ने शुरू किया था. इसके लिए 16 करोड़ रूपए की राशि राज्य शासन ने स्वीकृत की थी. जिसमें पांच करोड़ रुपए की राशि नगर निगम को मिली थी.

नगर निगम ने बूढ़ा सागर तालाब के गहरीकरण के लिए इस राशि को खर्च किया है. जिस पर नगर निगम का दावा है कि बूढ़ा सागर तालाब के तकरीबन 80 प्रतिशत भाग का गहरीकरण कर लिया गया है, तालाब के गहरीकरण को लेकर जो तस्वीरें सामने आ रही हैं, वो पूरी तरीके से हकीकत बयां कर रही है. बावजूद इसके अब मूल्यांकन समिति ने भी ओके रिपोर्ट दे दी है, जिससे नगर निगम की कार्यप्रणाली को सही ठहराया गया है.

बूढ़ा सागर का गहरीकरण इसलिए विवादों में
नगर निगम ने बूढ़ा सागर तालाब के गहरीकरण के लिए राज्य शासन से 16 करोड़ रूपए की मांग की थी. राज्य शासन ने शुरुआती तौर पर 5 करोड़ रुपए की राशि गहरीकरण के लिए दी. इसके बाद नगर निगम ने इस काम को ठेके पर देते हुए ठेकेदार को खुली छूट देकर कई तरीके की अनियमितता बरती.

वहीं नगर निगम का दावा है कि बूढ़ा सागर तालाब के 80 फीसदी भाग का गहरीकरण कर दिया गया है, लेकिन भौतिक सत्यापन करने पर पूरे मामले की पोल भी खुल सकती है.

गहरीकरण में किया गया है भ्रष्टाचार
इस मामले में वरिष्ठ कांग्रेस नेता हेमंत ओस्तवाल का कहना है कि, 'बूढ़ा सागर के गहरीकरण को लेकर कई बार जांच रिपोर्ट तैयार की गई है, लेकिन गहरीकरण में व्यापक मात्रा में भ्रष्टाचार किया गया है. अगर भौतिक रूप से सत्यापन किया जाए और मौके पर जाकर देखा जाए तो सब कुछ सामने आ जाएगा'

अलग नहीं मिले कोई भी तथ्य
इस मामले को लेकर नगर निगम आयुक्त चंद्रकांत कौशिक का कहना है कि, 'जिला प्रशासन ने मूल्यांकन समिति का गठन किया था. जिसने बूढ़ा सागर के गहरीकरण को लेकर मूल्यांकन किया और नगर निगम के इंजीनियरों की टीम के मूल्यांकन और समिति के मूल्यांकन में कोई फर्क नहीं आया है.'

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