राजनांदगांव:जिले में बूढ़ा सागर तालाब के गहरीकरण को लेकर पेश की गई रिपोर्ट के बाद अब विवाद और भी बढ़ गया है. जिला प्रशासन की ओर से तय की गई समिति ने जो रिपोर्ट पेश की है उस रिपोर्ट में निगम अफसरों के मूल्यांकन को सही ठहराया गया है.
बूढ़ा सागर तालाब का गहरीकरण शुरुआत से लेकर अंत तक विवादों में रहा. बूढ़ा सागर तालाब के 80 फीसदी हिस्से को नगर निगम ने गहरीकरण कराए जाने की बात कही है, लेकिन लगातार इस मामले में नगर निगम की कार्यशैली को लेकर सवाल उठते रहे हैं.
रिपोर्ट के आधार पर नहीं हैं कोई अनियमितता
जिला प्रशासन की ओर से बनाई गई मूल्यांकन समिति ने मामले में ओके रिपोर्ट दे दी है. रिपोर्ट के आधार पर माना जा रहा है कि, नगर निगम ने जो बूढ़ा सागर का गहरीकरण कराया है उसमें किसी भी तरीके की अनियमितता नहीं हैं.
बता दें कि मानसून शुरू होने से ठीक एक महीने पहले शहर के सबसे बड़े तालाब बूढ़ा सागर का गहरीकरण कार्य नगर निगम ने शुरू किया था. इसके लिए 16 करोड़ रूपए की राशि राज्य शासन ने स्वीकृत की थी. जिसमें पांच करोड़ रुपए की राशि नगर निगम को मिली थी.
नगर निगम ने बूढ़ा सागर तालाब के गहरीकरण के लिए इस राशि को खर्च किया है. जिस पर नगर निगम का दावा है कि बूढ़ा सागर तालाब के तकरीबन 80 प्रतिशत भाग का गहरीकरण कर लिया गया है, तालाब के गहरीकरण को लेकर जो तस्वीरें सामने आ रही हैं, वो पूरी तरीके से हकीकत बयां कर रही है. बावजूद इसके अब मूल्यांकन समिति ने भी ओके रिपोर्ट दे दी है, जिससे नगर निगम की कार्यप्रणाली को सही ठहराया गया है.