राजनांदगांव :छत्तीसगढ़ की संस्कारधानी राजनांदगांव अपनी झांकी के लिए मशहूर है.यहां गणेशोत्सव के बाद निकलने वाली झांकियों को देखने के लिए दूसरे राज्यों से भीड़ इकट्ठा होती है.छत्तीसगढ़ के अलावा मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र के लोग राजनांदगांव शहर की झांकी देखने के लिए आते हैं.शाम ढलने के बाद गणेश प्रतिमाओं के साथ जब झांकी निकलती है तो पूरे शहर का जनसैलाब सड़क के दोनों ओर इकट्ठा हो जाता है.चमचमाती लाइट्स और डीजे की धुन पर थिरकते हुए गणेश उत्सव समितियां झांकी निकालती हैं.
80 साल से चली आ रही है परंपरा :आपको बता दें कि राजनांदगांव में झांकी निकालने की परंपरा 80 साल पुरानी है. अविभाजित मध्यप्रदेश के दौर से राजनांदगांव में झांकी निकालने की परंपरा शुरु हुई.जो आज भी बिना रुके जारी है.
''राजनांदगांव में सन 1937 से झांकी निकालने की परंपरा शुरु हुई है.जो आज भी पीढ़ी दर पीढ़ी जारी है.आज शहर में 35 से ज्यादा झांकियों को निकाला जा रहा है.''सूर्यकांत जैन,अध्यक्ष झांकी समिति
किन जगहों से होकर गुजरी झांकियां ? :राजनांदगांव शहर में झांकियों का जुलूस शहर के कई हिस्सों से होकर गुजरा. मानव मंदिर चौक से होते हुए झांकियां भारत माता चौक की ओर निकली. इन झांकियों को अलग-अलग थीम में डिजाइन किया गया था.जिसमें रंगीन लाइट्स के साथ अयोध्या का राम मंदिर,शिवलोक, हिरणकश्यप वध, कोविड-19 समेत भगवान शिव का परिवार विशेष आकर्षण का केंद्र रहे.