राजनांदगांव: उड़ीसा के गोनी परिवार के लिए यह दिवाली सबसे खास है, क्योंकि पिछले 7 महीने से घर के जिस चिराग को वे ढूंढ रहे थे, वह दिवाली पर घर लौट आया है. घर का कुलदीपक मिलने से गोनी परिवार अब दिवाली का त्योहार हंसी-खुशी मना रहे हैं.
7 महीने बाद घर आया खोया बेटा दरअसल, उड़ीसा के गोनी परिवार के घर का चिराग, अट्ठारह वर्षीय गुरली गोनी पिता तारिणी गोनी पिछले 7 महीने से अपने घर से बिना किसी को बताए चला गया था.
भटकते हुए मुबंई पहुंच गया था गुरली
गुरली की मानसिक हालत ठीक नहीं है, जिसकी वजह से वह भटकते हुए मुंबई तक पहुंच गया और वहां कई महीनों तक होटलों में काम करके अपना गुजारा करता रहा.
एक दिन अचानक उसकी याददाश्त वापस आने पर उसने अपने जीजा को फोन लगाया और मुंबई बुलाया, लेकिन इस बीच वह खुद जिस होटल में काम कर रहा था वहां से अचानक बिना किसी को बताए फिर गायब हो गया. गोनी परिवार इसी तरीके से गुरली की खोजबीन करते रहे, लेकिन उसका कोई पता नहीं चला.
सिपाही अमित की मेहनत से मिली सफलता
पिछले कुछ दिनों से गुरली राजनांदगांव में रह रहा था. इस बीच उसकी तबीयत खराब होने पर उसे मेडिकल कॉलेज अस्पताल में दाखिल कराया गया. अस्पताल की पुलिस चौकी में कार्यरत कांस्टेबल अमित कुमार ने जब गुरली से संपर्क किया तो बातचीत के दौरान ही उसे गुरली की पूरी स्थिति पता चली. ऐसे में अमित ने मेहनत करते हुए गुरली के परिवार वालों से उड़ीसा में संपर्क किया और परिवार के सदस्यों को अस्पताल बुलाया.
गुरली को लेने पहुंचे उसके जीजा
गुरली के जीजा सुदीप को जब यह खबर पहुंची तो वे तत्काल उड़ीसा के शांति वली गांव से सीधे राजनांदगांव के लिए निकले. यहां मेडिकल कॉलेज अस्पताल पहुंचते ही गुरली से उन्होंने मुलाकात की तो उनकी आंखें भर आई इस बीच वे कॉन्स्टेबल अमित कुमार को भी धन्यवाद देते नहीं थके.
सुदीप का कहना था कि, 'वे लगातार गुरली की खोजबीन कर रहे थे लेकिन कहीं कोई सफलता नहीं मिल पा रही थी. आखिरी बार मुंबई में उसका लोकेशन मिल पाया था. जहां तक पहुंचे लेकिन, गुरली की मानसिक हालत ठीक नहीं होने के कारण वह वहां से भी बिना किसी को बताए निकल चुका था अब वह मिला है.'
उन्होंने कहा, 'इस बार उसकी मानसिक हालत का सबसे पहले इलाज कराना चाह रहे हैं और इसके बाद उसे घर ले जाकर, इस दिवाली परिवार वालों को सबसे बड़ा तोहफा देने की तैयारी में हैं.'
डिस्चार्ज किया गया
गुरली को इलाज के बाद अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया है. अब वह अपने जीजा सुदीप के साथ उड़ीसा अपने घर के लिए निकलने की तैयारी में है सुदीप का कहना है कि, 'परिवार वालों को इस बात की सूचना दे दी गई है और वे बेसब्री से गुरली का इंतजार कर रहे हैं.'
सिटीजन पुलिस की भूमिका निभाई
इस मामले में मेडिकल कॉलेज अस्पताल स्थित पुलिस चौकी प्रभारी ठगिया चंद्रवंशी का कहना है कि, 'अस्पताल में भर्ती हुए मरीजों से अक्सर पूछताछ की जाती है. इस बीच कॉन्स्टेबल अमित कुमार ने गुरली से पूछताछ की तो पूरे मामले का खुलासा हुआ. गुम इंसान के रूप में गुरली की पहचान करते हुए उसके परिवार वालों से संपर्क किया गया और अब गुरली को उनके सुपुर्द कर दिया गया है.'