राजनांदगांव:लॉकडाउन के कारण दूसरे राज्यों में फंसे प्रवासी मजदूर 52 दिनों के बाद अब अपनी जमीन पर लौट आए हैं. देश में प्रवासी मजदूरों को घर तक पहुंचाने के लिए चलाई गई स्पेशल ट्रेनों में मजदूर वापस अपने जिले लौट कर आ गए हैं. अब राजनांदगांव रेलवे स्टेशन में मजदूरों को प्रोटोकॉल के तहत क्वॉरेंटाइन में रहना होगा.
दूसरे राज्यों में फंसे प्रवासी मजदूर पहुंचे छत्तीसगढ़ दूसरे राज्यों से लौटे प्रवासी मजदूरों में राजनांदगांव जिले के कुल 130 मजदूर शामिल हैं. इनमें बच्चे और महिलाएं भी शामिल हैं, वहीं 45 मजदूर कवर्धा जिले के हैं. रेलवे स्टेशन में पहुंचते ही श्रमिकों के चेहरे से खुशी की चमक देखने को मिली. वहीं मजदूरों ने घर वापसी के लिए शासन प्रशासन को धन्यवाद दिया है. साथ ही कहा है कि 'सरकार का यह प्रयास सबसे सराहनीय है, जिसके कारण ही वे अपने घर लौट पाए हैं'. पहले हुआ स्वास्थ्य परीक्षण
ट्रेन से उतरते ही कवर्धा जिले के मजदूरों की मेडिकल जांच कराई गई. इसके बाद उन्हें बस में बैठाकर कवर्धा के लिए रवाना किया गया. वहीं राजनांदगांव के मजदूरों को बस से रैनबसेरा में लाया गया, जहां उनका मेडिकल टेस्ट किया गया. बता दें कि मजदूरों को रैन बसेरा में क्वॉरेंटाइन की अवधि काटनी होगी. इसके बाद ही वे अपने गांव जा पाएंगे.
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रेलवे स्टेशन रहा सील
प्रवासी मजदूरों के लौटने के दौरान पूरे रेलवे स्टेशन को सील करके रखा गया था. कोरोना का संक्रमण न फैले इस बात को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने रेलवे स्टेशन को सील करके रखा था. वहीं मजदूरों की व्यवस्था में 85 कर्मचारी लगाए गए थे. जबकि स्पेशल ट्रेनों के रवाना होने के बाद पूरे रेलवे स्टेशन को सैनिटाइज किया गया है. ताकि संक्रमण का खतरा न रहे. इस मामले में एसडीएम ओंकार यदु का कहना है कि 'मजदूरों को क्वॉरेंटाइन में सुविधा के साथ रखा जाएगा. वहीं मेडिकल जांच के बाद संक्रमण की स्थिति नहीं होने पर ही उन्हें घर वापस भेजा जाएगा'.