राजनांदगांव : शहर का श्रमिक बाहुल्य इलाका लखोली जहां के मजदूर शहर के तकरीबन हर व्यवसायिक प्रतिष्ठान में अपनी सेवाएं देते हैं. या यूं कहें कि लखोली इलाके के मजदूरों की बदौलत शहर का बड़ा से बड़ा और छोटे से छोटा व्यापार चलता है. यहां से मिलने वाली मैन पावर की बदौलत पूरा शहर आर्थिक रूप से पटरी पर दौड़ता है. यहां के मजदूर व्यापारियों से लेकर उद्योगपतियों तक के लिए कड़ी मेहनत और मशक्कत करते हैं. लेकिन आज ये मजदूर परिवार के साथ दाने-दाने को मोहताज हो रहे हैं. ना ही मजदूरों को शहर में कहीं काम मिल पा रहा है और ना ही कोई सरकारी मदद. यहां तक की कोई नेता भी यहां पर झांकने नहीं जा रहा है.
लखोली में कोरोना वायरस का संक्रमण तेजी से फैला और करीब सवा सौ से ज्यादा लोग संक्रमित हो गए. इसके बाद से कंटेनमेंट जोन घोषित करते हुए प्रशासन ने इलाके को सील कर दिया. इस कार्रवाई के बाद प्रशासन ने लखोली की ओर मुड़कर नहीं देखा और ना ही यह जानने की कोशिश की कि आखिर श्रमिक बाहुल्य इलाके के लोग बिना मजदूरी के कैसे अपना पेट भर पाएंगे. हद तो तब हो गई जब इस इलाके में नेता भी मदद करने नहीं पहुंचे.
सबसे बड़ी तकलीफ मजदूरों के सामने यह है कि अब पूरे शहर में उन्हें कहीं भी काम नहीं मिल रहा है. लखोली इलाके को प्रशासन ने कंटेनमेंट जोन घोषित कर दिया इसके चलते शहर के व्यापारियों और उद्योगपतियों का लखोली के मजदूरों से सीधे संपर्क कट गया. संक्रमण के खतरे को देखते हुए सभी ने लखोली के मजदूरों से नाता ही तोड़ दिया, ऐसी मुश्किल घड़ी में भी मजदूरों को अपने मालिकों से मायूसी ही हाथ लगी है. सबने मदद के लिए हाथ खड़े कर दिए यहां तक की काम देने से भी मना कर दिया. अब हालात यह है कि मजदूरों को दो वक्त के खाने को लेकर भी जद्दोजहद करनी पड़ रही है.
20 हजार की आबादी प्रभावित