दरअसल, 6 महीने पहले जनपद पंचायत राजनांदगांव से रोजगार सहायक के पद पर पंचायतों में नियुक्ति के लिए बेरोजगारों से आवेदन मंगाए गए थे. आवेदन पत्रों की छंटनी के बाद मेरिट सूची जारी की गई. जिसमें बम्हनी ग्राम पंचायत के रोजगार सहायक के पद के लिए हितेश कुमार का चयन किया गया, लेकिन उसे अबतक नियुक्ति नहीं दी गई है.
बताते हैं कि जनपद पंचायत राजनांदगांव में कार्यरत तीन रोजगार सहायकों को पूर्व कलेक्टर भीम सिंह ने बर्खास्त कर दिया था. इसके बाद बर्खास्त रोजगार सहायकों ने कोर्ट की शरण ली जिसपर हाईकोर्ट ने सभी को फिर से बहाल करने के आदेश जारी कर दिये. जिसपर आनन-फानन में पूर्व कलेक्टर भीम सिंह ने तीनों रोजगार सहायकों को फिर से नियुक्ति दे दी. जिसमें बम्हनी ग्राम पंचायत के लिए रोजगार सहायक को नियुक्त कर दिया गया.
जबकि जनपद पंचायत राजनांदगांव ने इस पद के लिए अलग से वैकेंसी निकाल दी थी और चयन प्रक्रिया भी लगभग पूरी हो चुकी थी, लेकिन कलेक्टर के आदेश के चलते बाकी रोजगार सहायक को बम्हनी ग्राम पंचायत में नियुक्ति दे दी गई. इधर, रोजगार सहायक के लिए चयनित हितेश कुमार साहू की नियुक्ति वहां पर संभव नहीं है, क्योंकि पंचायत में एक ही रोजगार सहायक का पद रिक्त था.
अब हितेश कुमार ने जनदर्शन के माध्यम से नए कलेक्टर जय प्रकाश मौर्य से गुहार लगाई है, लेकिन अभी तक उसे नियुक्ति के लिए कोई आश्वासन नहीं मिला है. वहीं दूसरी ओर जनपद पंचायत विभाग में जहां उसकी नियुक्ति होनी है. वहां भी अधिकारी इस मसले में पल्ला झाड़ने में लगे हैं. मामले में सीईओ डीके चंद्राकर मामले में कुछ भी नहीं बोल रहे हैं.
6 माह से भटक रहा है हितेश
हितेश कुमार दिव्यांग है और बीते 6 महीने से जनपद पंचायत राजनांदगांव और जिला पंचायत सहित कलेक्टर के दफ्तर का चक्कर काट रहा है, लेकिन अधिकारियों का टालमटोल रवैया अब तक नहीं सुधरा है. इसके चलते हितेश को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.