रायपुर:21 नवंबर (21 November) को विश्व टेलीविजन दिवस (World Television Day) है. आइए हम आपको इसके इतिहास (History)के बारे में बताते हैं कि आखिरकार कहां टीवी का पहला टावर(TV tower) लगा था. दरअसल, अविभाजित मध्यप्रदेश (Undivided madhya pradesh) के रायपुर (Raipur) में सबसे पहले टीवी टावर लगा था. आज हम आपको उस टावर से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण तथ्यों की जानकारी देंगे. इसके अलावा दूरदर्शन में रुकावट के लिए खेद कब (RUKAWAT KE LIYE KHED) और क्यों लिखा जाता था. ये भी हम बताएंगे.
इन सभी जानकारी के लिए ईटीवी भारत ने दूरदर्शन से रिटायर्ड अधिकारी अजीत कादिर से खास बातचीत की. आईए सवाल-जवाब के माध्यम से उनसे जानते हैं टीवी के इतिहास के बारे में...
सवाल : अजीत जी अविभाजित मध्यप्रदेश में सबसे पहले टीवी टावर कहां लगा था?
जवाब :अविभाजित मध्यप्रदेश में सबसे पहले टीवी टावर रायपुर, जो कि मौजूदा समय में छत्तीसगढ़ की राजधानी है वहां लगाया गया था. यह टीम टावर 1977 लगाया गया था. उस समय 6 टीवी टावर लगाए जा रहे थे. उसमें से रायपुर का भी एक टीवी टावर शामिल था.उस समय विद्याचरण शुक्ल केंद्रीय मंत्री थे, उनके रहते टीवी टावर लगा. जब मैंने 1987 में दूरदर्शन मैं ज्वाइन किया, उस दौरान फिल्म कैमरे से रिकॉर्डिंग होती थी. प्रोसेसिंग के लिए दिल्ली मुंबई भेजा जाता था और वहां से प्रोसेसिंग होकर फिल्म और न्यूज सेक्शन में जाता था. वहां से इसका प्रसारण होता था. उसके बाद ट्यूब कैमरा आया. जो बहुत भारी होता था. लगभग 14 किलो वजन का होता था, उसे कैरी करना काफी मुश्किल भरा काम होता था. उसमें कैमरा अलग और रिकॉर्ड अलग होता था. उस दौरान काफी अलग काम होता था, जिसमें कई तरह की दिक्कतें भी होती थी. हालांकि बाद में काफी बदलाव हुआ. पहले बड़े कैमरे आते थे. अब धीरे-धीरे उसका स्वरूप छोटा हो गया. फिल्म रील की जगह कैसेट और अब चिप रिकॉर्डिंग होने लगी है. उस जमाने और आज के समय में काफी बदलाव आ चुका है. पूरा एडिटिंग सिस्टम भी एनालॉग था.
सवाल : क्या उस समय कैमरा हैंडल करने सहित एडिटिंग करना काफी दिक्कत भरा काम होता था?
जवाब : आज के समय में सब आसान हो गया है. डिजिटल क्रांति आने के बाद तो और भी आसान हो गया है. नहीं तो पहले कैमरे में रिकॉर्ड करने से लेकर एडिटिंग करने का प्रोसीजर काफी लम्बा होता था. पहले अगर रिकॉर्डिंग के दौरान कोई गलती होती है, तो उसे आप एडिट नहीं कर सकते थे. हमें कार्यक्रम फिर से पूरा रिकॉर्ड करना पड़ता था क्योंकि उस समय एडिट का कोई ऑप्शन नहीं होता था.
सवाल: दूरदर्शन में 'रुकावट के लिए खेद है' कब और क्यों लगाया जाता था ?
जवाब : उस दौरान एक कैसेट में एक कार्यक्रम की रिकॉर्डिंग होती थी और जब बीच में दूसरी कैसेट लगाई जाती थी, तो उस बीच जो गैफ आता था उसे भरने के लिए 'रुकावट के लिए खेद है' लिखा जाता था. जो कहीं ना कहीं काफी चर्चा का विषय रहा. आज भी लोग इस बात की चर्चा करते हैं. उस दौरान जब रुकावट के लिए खेद लगाया जाता था. तो लोग पानी पीने या फिर कुछ छोटा-मोटा काम भी निपटा लेते थे.या यूं कहें कि उस समय विज्ञापन नहीं हुआ करता था. जिसकी जगह रुकावट के लिए खेद का इस्तेमाल किया जाता था.
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सवाल : उस दौरान टेलीविजन एंटीना काफी चर्चित रहा है. जरा सा एंटीना हिला कि पिक्चर गायब हो जाती थी और उसे फिर सेट करना पड़ता था.. जरा इसके बारे में बताएं.