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SPECIAL: कोरोना काल में डबल जिम्मेदारियों के साथ भी मुस्कुरा रही हैं ये वॉरियर्स

राजधानी रायपुर में कोरोना काल के दौरान कामकाजी महिलाओं की जिम्मेदारी अब और भी ज्यादा बढ़ गई है. घर और दफ्तर में अपना दायित्व बखूबी निभाने वाली इन महिलाओं से ETV भारत की टीम ने ये जानने की कोशिश की गई कि पहले और अब की जिंदगी और दैनिक दिनचर्या में कैसे बदलाव आए. घर और बाहर दोनों को वे कैसे मैनेज कर रही हैं.

working women during corona pandemic
कोरोना काल में महिलाओं का दायित्व

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Published : Jul 16, 2020, 10:48 PM IST

रायपुर: किसी पता था कि एक दौर ऐसा भी आएगा, जब हमें अपनी जिंदगी एक वायरस के साथ जीने की आदत डालनी होगी. कोरोना वायरस ने धीरे-धीरे पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले लिया. हमने इस बीमारी के दौर में बचाव के साथ जीने की कोशिश भी शुरू कर दी. इस संक्रमण काल में सभी जिम्मेदारों ने अपना दायित्व बखूबी निभाया. कोरोना वॉरियर्स को दुनिया ने सैल्यूट भी किया. लेकिन हम ऐसे कोरोना योद्धाओं को भूल रहे हैं, शायद अगर वे न होते तो घर और बाहर की जिम्मेदारी कौन संभालता.

डबल जिम्मेदारियों के साथ भी मुस्कुरा रही हैं ये वॉरियर्स

छत्तीसगढ़ में हर क्षेत्र में महिलाओं ने अपने काम का परचम लहराया है. कोरोना संकट के दौरान भी डॉक्टर, नर्स, पुलिसकर्मी, शासकीय अधिकारी-कर्मचारी, सफाईकर्मी और कई पद पर पदस्थ महिलाओं ने बैखौफ काम किया है. घर से लेकर दफ्तर तक और दफ्तर से लेकर सब्जी मंडी तक हर काम का जिम्मा उठाने के बाद भी इस महामारी के दौर में भी वे शिद्दत से अपना काम कर रही हैं.

ETV भारत की टीम ने राजधानी रायपुर में ऐसी कई कोरोना वॉरियर महिलाओं से बात किया, जो लगातार अब अपने काम में लगी हुई हैं. उनसे ये जानने की कोशिश की गई कि पहले और अब की जिंदगी और दैनिक दिनचर्या में कैसे बदलाव आए. घर और बाहर दोनों को वे कैसे मैनेज कर रही हैं.

ट्रैफिक कॉन्सटेबल ने कहा- 'हर चुनौती में देती रहेंगी सेवा'

ट्रैफिक कॉन्सटेबल पी सोनी ने बताया कि वह भिलाई में रहती हैं और उनकी पोस्टिंग रायपुर में है. इस वजह वह रोजाना भिलाई से आना-जाना करती हैं. उन्होंने बताया कि इस मुश्किल की घड़ी में सबसे ज्यादा जरूरी है अपनी जिम्मेदारियों को अच्छी तरह निभाना चाहे वह घर की जिम्मेदारी हो फिर सड़क व्यवस्था संभालने की. वे बताती हैं कि चौक-चौराहों में ड्यूटी के वक्त वह सभी तरह की सावधानियां बरतती हैं. मास्क लगाती हैं और लोगों से दूरी बनाकर रखती हैं. समय-समय पर हाथों को सैनिटाइज करती रहती हैं. अपनी ड्यूटी खत्म करने के बाद वह घर जाती हैं, तो पहले खुद को पूरी तरह से सैनिटाइज करती हैं. जिसके बाद ही अंदर जाती हैं. वे कहती हैं कि कितनी भी चुनौतियां आएं, वे लगातार इसी तरह अपनी सेवाएं देती रहेंगी. हालांकि वो ये भी कहती है कि जिम्मेदारियां बढ़ गई हैं.

टीआई ने कहा- 'खुद को सुरक्षित रखना ज्यादा जरूरी'

खम्हारडीह टीआई ममता शर्मा अली ने बताया कि कोरोना संकट के इस दौर में वे लगातार अपने पुलिस साथियों के साथ काम कर रहीं हैं. राज्य सरकार के जारी किए गए आदेशों का पालन करते हुए अपना दायित्व निभा रहीं हैं. उन्होंने बताया कि पहले के मुकाबले अब काम करने के तरीकों में काफी कुछ बदलाव आया है. अब मास्क पहनना, सोशल डिस्टेंसिंग मेंटेन करना, खुद को बार-बार सैनिटाइज करना जीवन के रूटीन में शामिल हो चुका है. वहीं घर को लेकर भी टीआई ममता कई सावधानियां बरतती हैं. वे बताती हैं कि घर जाने पर अपना यूनीफॉर्म बाहर रखकर और खुद को पूरी तरह सैनिटाइज कर वह घर के अंदर जाना होता है. उनका कहना है कि बहुत जरूरी है खुद को सुरक्षित रखना, क्योंकि जब हम खुद को सुरक्षित रखेंगे तभी घर में रहने वाले सदस्य सुरक्षित रहेंगे. वे बताती हैं कि बच्चों को लेकर खास ख्याल रखती हैं, जिससे संक्रमण का डर न हो.

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प्राइवेट कंपनी में काम कर रही महिलाओं से बातचीत करने पर उन्होंने बताया कि रोजाना कैसे वे खुद का ख्याल रखते हुए ऑफिस जाती हैं. ऑफिस में काम करते वक्त भी वे मास्क लगाती हैं और बार-बार हाथों को सैनिटाइज करती हैं. इसके अलावा उन्होंने बताया कि घर पर दिक्कत होती है क्योंकि अब घर का काम करने वाली मेड्स भी नहीं मिल रही है. उनके सामने ये बड़ी चुनौती खड़ी हो गई है कि उन्हें घर का पूरा काम भी करना पड़ता है और फिर ऑफिस भी आना होता है. वे कहती हैं कि सभी नियमों के साथ ही वह अपनी सभी जिम्मेदारियों का वहन कर रही हैं. इसके साथ ही बच्चों का भी ध्यान रख रही हैं.

इसके अलावा महिलाओं ने बताया कि बाजार से लाई हुई सब्जियों को वे किस तरह से साफ करती हैं. एक बार ठंडे पानी फिर दोबारा गर्म पानी से सभी सब्जियों को साफ किया जाता है, जिसके बाद ही पकाया जाता है. बच्चों को लेकर महिलाओं ने बताया कि दूध पैकेट को घर लाने के बाद पैकेट को पानी से धोया जाता है. इसके साथ ही पूरे घर की साफ-सफाई का ख्याल भी वे रख रही हैं. कोरोना काल में काम का बोझ महिलाओं पर ज्यादा बढ़ा है. ये छोटे-छोटे काम जिन्हें करने में पहले कुछ मिनट लगते थे, अब वही घंटे में बदल गए है.

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कोरोना काल ने जीवन की कठिनाई बढ़ा दी है, या यूं कहे कि इस महामारी ने हर इंसान को अनुशासन सीखा दिया. लोग साफ-सफाई को तवज्जो देने लगे. वहीं बात जब महिलाओं की होती है तो भगवान ने पहले ही औरत को बेहद सौम्य बनाया और शारिरिक तौर पर संवेदनशील बनाया है. कोरोना वॉरियर्स ने ये साबित कर दिया कि वे सहनशील के साथ ताकतवर भी हैं. जो हर दिन इस महामारी के दौर में भी बिना किसी डर के अपनी जिम्मेदारियों के निभाने के लिए हंसते-मुस्कुराते जिंदादिली के साथ निकल जाती हैं. ETV भारत सभी महिला कोरोना वॉरियर्स को सलाम करता है.

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