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राजधानी रायपुर में सुरक्षा को लेकर क्या सोचती हैं महिलाएं, जानिए ? - छत्तीसगढ़ में महिला उत्पीड़न के मामले

छत्तीसगढ़ की महिलाएं खुद को असुरक्षित मान रही हैं. रायपुर पुलिस की ओर से जारी आंकड़ों में पिछले 6 माह में महिलाओं के साथ हुए अत्याचार के मामले चौंकाने (women harassment cases in chhattisgarh) हैं.

Women are unsafe in Raipur
रायपुर में महिलाएं हैं असुरक्षित

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Published : Jul 27, 2022, 11:41 PM IST

Updated : Jul 30, 2022, 11:49 AM IST

रायपुर:छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में इन दिनों महिलाएं खुद को असुरक्षित महसूस कर रही (women harassment cases in chhattisgarh) हैं. घर के बाहर ही नहीं, बल्कि घर में भी महिलाओं का उत्पीड़न हो रहा है. इस साल जनवरी से लेकर जून तक दुष्कर्म, दहेज उत्पीड़न सहित महिलाओं के साथ घटित अन्य अपराध के आंकड़े इसकी गवाही दे रहे हैं. यह हकीकत पुलिस विभाग से मिले आंकड़ों से सामने आये हैं.

रायपुर में महिलाएं हैं असुरक्षित !

इन आंकड़ों पर गौर करें तो पता चलता है कि रायपुर में महिलाएं सुरक्षित नहीं है. जिले के किसी न किसी थाने में हर रोज महिला उत्पीड़न की शिकायतें सामने आती रहती (Cases of atrocities on women in Raipur ) है. पुलिस इन मामलों में त्वरित कार्रवाई की बात कर रही है, लेकिन जिस तरह के मामले सामने आ रहे हैं. उससे महिला सुरक्षा सवालों के घेरे में हैं.

6 माह में 10 महिलाओं की हत्या: रायपुर पुलिस से मिले आंकड़ों के मुताबिक जिले में पिछले 6 माह यानी जनवरी से जून के बीच 10 महिलाओं की हत्या हुई है. दुष्कर्म की बात करें तो 138 मामले दर्ज किए गए हैं. शहर में छेड़छाड़ के मामलों में ज्यादा कमी नहीं आई है. इसके 98 मामले शहर के अलग-अलग थानों में दर्ज हुए हैं. दहेज प्रताड़ना के 104 प्रकरण सामने आए हैं. इन छह माह में महिलाओं पर होने वाले अपराध के 1043 मामले दर्ज किए गए हैं, जो कि बेहद ही चौंकाने वाले हैं.

रायपुर में महिलाएं नहीं हैं सुरक्षित:महिलाओं पर हो रहे अत्याचार और शोषण को लेकर रायपुर की महिलाओं में आक्रोश देखने को मिला. ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान रायपुर की डिगेश्वरी साहू ने कहा, "राजधानी में महिलाएं असुरक्षित है. अपराध लगातार बढ़ते जा रहे हैं. इसमें सरकार जिम्मेदार है. क्योंकि उनकी कानून व्यवस्था बेहतर नहीं है. पेट्रोलिंग और स्ट्रीट लाइटें बेहतर होंगी तब जाकर अपराध रोका जा सकता है." वहीं, कंचनलता कहती हैं, "शहर में बलात्कार के मामले बढ़ते जा रहे हैं. पुलिस और प्रशासन को महिलाओं की सुरक्षा पर ध्यान देने की जरूरत है." इसी के साथ कई महिलाओं ने पुलिस के साथ सरकार को भी इसके लिए जिम्मेदार ठहराया है.

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क्या कहते हैं अफसर:इस विषय में ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान आईएसीयूडब्लू एएसपी कंचन तिवारी कहती हैं, "महिलाओं के साथ जब भी कोई अपराध घटित होता है तब पुलिस तत्परता से कार्य करती है. पुलिस की ओर से समय-समय पर जागरूकता अभियान भी चलाया जाता है. जिसमें महिलाओं को उनके अधिकारों के बारे में बताया जाता है. साथ ही महिला रक्षा टीम का हेल्प लाइन नंबर भी दिया जाता है. हमारे ओर से जारी किया नम्बर 9479190167 है. इस पर यदि कोई भी पीड़ित महिला कॉल करती हैं तो उस पर महिला पुलिसकर्मी बात कर उनकी समस्या का निपटान करती है."

Last Updated : Jul 30, 2022, 11:49 AM IST

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