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छत्तीसगढ़ की महिला कांग्रेस सांसदों ने कहा- 'अपराध बढ़ रहे हैं, शराब बंद होनी चाहिए'

छत्तीसगढ़ में शराबबंदी(demand of ban on liquor in chhattisgarh) का मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है. सत्ता में आने के पहले कांग्रेस ने अपने जन घोषणापत्र में पूर्ण शराबबंदी का वादा किया था, लेकिन ढाई साल बाद भी शराबबंदी को लेकर बघेल सरकार ने अपना रूख साफ नहीं किया है. लेकिन राज्यसभा सांसद फूलो देवी नेताम (Phulo Devi Netam)और राज्यसभा सांसद छाया वर्मा(MP Chhaya Verma) ने कहा है कि प्रदेश में शराबबंदी होनी चाहिए.

demand of ban on liquor in chhattisgarh
शराबबंदी की मांग

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Published : Jun 17, 2021, 8:45 PM IST

Updated : Jun 17, 2021, 10:42 PM IST

रायपुर:छत्तीसगढ़ में शराबबंदी कामुद्दा सियासत के केंद्र में है. महिला कांग्रेस सांसदों की मांग है कि अब छत्तीसगढ़ में पूर्ण शराबबंदी (demand of ban on liquor in chhattisgarh) होनी चाहिए. हालांकि कांग्रेस की महिला नेता खुलकर तो कुछ नहीं बोल रही हैं लेकिन उन्होंने इस बात का पूरा समर्थन किया है कि प्रदेश में पूर्ण शराब बंदी हो.

छत्तीसगढ़ में शराबबंदी का मांग

इस बार 'छत्तीसगढ़ में पूर्ण शराबबंदी' की मांग सामाजिक संगठन या फिर विपक्षी दल नहीं कर रहे हैं, बल्कि सत्ता पर काबिज कांग्रेस पार्टी की महिला विंग कर रही है. ईटीवी भारत ने युवाओं में बढ़ते नशे और उसकी वजह से हो रहे रेप की वारदातों समेत कांग्रेस के जन घोषणा पत्र में किए गए वादों को लेकर राज्यसभा सांसद एवं महिला कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष फूलो देवी नेताम (Phulo Devi Netam) और राज्यसभा सांसद छाया वर्मा (MP Chhaya Verma) से सवाल किया. दोनों ने छत्तीसगढ़ में पूर्ण शराबबंदी की बात एक स्वर में कही. हालांकि शराबबंदी की प्रक्रिया पर दोनों के बयान थोड़े अलग जरूर हैं.

'एकाएक नहीं हो सकती शराबबंदी'

कांग्रेस ने घोषणा पत्र जारी किया था. गंगाजल लेकर शराबबंदी की कसमें खाई थी. लेकिन अब सत्ता में आने के बाद जिस शराबबंदी को घोषणा पत्र में शामिल किया था उस पर अमल नहीं किया. इसके जवाब में सांसद छाया वर्मा ने कहा कि चुनाव के समय बहुत सारे मुद्दे थे. बहुत सारे विषयों को लेकर हम चुनाव में गए और जनता ने हमें चुनकर भेजा है. शराबबंदी भी एक मुद्दा था. बहुत सारे वादे सरकार ने पूरे किए हैं, कुछ बचे हैं. शराबबंदी की बात की जाए तो इसे एकाएक बंद नहीं किया जा सकता.

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छाया वर्मा ने कहा कि आप देख सकते हैं कि गुजरात और बिहार में शराबबंदी है, लेकिन शराब से सबसे ज्यादा राजस्व उन्हीं राज्यों में आ रहा है. यह कैसी शराबबंदी है. हमारी सरकार नहीं चाहती है कि ऐसी शराबबंदी हो. शराबबंदी होनी चाहिए लेकिन उसका एक तरीका है. कांग्रेस ने कमेटी गठित की है. कमेटी के लोग सभी वर्गों से मिलकर एक रिपोर्ट तैयार करेंगे. उसके बाद शराबबंदी होगी.अभी सिर्फ ढाई साल ही बीते हैं. वादे पूरे करने में ढाई साल अभी बाकी है. हमारी सरकार हर वादे को पूरा करती है.

शराब के कारण छत्तीसगढ़ में बढ़ रहे अपराध !

आज नाबालिग शराब की गिरफ्त में आते जा रहे हैं और बलात्कार की वारदात को अंजाम दे रहे हैं. इस सवाल के जवाब में छाया वर्मा ने कहा कि निश्चित रूप से यह गंभीर मामला है. कहीं ना कहीं शराब के कारण दुष्परिणाम देखने को मिल रहा है. सरकार इस दिशा में काम करने के लिए प्रेरित है. बहुत जल्द इसका परिणाम सामने आएगा और शराबबंदी जरूर होगी. शराब के कारण जो घटनाएं हो रही हैं, उस पर भी अंकुश लगेगा.

क्या महिला कांग्रेस शराबबंदी का समर्थन करती है ? इस सवाल के जवाब में छाया वर्मा ने कहा कि निश्चित रूप से सभी महिलाएं चाहती हैं कि शराबबंदी हो. शासन भी चाहता है कि शराबबंदी हो.

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सांसद फूलो देवी नेताम ने की सरकार से शराबबंदी की मांग

ETV भारत ने इस सवाल को लेकर जब राज्यसभा सांसद एवं महिला कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष देवी नेताम से बात की तो उन्होंने कहा कि प्रदेश में शराब बंद होनी चाहिए. नवयुवक साथी बिगड़ रहे हैं. आने वाली जनरेशन बिगड़ रही है. उनकी जिंदगी का सवाल है. महिला होने के नाते मैं तो यह कहूंगी गांव-देहात में लोग ज्यादा नशा करते हैं, वहां की महिलाएं ज्यादा परेशान रहती हैं 'मैं छत्तीसगढ़ सरकार से मांग करूंगी कि प्रदेश में शराब बंद हो'

कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर सरकार लेगी फैसला

छत्तीसगढ़ में आपकी ही सरकार है, बावजूद इसके शराबबंदी क्यों नहीं हो रही है. जिसके जवाब में फूलो देवी ने कहा कि सीएम भूपेश बघेल निश्चित तौर पर इस विषय पर संवेदनशील हैं. वह जरूर सोचेंगे कि छत्तीसगढ़ में पूर्ण शराब बंद हो. क्योंकि हर मांग को जिस तरह से उन्होंने सरलता से पूरा किया है, उसी तरह धीरे-धीरे इस मांग को भी पूरा करेंगे. इसके लिए कमेटी गठित की गई है. उसकी रिपोर्ट के आधार पर आगे सरकार निर्णय लेगी.

कांग्रेस पार्टी की महिला विंग ने ही की शराबबंदी की मांग

बता दें कि प्रदेश में पूर्ण शराबबंदी की मांग अब तक विपक्षी दल या फिर सामाजिक संगठन करते आए थे, लेकिन इस बार सत्ता पर काबिज कांग्रेस पार्टी की महिला विंग ने इस मामले को उठाया है. जो कहीं ना कहीं कांग्रेस सरकार के लिए मुसीबत खड़ी कर सकता है. वहीं महिला कांग्रेस ने प्रदेश में शराबबंदी की मांग ने कहीं न कहीं विपक्षी दल को भी बैठे-बैठाए एक मुद्दा दे दिया है.

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शराबबंदी को लेकर सरकार के पास जवाब नहीं

छत्तीसगढ़ में शराबबंदी का मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है. सत्ता में आने के पहले कांग्रेस ने अपने जन घोषणापत्र में कहा था कि सरकार आने के बाद छत्तीसगढ़ में पूर्ण शराबबंदी की जाएगी, लेकिन ढाई साल बाद भी अब तक शराबबंदी को लेकर सरकार ने अपना रूख साफ नहीं किया है. अब देखने वाली बात है कि इस मामले को लेकर सरकार का अगला कदम क्या होता है ?

Last Updated : Jun 17, 2021, 10:42 PM IST

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