रायपुर:छत्तीसगढ़ में नए डीजीपी की तलाश शुरू हो गई है. डीजीपी को लेकर सरकार ने मंथन शुरू कर दिया है. संभावना जताई जा रही है कि जल्द ही प्रदेश में नए डीजीपी नियुक्ति किये जा सकते हैं. वर्तमान में डीएम अवस्थी छत्तीसगढ़ के डीजीपी हैं, लेकिन अब राज्य सरकार उनकी जगह दूसरे आईपीएस को डीजीपी बना सकती है. वहीं डीजीपी की दौड़ में सीनियर आईपीएस में आर के विज, लांग कुबेर, मुकेश गुप्ता, संजय पिल्ले और अशोक जुनेजा शामिल हैं.
जानकारी के मुताबिक 17 दिसंबर 2018 को भूपेश बघेल ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली और 19 दिसंबर को डीजीपी एएन उपाध्याय को हटाकर, उन्हें पुलिस हाउसिंग कॉरपोरेशन भेजा गया. उपाध्याय की जगह नए डीजीपी बनाए जाने की प्रक्रिया शुरू की गई, जिसमें गिरधारी नायक का नाम सबसे ऊपर था, क्योंकि वह सबसे सीनियर आईपीएस थे. भूपेश सरकार ने गिरधारी नायक को डीजीपी बनने के संकेत भी दे दिए थे, लेकिन यह बात सामने आई कि गिरधारी नायक को डीजीपी नहीं बनाया जा सकता है, क्योंकि उनके रिटायरमेंट में 1 साल से कम का समय बचा था. सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के अनुसार जिन आईपीएस अफसरों के रिटायरमेंट में 1 साल से कम समय बचा हो, उनके नाम आगे नहीं बढ़ाया जाता है. इसके बाद गिरधारी नायक डीजीपी का नाम सामने आ रहा है.
डीएम अवस्थी के अलावा नहीं था दूसरा विकल्प
गिरधारी नायक के दौड़ से बाहर होने के बाद सरकार के पास आईपीएस डीएम अवस्थी को डीजीपी बनाने के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं था. अवस्थी 1986 बैच के आईपीएस है. उन्हें दिसंबर 2018 में डीजीपी बनाया गया, लेकिन अब भूपेश सरकार पुलिस विभाग में बड़ा फेरबदल करने का मन बना रही है. प्रदेश की कमान डीएम अवस्थी की जगह दूसरे आईपीएस को सौंपने की तैयारी में है.
यह आईपीएस है डीजीपी की दौड़ में शामिल
डीजीपी की दौड़ में सीनियर आईपीएस में आर के विज, लांग कुबेर, मुकेश गुप्ता, संजय पिल्ले और अशोक जुनेजा शामिल हैं. क्योंकि मुकेश गुप्ता वर्तमान में निलंबित चल रहे हैं, इसलिए उनकी नाम की चर्चा कम है.
आईपीएस स्वागत दास भी हो सकते हैं दौड़ में शामिल
आईबी के स्पेशल डायरेक्टर स्वागत दास का भी नाम सामने आ रहा हैं. स्वागत दास छत्तीसगढ़ बनने के पहले ही केंद्र में डेपुटेशन पर चले गए थे, लेकिन अब लंबे समय तक भारत सरकार में काम करने के बाद उनके वापस छत्तीसगढ़ लौटने की संभावना कम है. क्योंकि आज वे सेंट्रल में अच्छे पद पर काम कर रहे हैं, ऐसे में उस छत्तीसगढ़ आने के आसार कम ही नजर आ रहे हैं, लेकिन वे यदि छत्तीसगढ़ आते हैं तो उनके डीजीपी बनने की संभावना कहीं ज्यादा है.
सबसे अंत में रिटायर होंगे डीएम अवस्थी
सीनियर आईपीएस की श्रेणी में डीएम अवस्थी सबसे बाद में रिटायर होंगे. उनके पहले साल 2021 में आर के विज और लांग कुबेर रिटायर होंगे. इसके बाद साल 2022 में मुकेश गुप्ता और फिर साल 2023 में संजय पिल्ले ओर अशोक जुनेजा रिटायर होंगे. इस साल डीएम अवस्थी का भी रिटायरमेंट है. यानी की डीजीपी डीएम अवस्थी के रिटायरमेंट में अभी करीब 3 साल बाकी है. सभी सीनियर आईपीएस की रिटायर होने के बाद उनका रिटायरमेंट होगा.
अशोक जुनेजा के डीजीपी बनने की संभावना
यदि स्वागत दास वापस छत्तीसगढ़ नहीं आते हैं तो ऐसी स्थिति में अशोक जुनेजा को डीजीपी बनने की संभावना कही ज्यादा है. अशोक जुनेजा 89 बैच के आईपीएस है. वे रायगढ़ के एडिशनल एसपी, बिलासपुर दुर्ग और रायपुर में एसपी रख चुके हैं. वे बिलासपुर और दुर्ग के आईजी भी रह चुके हैं. करीब 3 साल तक खुफिया पुलिस विभाग और फिर मंत्रालय में गृह सचिव भी रहे हैं. डायरेक्टर स्पोर्ट्स ओर ट्रांसपोर्ट कमिश्नर के तौर पर भी अपनी सेवाएं दी है. जुनेजा पुलिस मुख्यालय में खुफिया विभाग, सशस्त्र बल, प्रशासन, ट्रेनिंग विभाग और नक्सल ऑपरेशन का भी दायित्व संभाल चुके हैं. इसके अलावा जुनेजा डेपुटेशन पर 2 साल तक दिल्ली में नारकोटिक्स में रहे. इसके बाद कॉमनवेल्थ गेम में सिक्योरिटी प्रमुख का दायित्व भी उन्होंने संभाला है.
सरकार के नजदीक है जुनेजा
यह बात भी सामने आ रही है कि अशोक जुनेज सरकार के काफी नजदीक है. साथ ही उनके संबंध अन्य राजनीतिक दलों से भी अच्छे हैं. इसके अलावा जुनेजा के चीफ सेक्रेटरी आरपी मंडल से भी अच्छे संबंध हैं. यही वजह है कि वे छत्तीसगढ़ के डीजीपी बनने के प्रमुख दावेदार हैं.
डीएम अवस्थी को जाना पड़ सकता है पुलिस मुख्यालय के बाहर
यदि सरकार के द्वारा अशोक जुनेजा को डीजीपी बनाया जाता है तो वर्तमान डीजीपी डी अवस्थी को सरकार के द्वारा कहां भेजा जाता है ये देखने वाली बात होगी. 88 बैच के तीनों आईपीएस संजय पिल्ले, आर के विज और मुकेश गुप्ता को नई जगह पोस्टिंग देनी पड़ सकती है. मुकेश गुप्ता वर्तमान में निलंबित चल रहे हैं
इस वजह सेअवस्थी को नहीं हटा सकी भूपेश सरकार
डीएम अवस्थी को डीजीपी बने पौने दो साल हो गए है. उन्होंने दिसंबर 2018 को पुलिस महकमे की कमान संभाली थी. सुप्रीम कोर्ट के गाइडलाइन के अनुसार सरकार डीजीपी को 2 साल से पहले नहीं हटा सकती है. वही छत्तीसगढ़ पुलिस अधिनियम के प्रावधान है कि सरकार जब चाहे डीजीपी बदल सकती है. अब यह देखना है कि सरकार दिसंबर में 2 साल पूरा होने का इंतजार करेगी या कुछ ही दिनों में कोई बड़ा फैसला लेगी .