छत्तीसगढ़

chhattisgarh

ETV Bharat / state

आंवले की खेती प्रदेश के किसान कब और किस मौसम में करें, आइए जानते हैं...

प्रदेश में आंवले की खेती किसान कब और किस मौसम में करें. कौन सा मौसम आंवला की खेती के लिए उपयुक्त है. which season should farmers do Amla cultivationकिस जमीन पर आंवला की खेती की जाए, जिससे प्रदेश के किसानों को अधिक लाभ और मुनाफा मिल सके. आंवला की खेती पड़त भूमि या भर्री जमीन पर भी की जा सकती है. आंवला की किस्में में बनारसी, चटाईया, कृष्णा और कंचन है. इसके साथ ही नरेंद्र देव कृषि विश्वविद्यालय फैजाबाद से निकली हुई, किस्में NA- 7, NA-10 इन सभी किस्मों को छत्तीसगढ़ के किसान आसानी से लगा सकते हैं.

which season should farmers do Amla cultivation
आंवले की खेती

By

Published : Jan 2, 2023, 11:20 PM IST

आंवले की पैदावार कैसे बढ़ाएं

रायपुर:आंवले की फसल लगाते समय किसानों को कुछ बातों का ध्यान रखना आवश्यक होता है. which season should farmers do Amla cultivation किसानों को यदि अधिक लाभ और मुनाफा कमाना हो तो इन बातों का विशेष ध्यान रखने की जरूरत है. आंवले की फसल को पानी की कम आवश्यकता होती है. सबसे अनुपयोगी जमीन, जिसे पड़त भूमि के नाम से जाना जाता है. वहां पर भी किसान आंवले की खेती कर सकते हैं.

इन बातों का रखें विशेष ध्यान: इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय (indira gandhi agriculture university raipur) के वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक डॉ घनश्याम साहू ने बताया कि "उपरोक्त 4 किस्मों को लगाकर प्रदेश के किसान आंवला की खेती अच्छे से कर सकते हैं. Amla cultivation छत्तीसगढ़ के किसानों को खेतों की मेड़ पर खासतौर पर आंवला के पौधे का रोपण किया जाना चाहिए. खेतों के मेड़ पर आंवले का पौधा लगाने से खेत का इको सिस्टम भी अच्छा रहेगा. पांचवे वर्ष से आंवला पेड़ फल देना शुरू कर देगा. इससे प्रदेश के किसानों को अतिरिक्त आय होगी. raipur latest news आंवले की खेती करते समय किसानों को इस बात का भी विशेष ध्यान रखना होगा कि आंवले की खेती करने के लिए कतार से कतार की दूरी 6 मीटर और पौधे से पौधे की दूरी 6 मीटर होनी चाहिए. आंवला बहुवर्षीय फसल है."

यह भी पढ़ें:Makar sankranti 2023 : जानिए क्या है मकर संक्रांति का धार्मिक महत्व

कीट के प्रकोप से बचने कीटनाशक दवा का करें छिड़काव: इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक डॉ घनश्याम साहू ने बताया कि "इसकी खेती करने के समय गड्ढे की खुदाई करते समय लाल मिट्टी में दीमक का प्रकोप रहता है. ऐसे में दीमक से बचाव के लिए दीमक रोधी कीटनाशक दवा का प्रयोग करना चाहिए. गड्ढे की मिट्टी में 2 ग्राम दीमक रोधी कीटनाशक दवा का प्रयोग करना चाहिए. आंवला में इंडरबेला कीट का प्रकोप देखने को मिलता है, जिस पर नियंत्रण पाने के लिए किसानों को समय समय पर कीटनाशक दवा का छिड़काव करते रहना चाहिए."

ABOUT THE AUTHOR

...view details