रायपुर:अयोध्या में भगवान राम की मूर्ति की प्राणप्रतिष्ठा 22 जनवरी सोमवार के दिन होगी. उत्तर प्रदेश के अयोध्या में नवनिर्मित राम मंदिर में भगवान राम के प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा होगी. रायपुर सहित पूरे देशवासियों के लिए बड़े गौरव और हर्ष का विषय है. लोगों को इस बात का बड़ी बेसब्री से इंतजार भी है. रामलला के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में महज 11 दिन ही बचे हैं. हर शहर अयोध्या हर घर अयोध्या अभियान की शुरुआत भी पूरे देश में हो चुकी है.
मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम के जीवन से लें प्रेरणा, इन बातों का ध्यान करने से बदल जाएगा आपका जीवन - मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम
Lord Ram life: भगवान राम मर्यादा पुरुषोत्तम थे. उनका जीवन हर किसी के लिए आदर्श है. भगवान राम के जीवन से आज के दौर में लोगों को सीख लेना चाहिए. इसे लेकर ईटीवी भारत ने रायपुर के राम भक्तों से बातचीत की. आइए जानते हैं रायपुर के रामभक्तों की राय..Maryada Purushottam Ram
By ETV Bharat Chhattisgarh Team
Published : Jan 12, 2024, 5:35 PM IST
ऐसे में भगवान राम के जीवन से हमें क्या सीखना चाहिए और क्यों सीखना चाहिए. इन्हीं सवालों का जवाब ढूंढने के लिए ईटीवी भारत की टीम ने कुछ रामभक्तों से बात की. आइए जानते हैं उन्होंने क्या कहा...
- भगवान राम के जीवन से त्याग और तपस्या की मिलती है सीख: राम भक्त देहुति तिवारी ने बताया कि, "भगवान राम के जीवन से हमें यह सीख मिलती है कि त्याग और तपस्या का मार्ग अपनाकर कठिन परिस्थितियों से जूझकर लोगों को आगे बढ़ने का रास्ता दिखाएं. कठिन परिस्थितियों में रहकर भी भगवान राम ने लोगों को सत्य की राह दिखाई. आदर्श त्याग और तपस्या का परिचय लोगों को दिया. भगवान राम ने संपूर्ण देश को यह संदेश दिया कि कठिन परिस्थिति और संघर्षों के बीच कैसे जीवन बिताया जाए."
- दुख और कठिनाई से नहीं डरें: वहीं, राम भक्त यामिनी जायसवाल ने बताया कि, "भगवान राम के जीवन से हमें यह सीखने को मिलता है कि हमें दुख से नहीं घबराना चाहिए. भगवान राम के जीवन में दुख और कठिनाई ज्यादा थी. उन्होंने 14 वर्षों का वनवास काटा. अयोध्या पहुंचकर भगवान राम ने सहज तरीके से अपना राज पाट संभाला, तकलीफ और कठिन परिस्थितियां सबके जीवन में आती है. लेकिन मेहनत करने से बुरे दिन और दुख धीरे-धीरे कट जाते हैं."
- भगवान राम पुरुषोत्तम थे: राम भक्त कांति का कहना है कि, "भगवान राम हमारे आदर्श हैं. परमपिता परमेश्वर हैं. इसलिए भगवान राम को पुरुषोत्तम कहा जाता है. भगवान राम को नारायण का स्वरूप माना गया है. भगवान राम ने लोगों को यह बताया कि समाज में एक आदर्श पुत्र, पति, भाई राजा और अपनी प्रजा के साथ कैसा व्यवहार करें. इस बात की सीख भगवान राम ने दी है. भगवान राम ने लोगों को यह भी सीख दी की वह कण-कण में जीव और परमात्मा हैं. भगवान शिव जो कि कण कण में विराजमान है, उन्होंने भी राम नाम का जाप किया है. इसके साथ ही मनुष्य को अंतिम समय में ये इच्छा रहती है कि राम का ही नाम लें और राम का नाम लेते-लेते अपने प्राण त्यागें."
- भगवान राम सबको साथ लेकर चलते थे: राम भक्त अरुण कुमार पांडेय ने बताया कि, "वर्तमान परिवेश में भगवान राम का नाम ही एक ऐसा नाम है. जो वसुधैव कुटुंबकम के नाम से जाना जाता है. एक अच्छा राजा बनने के लिए कई तरह की परिस्थितियों का सामना भगवान राम ने किया था."
त्रेता युग में जन्मे भगवान श्री रामचंद्र जी को भगवान विष्णु का सातवां अवतार माना गया है. महर्षि वाल्मीकि की संस्कृत रामायण और तुलसीदास जी की अवधी में रचित रामचरितमानस में भगवान राम के जीवन का वर्णन हैं. इन ग्रंथो में बड़ी ही खूबसूरती के साथ भगवान श्री राम जी की महिमा का वर्णन किया गया है. भगवान श्री राम को मर्यादा पुरुषोत्तम भी कहा जाता है. भगवान राम पुरुषों में उत्तम थे, इसलिए उन्हें मर्यादा पुरुषोत्तम भी कहा जाता है. उन्होंने आदर्श त्याग और बलिदान का परिचय दिया.