रायपुर : हर साल मार्गशीर्ष की शुक्ल पक्ष पंचमी तिथि को विवाह पंचमी मनाई जाती है. ऐसा माना जाता है कि इस दिन मिथिला में भगवान श्रीराम ने सीता स्वयंवर जीतकर जानकी से विवाह किया था. इस शुभ अवसर पर भगवान श्रीराम और माता सीता की विशेष पूजा का विधान है. इससे सुख सौभाग्य में वृद्धि होती है,साथ ही रुके हुए सभी काम पूरे होते हैं.
भगवान राम और सीता के विवाह का नाता,विवाह पंचमी क्यों मानी जाती है शुभ ?
vivah panchami 2023 विवाह पंचमी के शुभ अवसर पर कई धार्मिक कार्य किए जाते हैं.ऐसी मान्यता है कि इस दिन की गई पूजा अभिष्ट फल देती है.Mythological belief of Vivah Panchami
By ETV Bharat Chhattisgarh Team
Published : Dec 12, 2023, 6:14 AM IST
परिवार में आती है सुख समृद्धि :विवाह पंचमी के दिन भगवान श्रीराम और माता सीता की पूजा करने से विद्या, अध्ययन और व्यापार में तरक्की होती है. वैवाहिक जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है.साल 2023 में विवाह पंचमी 17 दिसंबर 2023 को मनाया जाएगा. विवाह पंचमी के दिन हर्षण योग भी बन रहा है. ज्योतिष शास्त्र में इस योग को अत्यंत शुभ योग माना जाता है.
''हर्षण योग में राम जी और माता सीता की पूजा करने से कई गुना अधिक फल की प्राप्ति होती है. विवाह पंचमी के दिन पूजा का मुहूर्त 17 दिसंबर की सुबह 8:24 से दोपहर 12:17 तक रहेगा. इसके साथ ही दोपहर को 1:34 से दोपहर 2:52 तक रहेगा. शाम के समय पूजा का मुहूर्त 5:27 से रात 10:34 तक रहेगा.''- मनोज शुक्ला, ज्योतिषाचार्य
विवाह पंचमी की पौराणिक मान्यता : मान्यता के मुताबिक आज के दिन भगवान राम और माता सीता का विवाह हुआ था. नेपाल के जनकपुर और अयोध्या में विवाह पंचमी की खास रौनक देखने को मिलती है. हिंदू धर्म में राम सीता की जोड़ी को एक आदर्श पति पत्नी के रूप में जाना जाता है. लेकिन आज के दिन विवाह करने की मनाही होती है. ऐसा माना जाता है कि भगवान राम से विवाह करने के बाद सीता माता को उनके साथ 14 साल तक वन में रहना पड़ा. वनवास के कष्टों के बाद वापस उन्हें अग्नि परीक्षा से गुजरना पड़ा. यही नहीं भगवान राम ने गर्भवती सीता माता का परित्याग भी कर दिया था. इसके बाद उन्हें अकेले ही वन में जीवन बिताना पड़ा. भगवान राम और सीता के जीवन के दुखों को देखते हुए कोई भी माता-पिता आज के दिन अपनी संतान का विवाह करने के लिए डरते हैं. ताकि उनके बच्चों को इस तरह के दिन ना देखने पड़े.