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छत्तीसगढ़ के तीन पुलिसकर्मियों को केंद्रीय गृहमंत्री पदक सम्मान - दिव्या शर्मा

रायपुर की महिला सब इंस्पेक्टर दिव्या शर्मा समेत तीन पुलिसकर्मियों को उत्कृष्ट जांच के लिए केंद्रीय गृह मंत्री पदक मिलेगा.

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Etv Bharatछत्तीसगढ़ के तीन पुलिसकर्मियों को केंद्रीय गृहमंत्री पदक सम्मान

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Published : Aug 12, 2022, 6:28 PM IST

रायपुर : केंद्रीय गृह मंत्रालय (Union Home Ministry) ने उत्कृष्ट जांच के लिए देशभर के अलग-अलग राज्यों के 151 पुलिसकर्मियों और अधिकारियों का चयन किया है. इसमें छत्तीसगढ़ के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राजेंद्र कुमार जायसवाल, निरीक्षक दिनेश यादव और उप निरीक्षक दिव्या शर्मा शामिल हैं. पुरस्कार प्राप्त करने वाले अधिकारी और कर्मचारियों में सीबीआई के 15, महाराष्ट्र पुलिस के 11, एमपी और यूपी पुलिस के 10-10, केरल पुलिस राजस्थान पुलिस और पश्चिम बंगाल पुलिस के 8-8 और अन्य राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश के संगठनों से हैं. इनमें 28 महिला पुलिस अधिकारी भी शामिल है.

छत्तीसगढ़ के तीन पुलिसकर्मियों को केंद्रीय गृहमंत्री पदक सम्मान
किन्हें मिला पुरस्कार : होम मिनिस्ट्री द्वारा इन्वेस्टिगेशन इन एक्सीलेंस (Investigation in Excellence for the Year) फार द ईयर 2022 के लिए अलग-अलग राज्यों से पुलिस इंस्पेक्टरों की सूची जारी की है. इसमें रायपुर तेलीबांधा थाना में पदस्थ एसआई दिव्या शर्मा को भी पुरस्कृत किया जाएगा. दिव्या शर्मा ने वर्ष 2021 में दुष्कर्म के एक मामले में उल्लेखनीय कार्य करते हुए आरोपी सौतेले पिता को सजा दिलाई थी. आरोपी ने अपनी बेटी से दुष्कर्म किया था. इस मामले में सब इंस्पेक्टर दिव्या शर्मा ने उस बच्ची के इलाज का पूरा पहले खर्च उठाया था और उसकी कंडीशन काफी खराब थी. आरोपी पिता के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था और कोर्ट में चालान पेश किया गया. कोर्ट ने 30 दिनों के अंदर आरोपी को मृत्यु होने तक जेल में रहने की सजा सुनाई है.
सब इंस्पेक्टर दिव्या शर्मा
कब का है मामला : सौतेले पिता द्वारा अपनी बेटी के साथ दुष्कर्म का यह मामला 5 जून 2021 का है दोपहर को लगभग 1:00 बजे बच्ची अपने कमरे में सो रही थी. तभी अचानक उसके कमरे में उसने बच्ची के साथ दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया था. इस मामले में तेलीबांधा पुलिस ने बच्चे की मेडिकल जांच कराई बच्ची अस्पताल में भर्ती थी. जैसे ही बच्ची को अस्पताल से डिस्चार्ज किया गया. उसके बाद मामले में पुलिस ने धारा 376 और पॉक्सो एक्ट के तहत अपराध दर्ज कर आरोपी पिता को गिरफ्तार कर लिया था. कोरोना के चलते कोर्ट बंद था. जिसके बाद 14 जुलाई को मामला रायपुर के फास्ट ट्रेक कोर्ट में गया. इस मामले में ट्रायल चल रहा था. पूरा मामला दिव्या शर्मा सब इंस्पेक्टर की देखरेख में था. तेलीबांधा पुलिस ने इस मामले में 5 दिनों के अंदर चालान पेश किया. 22 जुलाई को प्रथम फास्ट ट्रेक कोर्ट के अधिकारी एडीजे सुभ्रा पचौरी की कोर्ट ने आरोपी सौतेले पिता को मृत्यु होते तक जेल में रहने की सजा सुनाई.

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