नई दिल्ली : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की. सीएम बघेल और गृह मंत्री अमित शाह के बीच नक्सलवाद के मुद्दे पर विस्तार से चर्चा हुई है. सीएम ने बताया कि नक्सल क्षेत्रों में विकास कार्यों को लेकर बातचीत हुई है. विकास की गति को रफ्तार देने और रोजगार के अवसर मुहैया कराने को लेकर मंथन हुआ है. सीएम बघेल ने बताया कि गृह मंत्री अमित शाह का सकारात्मक रुख रहा है. इसके साथ ही विभिन्न मुद्दों पर चर्चा के लिए भारत सरकार के गृह मंत्रालय के अधिकारियों और छत्तीसगढ़ के अधिकारियों की रायपुर में जल्द ही बैठक भी नियत की गई है. मुलाकात के दौरान केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने सुझावों और आग्रह पर गंभीरता पूर्वक विचार कर मांगों को पूरी करने का आश्वासन दिया है.
सीएम ने कहा कि लौह अयस्क सस्ते दर मर मिले तो बस्तर में उद्योग लगेंगे और उद्योग लगेंगे तो लोगों को रोजगार मिलेगा. उन्होंने कहा कि वहां के लोगों को मुख्यधारा में लाना होगा नहीं तो वे नक्सलियों के प्रभाव में आएंगे. नक्सलवाद से प्रभावित क्षेत्रों में रह रहे लोगों को रोजगार के जरिए ही मुख्यधारा में लाना होगा. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि बस्तर अंचल में लौह अयस्क प्रचुरता में उपलब्ध है. अगर बस्तर में स्थापित होने वाले स्टील प्लांट्स को 30 प्रतिशत डिस्काउन्ट पर लौह अयस्क उपलब्ध कराया जाए, तो वहां सैकड़ों करोड़ का निवेश तथा हजारों की संख्या में प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर निर्मित होंगे. उन्होंने कहा कि कठिन भौगोलिक क्षेत्रों के कारण बड़े भाग में अभी तक ग्रिड की बिजली नहीं पहुंच पाई है. सौर उर्जा संयंत्रों की बड़ी संख्या में स्थापना से ही आमजन की उर्जा आवश्यकता की पूर्ति तथा उनका आर्थिक विकास संभव है.
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केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और सीएम भूपेश बघेल की मुलाकात की बड़ी बातें-
- इस दौरान उन्होंने बस्तर अंचल में नक्सल समस्या को जड़ से समाप्त करने के लिए रोजगार के अवसर बढ़ाने का आग्रह किया है.
- नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में संचार सुविधा बढ़ाने, बस्तर में सीआरपीएफ की दो और बटालियन की तैनाती पर चर्चा.
- वनांचलों में लघु वनोपज, वन औषधियां तथा अनेक प्रकार की उद्यानिकी फसलें के प्रसंस्करण एवं विक्रय की व्यवस्था के लिए कोल्ड चेन निर्मित करने अनुदान दिये जाने का आग्रह किया.
- मुख्यमंत्री बघेल ने राज्य के बस्तर अंचल के सातों आकांक्षी जिलों में आजीविका के साधनों के विकास हेतु कलेक्टरों को कम से कम 50-50 करोड़ रूपये की राशि प्रतिवर्ष दिए जाने की मांग की.
- मुख्यमंत्री ने बस्तर के विकास के लिए एनएमडीसी का निजीकरण नहीं करने की बात कही, जिस पर गृह मंत्री ने विचार करने का आश्वासन दिया है.
- मुख्यमंत्री ने आजीविका विकास, नक्सल क्षेत्रों में बैंकों, सड़कों, आधारभूत संरचनाओं के विकास संबंधी मुद्दों पर गृहमंत्री से चर्चा की.
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