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वन्य प्राणियों के इलाज के लिए रायपुर और बिलासपुर में बनेंगे अत्याधुनिक अस्पताल - Government awakened on elephants death

वन्य प्राणियों के उपचार के लिए रायपुर और बिलासपुर में अत्याधुनिक अस्पताल विकसित करने के आदेश सीएम बघेल ने दिए हैं.

modern hospitals will be developed in Raipur and Bilaspur for intensive treatment of wildlife
अहम फैसला

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Published : Jun 17, 2020, 10:54 PM IST

रायपुर : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में आयोजित वन विभाग की बैठक में राज्य के ग्रामीण वनवासियों के हित में महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है. जिसमें वन्य प्राणियों के उपचार के लिए दो अत्याधुनिक और सर्व सुविधा युक्त अस्पताल विकसित करने, मैदानी अमलों पर नियंत्रण के लिए वन विभाग के द्वारा मोबाइल एप तैयार करने सहित अनेक मुद्दों पर निर्णय लिया गया. इस अवसर पर वन मंत्री मोहम्मद अकबर, गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू सहित विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे.

चिकित्सकों को प्राथमिकता से तैनात करने के निर्देश

मुख्यमंत्री ने बैठक में वन्य प्राणियों के फौरन उपचार दिलाने के मद्देनजर राजधानी रायपुर के जंगल सफारी स्थित पशु चिकित्सालय और बिलासपुर के कानन पेंडारी स्थित पशु चिकित्सालय को अत्याधुनिक और सर्व सुविधा युक्त अस्पताल के रूप में विकसित करने का निर्देश दिया है. इस दौरान चर्चा करते हुए वन मंत्री अकबर ने बताया कि वन विभाग में वर्तमान में कार्यरत पशु चिकित्सक संविदा नियुक्ति पर है, वन्य प्राणियों के उपचार के लिए विशेषज्ञ चिकित्सक बनने के पहले ही कई चिकित्सक अन्य सेवाओं में चले जाते हैं, जिसके कारण वन्यप्राणियों के उपचार में कई बार कठिनाइयां आती है. मुख्यमंत्री ने वन मंत्री अकबर के अनुरोध पर पशु चिकित्सा विभाग में कार्यरत चिकित्सकों को वन विभाग में प्रतिनियुक्ति पर लेने के निर्देश दिए. उन्होंने सभी 20 वन मण्डलों में जहां वन्य प्राणियों की संख्या ज्यादा है, वहां इन चिकित्सकों को प्राथमिकता से तैनात करने कहा है.

सीएम बघेल ने बैठक में राज्य में हाथियों सहित अन्य वन्य प्राणियों के संरक्षण पर भी विभागीय अधिकारियों के साथ विस्तृत विचार-विमर्श किया. इस दौरान उन्होंने राज्य में वन्य प्राणियों के संरक्षण के उपायोें को बेहतर बनाने सहित इनकी निगरानी के संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश दिए. राज्य में पिछले 10 वर्षाें के दौरान हाथियों सहित अन्य वन्य प्राणियों की संख्या में बढ़ोतरी दर्ज की गई है. अधिकारियों ने बताया कि राज्य में पिछले 10 वर्षाें में हाथियों की संख्या 225 से बढ़कर 290 हो गई है.

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अधिकारियों की मॉनिटरिंग की जाएगी

बैठक में वन विभाग के मैदानी अमले पर नियंत्रण और फील्ड में उनकी उपस्थिति सुुनिश्चित करने के लिए मोबाइल एप विकसित करने का निर्णय लिया गया है. इस एप के माध्यम से वन विभाग के फॉरेस्ट गार्ड से लेकर उच्च स्तर के सभी अधिकारियों की मॉनिटरिंग की जाएगी. इससे वन प्रबंधन और वन्य प्राणियों के संरक्षण में तत्काल जरूरी कदम उठाए जा सके. इसी तरह मुख्यमंत्री बघेल ने राज्य में वन्य प्राणियों और हाथियों के दल की सतत निगरानी के लिए सभी प्रभावित वन मण्डलों में 10-10 लोगों का चयन कर टीम बनाने के भी निर्देश दिए हैं.

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मोबाईल बेस्ड एलर्ट सिस्टम की सराहना

बैठक में उन्हें वन प्रबंधन समितियों के माध्यम से राशि भुगतान करने का निर्णय लिया गया. राज्य में वर्तमान में महासमुंद वन मण्डल के अंतर्गत मानव-हाथी द्वंद में नियंत्रण के लिए संचालित मोबाइल बेस्ड एलर्ट सिस्टम की सराहना करते हुए इसे धरमजयगढ़ और सूरजपुर वन मण्डल के 10-10 गांवों में लागू करने का निर्णय लिया गया.

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