रायपुर/कोरिया/गरियाबंद/महासमुंद/बीजापुर :छत्तीसगढ़ सरकार (Government of Chhattisgarh) 1 दिसंबर से धान की खरीदी शुरू करेगी. धान की खरीदी के लिए तैयारी भी जोरों पर है. पड़ोसी राज्यों से छत्तीसगढ़ में आकर लोग धान न बेच सकें, इसके लिए भी पुख्ता इंतजाम किये जा रहे हैं. इसके लिए कोरिया जिले की सभी सीमाओं की निगरानी करने टीम गठित की गई है. इसके बाद अब 1 दिसंबर कोरिया जिले से लगी छत्तीसगढ़-मध्य प्रदेश सीमा (Chhattisgarh-Madhya Pradesh border) पर निगरानी की टीम तैनात रहेगी.
बाहर से धान लाकर खपाने वालों पर होगी कार्रवाई
पड़ोसी राज्यों से धान की तस्करी को रोकने के लिए सीएम भूपेश बघेल ने अधिकारियों के निर्देश दिये हैं. सीएम बघेल (CM Baghel) ने कहा है कि हमारे अधिकारी सीमावर्ती जिला क्षेत्रों की निगरानी कर रहे हैं, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि अन्य राज्यों से धान छत्तीसगढ़ में न आने पाए. समर्थन मूल्य पर धान खरीदी प्रारंभ होने से पहले मध्यप्रदेश व छत्तीसगढ़ की सीमाएं (Madhya Pradesh and Chhattisgarh Borders Sealed) सील कर दी जाएंगी. खासकर मनेन्द्रगढ़ और भरतपुर ब्लॉक के अलग-अलग बैरियर और क्षेत्र में 24 घंटे निगरानी टीम की ड्यूटी पर तैनात रहेगी. इसके अलावा बाहर से धान लाकर खपाने वाले बिचौलियों पर कार्रवाई की जाएगी.
गरियाबंद के देवभोग में धान तस्करी के मामले ज्यादा
इधर, गरियाबंद में भी प्रशासन की लाख मुस्तैदी के बावजूद यहां ओड़िशा के धान की तस्करी रुक नहीं रही है. छत्तीसगढ़-ओड़िशा सीमा (Chhattisgarh Odisha Border) पर तीन तरफ से ओड़िशा से घिरे देवभोग विकासखंड में इसकी समस्या सबसे ज्यादा है. यही कारण है कि आएदिन बड़ी मात्रा में ओड़िशा का धान यहां जब्त भी हो रहा है. इस कारण दोनों प्रदेशों में धान की कीमत में 800 रुपये से अधिक का फर्क है. इसी की लालच में धान के व्यापारी किसी भी तरह से ओड़िशा का धान छत्तीसगढ़ में खपाने की फिराक में रहते हैं. इसको रोकने के लिए यहां 5 नए नाके भी लगाए जा रहे हैं.