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5 अगस्त को होगा गोधन न्याय योजना के तहत खरीदे गए गोबर का भुगतान - dung purchased in chhattisgarh

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गुरुवार को अपने निवास कार्यालय में बैठक ली. इस दौरान उन्होंने गोबर खरीदी की राशि के भुगतान की बात कही है. उन्होंने मुख्य सचिव को सहकारी और ग्रामीण बैंकों सहित अन्य बैंकों के अधिकारियों को इसके लिए सभी तैयारियां सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए हैं.

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कांग्रेस की बैठक

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Published : Jul 23, 2020, 6:18 PM IST

Updated : Jul 23, 2020, 6:34 PM IST

रायपुर: छत्तीसगढ़ में 20 जुलाई से गोधन न्याय योजना के तहत गोबर की खरीदी शुरू हो गई है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गोबर खरीदी के 15वें दिन यानी 5 अगस्त को गोबर विक्रेताओं को राशि का भुगतान करने की बात कही है. बताया जा रहा है कि गोबर खरीदी की राशि सीधे विक्रेताओं के खाते में डाली जाएगी.

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गुरुवार को अपने निवास कार्यालय में बैठक आयोजित की थी. इस दौरान उन्होंने गोबर खरीदी की राशि के भुगतान की बात कही है. उन्होंने मुख्य सचिव को सहकारी और ग्रामीण बैंकों सहित अन्य बैंकों के अधिकारियों को इसके लिए सभी तैयारियां सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए हैं.

नोटिस बोर्ड के जरिये दी जाएगी जानकारी

इसके अलावा मुख्यमंत्री ने गौठानों में गोबर खरीदी का समय निर्धारित करने के निर्देश भी दिए हैं. उन्होंने यह भी कहा कि गौठानों में वेटनरी डॉक्टरों और गौ-सेवकों के निरीक्षण का कार्यक्रम भी तय किया जाएगा और लोगों को नोटिस बोर्ड के जरिए इसकी जानकारी दी जाएगी.

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सीएम ने गौठानों और चारागाहों की देखभाल के लिए ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी है. उन्होंने कहा कि अन्य राज्यों से बस्तर लौटे युवाओं को वनोपज संग्रहण, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के कार्यों में और गोधन न्याय योजना से जोड़कर ज्यादा से ज्यादा रोजगार उपलब्ध कराए जाए.

बघेल ने कलेक्टर और डीएफओ से बैठक कर दिए ये निर्देश

  • युवाओं को रोजगार से जोड़ने के लिए कार्य योजना तैयार किया जाए
  • लघु वनोपजों की मार्केटिंग व्यवस्था पर विशेष रूप ध्यान दें
  • बड़ी मात्रा में वनोपज उपयोग करने वाली कंपनियों से कॉन्टेक्ट करें
  • वनोपज और वन औषधि को प्रसंस्करण करने के बाद कंपनियों को उपलब्ध कराया जाए.

वनोपज और वन औषधि को कंपनियां अपने उत्पादों में उपयोग कर सकेंगी और संग्रहणकर्ताओं को वनोपज के समर्थन मूल्य के अलावा प्रसंस्करण से होने वाले लाभ का अंश भी मिलेगा. इसके अलावा कंपनियों के नेटवर्क के माध्यम से छत्तीसगढ़ में पैदा होने वाली वनोपजों के लिए बड़ा मार्केट मिल सकेगा.

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  • आयुर्वेदिक कंपनियों को छत्तीसगढ़ में ही प्रोसेसिंग प्लांट स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित किया जाए.
  • कृषि, उद्यानिकी और वनों में उत्पादित फसलों को सुरक्षित रखने के लिए पूरे प्रदेश में कोल्ड स्टोरेज नेटवर्क स्थापित किया जाए
  • कृषि और उद्यानिकी विभाग पीपीपी मॉडल पर कोल्ड स्टोरेज का संचालन कराया जाए.

बैठक में कृषि एवं जल संसाधन मंत्री रविंद्र चौबे, वनमंत्री मोहम्मद अकबर, नगरीय प्रशासन मंत्री शिव कुमार डहरिया, स्कूल शिक्षा मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम, वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये अंबिकापुर से स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव भी शामिल हुए.

Last Updated : Jul 23, 2020, 6:34 PM IST

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