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छत्तीसगढ़ को साल 2025 तक मोतियाबिंद दृष्टिहीनता मुक्त राज्य बनाने का है लक्ष्य, कितनी पुख्ता है तैयारी ! - raipur news

लगातार घट रहे कोरोना संक्रमितों की संख्या के बीच स्वास्थ्य अब मोतियाबिंद दृष्टिहीनता मुक्ति की ओर ध्यान दे रहा है. विभाग का साल 2025 तक मोतियाबिंद दृष्टिहीनता मुक्त राज्य बनाने का लक्ष्य है. इसको लेकर सर्वे का काम भी शुरू कर दिया गया है.

Preparation for Cataract Blindness Liberation
मोतियाबिंद दृष्टिहीनता मुक्ति को लेकर तैयारी

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Published : Sep 25, 2021, 9:37 AM IST

Updated : Sep 25, 2021, 11:49 AM IST

रायपुर :प्रदेश में कोरोना संक्रमित (Corona Infected) मरीजों की संख्या लगातार कम हो रही है. इसको देखते हुए स्वास्थ्य विभाग (Health Department) अब पोस्ट कोविड और दूसरी बीमारियों से मरीजों को राहत देने में जुट गया है. राज्य सरकार के सामने प्रदेश को 2025 तक मोतियाबिंद दृष्टिहीनता मुक्त राज्य (Cataract Blindness Free State) बनाने का लक्ष्य है. इसके तहत 4 लाख लोगों को चिह्नित किया गया है. ऑपरेशन के साथ-साथ स्वास्थ्य विभाग सर्वे का भी काम कर रहा है. प्रदेश के 1-1 ब्लॉक के साथ पूरे जिले को मोतियाबिंद दृष्टिहीनता मुक्त बनाने का लक्ष्य है.

मोतियाबिंद दृष्टिहीनता मुक्ति को लेकर तैयारी
सभी जिलों में चल रहा सर्वे का काम

मोतियाबिंद दृष्टिहीनता मुक्ति के लिए सभी जिलों में सर्वे का काम चल रहा है. इसके बाद लक्ष्य निर्धारित किये जाएंगे. रायपुर जिले को 20 हजार का लक्ष्य निर्धारित है. जबकि स्वास्थ्य विभाग ने निजी अस्पतालों को मोतियाबिंद ऑपरेशन की जानकारी देने का आदेश भी दिया है. रायपुर के 24 निजी अस्पतालों में मोतियाबिंद का ऑपरेशन हो रहा है, जिसमें 11 निजी अस्पताल स्वास्थ्य विभाग को जानकारी नहीं दे रहे हैं. स्वास्थ्य विभाग इन पर कार्रवाई कर रहा है. साथ ही दो हॉस्पिटल अंबेडकर हॉस्पिटल और जिला अस्पताल में में भी मोतियाबिंद का ऑपरेशन होता है.

प्रदेश में 4 लाख लोगों का होना है ऑपरेशन

आंकड़े की बात करें तो प्रदेश में 4 लाख लोगों का मोतियाबिंद का ऑपरेशन होना है. रायपुर में अप्रैल 2021 से जुलाई 2021 तक 5 हजार 366 लोगों के ऑपरेशन किये गए हैं. जबकि 1478 लोगों ने ऑपरेशन के लिए पंजीकरण कराया है. वहीं अगस्त महीने में 1012 लोगों का ऑपरेशन किया गया है.

जिनकी दोनों आंखों में मोतियाबिंद, उन्हें प्राथमिकता

दृष्टिहीनता नियंत्रण अभियान के राज्य नोडल अधिकारी डॉक्टर सुभाष मिश्रा ने बताया कि छत्तीसगढ़ को मोतियाबिंद के कारण दृष्टिहीनता रहित करने का कार्यक्रम चल रहा है. इसके अंतर्गत विकासखंड वार मोतियाबिंद के मरीजों की पहचान की जा रही है. इसके बाद उनके ऑपरेशन किये जा रहे हैं. प्रत्येक विकासखंड के लिए शुरू के 2 महीनों में सर्वेक्षण का काम किया जाएगा. जो दोनों आंखों से पीड़ित हैं, उनके ऑपरेशन प्राथमिकता से किये जाएंगे. एक आंख में मोतियाबिंद वालों का भी ऑपरेशन होता है, लेकिन प्राथमिकता दोनों आंखों में मोतियाबिंद से दृष्टिहीनता वाले लोगों को ही दिया जाएगा जो वास्तविक दृष्टिहीन हैं.

पहले 4 महीने ऑपरेशन फिर 4 महीने में बढ़ेगी संख्या

शुरू के 4 महीने इनके नियमित ऑपरेशन किये जाएंगे जबकि बाद के 4 महीनों में विशेष अभियान चलाकर अतिरिक्त बिस्तर की व्यवस्था कर ऑपरेशन की संख्या बढ़ाई जाएगी. ऐसे 10 महीने में प्रत्येक विकासखंड को मोतियाबिंद से दृष्टिहीनता रहित करने की योजना है. जब सभी विकासखंड दृष्टिहीनता रहित हो जाएंगे तो जिले को मोतियाबिंद दृष्टिहीनता रहित माना जाएगा. राज्य के सभी 28 जिलों में इस योजना को लागू किया गया है.

सूचना नहीं दे रहे कुछ निजी अस्पताल

इधर, रायपुर सीएमएचओ डॉ मीरा बघेल ने बताया कि जिला अस्पताल और मेडिकल कॉलेज में ऑपरेशन हो रहे हैं. प्राइवेट हॉस्पिटल में भी मोतियाबिंद के ऑपरेशन हो रहे हैं, लेकिन वहां से बार-बार जानकारी देने के लिए पत्र लिखने के बावजूद कुछ प्राइवेट हॉस्पिटल जानकारी नहीं दे रहे हैं. मेरे पास उन अस्पतालों की लिस्ट आ गई है, जल्द उन पर कार्रवाई की जाएगी.


क्या होता है मोतियाबिंद

मोतियाबिंद आपकी आंखों के प्राकृतिक लेंस, जो पुतली के पीछे रहते हैं उसका धुंधलापन है. मोतियाबिंद आमतौर पर दोनों आंखों में विकसित होता है, लेकिन कभी-कभी यह केवल एक को प्रभावित करता है. अधिकांश मोतियाबिंद 40 वर्ष की आयु के बाद आमतौर पर उम्र बढ़ने के परिणामस्वरूप होते हैं. एक आंकड़े के अनुसार भारत में लगभग 80 लाख से 1 करोड़ 20 लाख तक मोतियाबिंद के मरीज हैं. दरअसल हमारी बढ़ती उम्र के साथ आपके प्राकृतिक लेंस का निर्माण करने वाले प्रोटीन आपस में चिपककर पिंड बन जाते हैं, यही पिंड मोतियाबिंद होते हैं. फिर यही धुंधलापन के कारण बनते हैं. समय के साथ वह बड़े हो सकते हैं, जिससे आंखों से दिखाई देना और कठिन हो जाता है.

ये हैं मोतियाबिंद के प्रमुख कारण
• उम्र का बढ़ना
• डायबिटीज
• अत्यधिक मात्रा में शराब का सेवन करना
• सूर्य के प्रकाश का अत्यधिक एक्स्पोज़र
• मोतियाबिंद का पारिवारिक इतिहास
• मोटापा
• आंखों में चोट लगना या सूजन
• धूम्रपान
• पहले हुई आंखों की सर्जरी
• उच्च रक्तदाब

Last Updated : Sep 25, 2021, 11:49 AM IST

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