रायपुर: एक पिता इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे बेटे की संदिग्ध मौत को लेकर राजनांदगांव से राजधानी रायपुर पहुंचा. मोतीबाग स्थित प्रेस क्लब में पत्रकार वार्ता कर बेटे की हत्या की आशंका जाहिर की है. उन्होंने आरोप लगाया है कि पुलिस ने निष्पक्ष जांच नहीं की है. बिना जांच के ही पुलिस ने मामले को आत्महत्या घोषित कर फाइल को बंद कर दिया है. उन्होंने आरोप लगाया कि उनके 22 वर्षीय बेटे अनुराग साहू की हत्या उसके दोस्तों ने मिलकर की है, लेकिन पुलिस ने असल गुनहगारों बचाकर पूरा मामला खत्म कर दिया है. पिछले 6 माह से दुर्ग भिलाई पुलिस का चक्कर पीड़ित परिवार काट रहा है. मृतक के पिता ने रविवार को पत्रकारवार्ता कर एसआईटी गठित कर इस मामले की जांच की मांग की है.
इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे बेटे की मौत पर पिता ने की एसआईटी जांच की मांग - Smriti Nagar Police Station of Bhilai
करीब 6 महीने पहले बेटे को खो चुका एक पिता रविवार को राजनांदगांव से रायपुर पहुंचा. प्रेस कॉन्फ्रेंस लेकर इस पिता ने पुलिस पर बेटे की मौत की जांच न करने, लापरवाही बरतने और असल गुनहगारों को पनाह देने का आरोप लगाया है.रायपुर पहुंचकर पिता ने एसआईटी जांच की मांग की है.
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क्या है पूरा मामला:पूरा मामला भिलाई के स्मृति नगर थाना क्षेत्र का है, जहां इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे अनुराग साहू की लाश संदिग्ध अवस्था में 1 जनवरी को ग्रीन वैली स्थित फ्लैट में मिली थी. पुलिस ने इस मामले को आत्महत्या बताकर केस बंद कर दिया है, लेकिन परिजन इसे आत्महत्या नहीं बल्कि हत्या मान रहे हैं. मृतक के पिता विरेंद्र साहू ने बताया कि 15 दिन घर में छुट्टी बिताने के बाद बेटा 31 दिसंबर मनाने मामा के घर गया था. मां और चाची को उरला में छोड़ने के बाद वह अपनी स्मृति नगर के किराया वाले घर में चला गया था.
अगले दिन सुबह मृतक की प्रेमिका आभा चौधरी मृतक के भाई शिरीष को फोन कर बताया कि अनुराग ने खुद को फ्लैट में बंद कर लिया है. फोन नहीं उठा रहा है. भाई द्वारा मौके पर पहुंचकर जब दरवाजा खोला गया तो अनुराग फांसी से झूलता मिला. उनके दोनों घुटने जमीन पर थे. सिर से खून निकल रहा था. साथ ही हाथ भी पीछे की ओर मुड़े हुए थे. इस पूरी घटना में कई ऐसी चीजें हैं, जो सीसीटीवी फुटेज व कॉल रिकॉर्ड में सामने आई है, लेकिन पुलिस ने इस मामले को आत्महत्या करार दे दिया है. उन्होंने आरोप लगाया है कि उस समय के चौकी प्रभारी युवराज देशमुख ने सही जांच किए बिना ही केस बंद कर दिया है.
पिता कर रहे हैं एसआईटी गठित करने की मांग:अनुराग के पिता वीरेंद्र साहू ने कहा कि जब उन्होंने बेटे के शव को देखा तो सिर पर चोट के निशान थे, लेकिन पुलिस ने हत्या का केस दर्ज नहीं किया. स्मृति नगर पुलिस के जांच अधिकारी युवराज देशमुख ने कमरे की जांच नहीं की. वहां दीवारों पर खून के धब्बे थे. इतना ही नहीं बल्कि उन्होंने अनुराग के मोबाइल का लॉक खुलवाने का भी प्रयास नहीं किया. अनुराग की प्रेमिका, प्रेमिका का भाई और बहन का भी बयान दर्ज नहीं किया है. उन्होंने आशंका जताई है कि उसके बेटे की हत्या इन्हीं सब ने मिलकर की. जिसके चलते उन्होंने एसआईटी गठित कर जांच की मांग है. वह जानना चाहते हैं कि उस रात आखिर उनके बेटे के साथ हुआ क्या था.