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लोकसभा चुनाव 2019: आचार संहिता के दौरान मंत्री जी को रखना होगा इन बातों का ध्यान, अधिकारी भी रहें सतर्क - निर्वाचन अधिकारी

लोकसभा चुनाव 2019 के लिए मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय में मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी सुब्रत साहू ने प्रेस कॉन्फ्रेंस ली.

सुब्रत साहू

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Published : Apr 6, 2019, 9:58 AM IST

Updated : Apr 6, 2019, 12:52 PM IST

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रायपुर: लोकसभा चुनाव 2019 के लिए मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय में मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी सुब्रत साहू ने प्रेस कॉन्फ्रेंस ली. इस दौरान उन्होंने मीडिया कर्मियों को लोकसभा चुनाव 2019 की विस्तार से जानकारी दी.

सुब्रत साहू ने बताया कि सत्ताधारी दल को आदर्श आचार संहिता के निर्देश का पालन करना होगा. उन्होंने बताया कि मंत्री अपने सरकारी दौरों के साथ सार्वजनिक कार्यक्रमों को नहीं जोड़ सकेंगे. इसके अलावा विमान, हेलीकॉप्टर समेत किसी भी सरकारी वाहन का उपयोग चुनावी कार्य के लिए नहीं किया जाएगा. मुख्यमंत्री के निजी कार्यक्रमों में एक अराजपत्रित कर्मचारी जा सकता है लेकिन वो भी राजनीतिक कार्यक्रम में भाग नहीं लेगा.

सरकारी राशि न नहीं कर सकते उपयोग
मैदान, विश्राम गृह, डाक बंगला, आदि जगहों को सिर्फ मंत्री के लिए नहीं बल्कि सभी दलों और प्रत्याशियों के लिए विवेक पूर्ण तरीके से उपलब्ध रखा जाएगा. साहू ने बताया कि मंत्री अपने कोष से किसी तरह का न तो अनुदान देंगे और न ही भुगतान करेंगे. इसके अलावा मंत्री किसी भी तरह का शिलान्यास या उद्घाटन नहीं करेंगे. न ही वे किसी तरह के निर्माण या सुविधा देने का आश्वासन देंगे.

सरकारी नियुक्तियां नहीं कर सकेंगे मंत्री
मंत्री न तो शासन और शासकीय उपक्रम में किसी तरह की नियुक्ति या तदर्थ नियुक्ति करेंगे, और न करने का आश्वासन देंगे. प्रशासनिक तंत्र की स्थिति को छोड़कर जबकि मुख्यमंत्री या विभागीय मंत्री किसी आपद काल में या कानून व्यवस्था संबंधी आपात बैठक ले रहे हों.

अधिकारियों की सीमा तय
किसी निर्वाचन क्षेत्र के चुनाव कार्य से जुड़े अधिकारी को आधिकारिक चर्चा के लिए नहीं बुलाया जाएगा. साथ ही किसी मंत्री के गैर आधिकारिक यात्रा के दौरान कोई अधिकारी नहीं मिलेगा. ऐसा करना सेवा नियमों के मुताबिक कदाचार होगा.

यदि भारतीय प्रशासनिक सेवा, भारतीय पुलिस सेवा, राज्य प्रशासनिक सेवा जैसी किसी भी अधिकारी के पति या पत्नी प्रत्याशी हों या सक्रिय राजनीति में हों तो ऐसे अधिकारी चुनाव समाप्त होने तक दौरे या अवकाश पर मुख्यालय से बाहर नहीं जाएंगे. यदि ऐसे अधिकारी का मुख्यालय से बाहर जाना जरूरी हो तो ऐसे में मुख्यालय छोड़ने से पहले राज्य के मुख्य सचिव की लिखित अनुमति आवश्यक होगी. मुख्य सचिव ये सुनिश्चित करना होगा कि ऐसे अधिकारी अपने पति या पत्नी की राजनीतिक गतिविधियों में शामिल न हों.

Last Updated : Apr 6, 2019, 12:52 PM IST

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