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क्या सबसे तेज विकसित हो रही राजधानी की सुरक्षा में सक्षम है फायर ब्रिगेड

3 महीने में मार्च से अब तक करीब 250 छोटी-बड़ी आग लगने की घटनाएं सामने आई हैं. जिसपर फायर फाइटर के कर्मचारियों ने तत्काल पहुंचकर काबू पाया है.

फायर ब्रिगेड

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Published : May 14, 2019, 9:07 PM IST

रायपुर :छत्तीसगढ़ का सबसे बड़ा शहर और राजधानी रायपुर का दायरा लगातार बढ़ता जा रहा है. रायपुर अब नया रायपुर तक तेजी से विकसित हो रहा है. शहर में बढ़ती जनसंख्या और क्षेत्रफल के हिसाब से सुरक्षा के लिए कई जरूरी सुविधाओं में भी सुधार की जरूरत है. रायपुर शहर में वर्तमान में करीब तीन लाख से ज्यादा घर और कॉम्पलेक्स हैं. जिनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी महज कुछ फायर फाइटर के ऊपर है.

सुरक्षा में सक्षम है फायर ब्रिगेड

हालांकि, शासन-प्रशासन का दावा है कि शहर के फायर फाइटर को इतनी आधुनिक संसाधनों से लैस किया गया है कि ये साधारण आग के साथ बिजली और पेट्रोलियम पदार्थों की आग को बुझाने के लिए सक्षम है. आधुनिक फायर फाइटर सिस्टम की मदद से फायर कर्मी चंद मिनटों में शहर में लगी आग पर आसानी से काबू पा लेते हैं.

गर्मी में बढ़ जाती हैं आग लगने की घटनाएं
फायरकर्मी बताते हैं सामान्य दिनों शहर में आग लगने की घटनाएं कम ही सामने आती हैं, गर्मी के शुरू होते ही आग लगने की घटनाएं लगातार बढ़ने लगती हैं. गर्मी में औसतन हर रोज आग लगने की एक दर्जन सूचना फायर ब्रिगेड को मिल रही है. बीते 3 महीने में मार्च से अब तक करीब 250 छोटी-बड़ी आग लगने की घटनाएं सामने आई हैं. जिसपर फायर फाइटर के कर्मचारियों ने तत्काल पहुंचकर काबू पाया है.

आग लगने पर करना पड़ता है 112 नंबर डायल
फायर ब्रिगेड के लिए पहले 101 नंबर पर फोन करना होता था, जिसे बदलकर अब 112 कर दिया गया है. अब आग लगने पर लोगों को 112 नंबर पर फोन करना होता है. जहां से 112 के कर्मचारी घटना की सूचना तत्काल फायर ब्रिगेड को देते हैं.

5 फायर सब स्टेशन बनाने का प्रस्ताव
शहर के टिकरापारा फायर स्टेशन के अलावा पांच और जगहों पर फायर स्टेशन स्थापित किए जाने का प्रस्ताव है. जिसमें शहर के चारों ओर एक-एक और शहर के बीचोबीच एक सब स्टेशन स्थापित होना है. वर्तमान में शहर के बीचोबीच सुभाष स्टेडियम में एक फायर सब-स्टेशन संचालित है. बाकी के चार जगहों एग्रीकल्चर कॉलेज, टाटीबंध राई और मोबा फायर सब-स्टेशन शुरू नहीं किया जा सका है.

फायर ब्रिगेड विभाग में स्टाफ की कमी
शहर में नये प्रस्तावित फायर सब-स्टेशन का संचालन नहीं होने की मुख्य वजह स्टाफ की कमी बताया जा रहा है. बताते हैं, जब एक फायर ब्रिगेड की गाड़ी रवाना होती है तो उसमें 6 कर्मी मौजूद होते हैं. जिसमें एक सब-ऑफिसर, एक लिविंग फायर मैन, 3 फायर मैन और एक ड्राइवर शामिल होता है. इस हिसाब से एक समय में चार से पांच गाड़ियों का स्टाफ मौजूद होना चाहिए. यानी एक शिफ्ट में 5 सब ऑफिसर, 5 लीडिंग फायर मैन, 15 फायर मैन और 5 ड्राइवर, लेकिन स्टाफ की कमी के चलते एक शिफ्ट में इतनी तैनाती नहीं की जा रही है. आग लगने की सूचना पर इमरजेंसी कॉल कर स्टाफ को बुलाया जाता है. वर्तमान में फायर ब्रिगेड में 39 नियमित फायर फाइटर कर्मचारी हैं. जो नगर निगम से एसडीआरएफ में शिफ्ट हुए हैं. इसके अलावा 30 होमगार्ड के कर्मचारी हैं, जिन्हें 20-20 दिन का प्रशिक्षण देकर नियुक्ति दी गई है. 3 नियमित ड्राइवर हैं और 11 प्लेसमेंट पर हैं.

2013 के बाद नहीं हुई है भर्ती
फायर ब्रिगेड के अधीक्षक मोहिद्दीन अशरफी बताते हैं, वर्तमान में फायर ब्रिगेड के पास 90 कर्मचारी हैं और लगभग 65 कर्मचारियों की भर्ती किया जाना है. मोहिद्दीन बताते हैं, जब फायर ब्रिगेड नगर निगम के अधीन था, तब 2013 में फायर कर्मियों की भर्ती की गई थी. 2013 के बाद से इस विभाग में कोई नई भर्ती नहीं हुई है. हालांकि विभाग में भर्ती पर विचार किया जा रहा है.

तमाम आधुनिक संसाधन मौजूद
फायर ब्रिगेड के अधीक्षक मोहिद्दीन अशरफी ने बताते हैं, जब फायर ब्रिगेड का संचालन नगर निगम के हाथों में था तो उनके पास आधुनिक संसाधनों की कमी थी, लेकिन अब होमगार्ड में आने के बाद उनके पास तमाम आधुनिक संसाधन मौजूद हैं. उन्होंने बताया कि वर्तमान में उनके पास 32 मीटर की ऊंचाई तक आग बुझाने के लिए गाड़ी उपलब्ध है, जो करीब 10 मंजिला इमारत में लगी आग को बुझाने में सक्षम है. इसके अलावा फायर ब्रिगेड में 42 मीटर की ऊंचाई तक आग बुझाने की गाड़ी खरीदने का प्रस्ताव है. साथ ही तंग गलियों में लगी आग बुझाने के लिए इनके पास बाइक और छोटी गाड़ियां मौजूद हैं. फायर फाइटर की सुरक्षा के लिए फायर सूट, ग्लब्ज, मास्क जैसे तमाम संसाधन भी मौजूद हैं.

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