रायपुर: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में कई ऐतिहासिक विरासतें हैं. कुछ धरोहर तो समय के साथ नष्ट भी हो गई और जो बची है, उन्हें भी सहेजने की दिशा में व्यापक कदम नहीं उठाए जा रहे. रायपुर के ऐतिहासिक सिटी कोतवाली थाने को जमींदोज करने को लेकर लोगों में नाराजगी है. ईटीवी भारत रायपुर की ऐसे ऐतिहासिक स्मारकों की जानकारी दे रहा जो नष्ट होने के कगार पर. रायपुर में ऐसी कई इमारत है जिसे अंग्रेजी शासन काल में बनाया गया था. कुछ धरोहर तो ऐसी है जो दिल्ली के संग्रहालय से भी पुरानी है. इन इमारतों को संरक्षित करने की जरुरत है.
रायपुर के सबसे व्यस्ततम घड़ी चौक के पास ही अंग्रेजी शासनकाल में बनाए गए ऐतिहासिक संग्रहालय मौजूद है. जिसकी जानकारी कम ही लोगों को है, इसे अंग्रेजों के जमाने में अजायबघर के नाम से भी जाना जाता था. इसे महाकौशल कला वीथिका के नाम पर भी जाना जाता है. यह ऐतिहासिक इमारत डेढ़ सौ साल पुरानी है. इतिहासकार डॉ. रमेन्द्रनाथ मिश्र बताते हैं कि इस संग्रहालय को बनाने का काम राजनांदगांव के राजा महंत घासीदास ने सन् 1867 में शुरू किया था. 1875 में इसका उद्घाटन किया गया.
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यह संग्रहालय ब्रिटिशकालीन वास्तुकला का अद्भुत नमूना है. इतिहासकार बताते हैं कि ये ब्रिटिशकाल में बनाए गई इमारतों का अद्भुत नमूना है. जहां अष्टकोणीय भवन का निर्माण किया गया है. भवन की खासियत यह है कि इसे अष्टकोण भवन के रूप में बनाया गया है. किसी भी ओर से देखने पर यह बिल्डिंग एक जैसी दिखती है. इसे रानी विक्टोरिया के ताज की तरह ही बनाया गया है.