रायपुर: धूम्रपान और तंबाकू का सेवन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है. कभी पोस्टर तो कभी बैनर के जरिए अकसर तंबाकू निषेध के संदेश दिखाई देते हैं. इन्हीं जागरूकता अभियानों को बल देने के लिए दुनिया भर में 31 मई को 'नो टोबैको डे' यानी विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाया जाता है. बावजूद इसके, हमारे देश में तंबाकू सेवन करने वालों की तादाद बढ़ती जा रही है. जिससे लोग गंभीर बीमारियों की गिरफ्त में आ जाते हैं. इन्हीं जागरूकता अभियानों को बल देने के लिए दुनिया भर में 31 मई को 'नो टोबैको डे' यानी 'विश्व तंबाकू निषेध दिवस' मनाया जाता है. इस दिन लोगों को तंबाकू सेवन से होने वाले नुकसान के बारे में जागरूक किया जाता है. तंबाकू का सेवन करना हमारे लिए किस तरह जानलेवा हो सकता है. विश्व तंबाकू निषेध दिवस हर साल एक थीम के मुताबिक मनाया जाता है. हर बार इसकी एक थीम निर्धारित की जाती है. जैसे कि इस बार तंबाकू निषेध दिवस की थीम, युवाओं को इस इंडस्ट्री के हथकंडों से बचाना और उन्हें तंबाकू और निकोटीन के इस्तेमाल से रोकना है.
कैंसर विभाग के संचालक और सहायक प्राध्यापक डॉक्टर विवेक चौधरी के ने बताया कि देश में लगभग 90% लोग कैंसर से पीड़ित हैं. बात अगर तंबाकू सेवन की की जाए तो इससे देश में लगभग 40 से 50% मरीज कैंसर के हैं. तंबाकू सेवन से मुख्यतः मुंह और गले का कैंसर होता है. देश में हर साल लगभग 25 लाख मरीज कैंसर जैसी बीमारी का शिकार होते हैं. छत्तीसगढ़ में कैंसर मरीजों की संख्या की बात की जाए तो हर साल लगभग 70 हजार मरीज कैंसर जैसी बीमारी से ग्रसित होते हैं. इसके साथ ही लोग गुड़ाखू मंजन का भी जमकर इस्तेमाल कर रहे हैं. डॉ. विवेक ने बताया कि गुड़ाखू में गुड़ और तंबाकू का मिश्रण होता है और इससे होने वाले कैंसर से महिला और बच्चे ज्यादा ग्रसित होते हैं.
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तंबाकू के सेवन से होने वाले नुकसान
- मुंह से बदबू आना
- दांत खराब होना
- आंखें कमजोर होना
- फेफड़े खराब होना
- हृदय रोग का खतरा
- फेफड़ों और मुंह का कैंसर
सोचने समझने की शक्ति पर पड़ता है असर