छत्तीसगढ़

chhattisgarh

ETV Bharat / state

अन्नदाता को बेटी का डिजिटल गिफ्ट, एक क्लिक से होगी खेत की सिंचाई

अन्नदाता को बेटी ने अपने पिता को ऐसा डिजिटल गिफ्ट दिया है जिससे वे घर बैठे खेतों की सिंचाई कर सकते है. इसके लिए न बिजली की जरूरत है न मेहतन की. बस कम समय और पानी की बचत के साथ इसका इस्तेमाल किया जा सकता है.

अन्नदाता को बेटी का डिजिटल गिफ्ट

By

Published : Jul 20, 2019, 10:13 PM IST

रायपुर: इन दिनों छत्तीसगढ़ में जल संकट गहराता जा रहा है. लगातार बारिश की कमी और सूखे से परेशान किसान आत्महत्या करने के लिए मजबूर हो रहे हैं. ऐसे में किसान की बेटी अंजली ने इस समस्या से अपने पिता और बाकि किसानों को निजात दिलाने के लिए एक ऐसी वाटर मोटर बनाई है, जो घर बैठे खेतों में पानी पहुंचा सकती है. इसकी खास बात यह है कि ये उपकरण बिजली से नहीं बल्कि लैपटॉप और फोन से संचालित किया जाता है.

अन्नदाता को बेटी का डिजिटल गिफ्ट

जगन्नाथ राव दानी शाला कोई प्राइवेट नहीं बल्कि सरकारी स्कूल है. यहां पढ़ने वाली छात्र अंजली ने चार छात्राओं के साथ मिलकर वाटर मोटर का अविष्कार किया है. अगर ये बड़े पैमाने पर एग्जीक्यूट किया जाए तो इस वाटर मोटर की खासियत यह है कि किसान इससे घर बैठ अपने खेतों की सिंचाई कर पाएंगे. स्मार्टफोन या लैपटॉप के जरिए घर पर बैठे ही खेत की सिंचाई हो जाएगी.

'जरूरत पूरी होने पर पानी खुद-ब-खुद बंद हो जाएगा'
इस उपकरण की खास बात यह भी है कि जरूरत के मुताबिक खेतों में पानी पहुंचाया जा सकता है. वहीं जरूरत पूरी होने पर पानी खुद-ब-खुद बंद हो जाएगा. इस उपकरण के अविष्कार के बाद किसानों की जिंदगी बदल सकती है. हालांकि इस उपकरण का दायरा छोटा है यदि इस पर ध्यान देकर एक्सपर्ट की सलह ली जाए तो इसका इस्तेमाल बड़े स्तर पर किया जा सकता है.

पिता की परेशानी को बेटी ने किया दूर
अंजली बताती हैं कि वे अपनी पिता की परेशानियों को देखते हुए दिन रात एक कर इस तकनीक का इजाद किया है. अंजली की साथी छात्र रजनी, चंचल और लोमा वर्मा ने वाटर मोटर के अविष्कार में उसकी मदद की है.

'अच्छा इन्वेंशन हो सकता है'
प्रिंसिपल विजय खंडेलवाल बताते हैं कि बच्चों ने नई तकनीक बनाई है. हालांकि इसका दायरा अभी तक बड़ा नहीं है. यदि बड़े पैमाने पर काम किया जाए तो यह एक अच्छा इन्वेंशन हो सकता है.

'कोडिंग के दौरान आती थी परेशानी'
वही एटीएल (अटल टेक्निकल लैब ) इंचार्ज मधुबाला चौधरी बताती हैं कि बच्चों को सबसे ज्यादा परेशानी कोडिंग के दौरान हुई. बच्चे कोडिंग करना तो चाहते थे लेकिन कई बार उनसे गलतियां होती थी. उन्होंने कई बार प्रयास कर इस मुकाम को हासिल किया.

ABOUT THE AUTHOR

...view details