हैदराबाद: राजस्थान के सियासी घमासान पर राजनीतिक विश्लेषक और वरिष्ठ पत्रकार नीरजा चौधरी से ETV भारत के न्यूज एडिटर निशांत शर्मा ने खास बात की. इस बातचीत में उन्होंने पूछा कि क्या मध्यप्रदेश और राजस्थान के बाद आने वाले दिनों में महाराष्ट्र की राजनीति पर भी इसका असर पड़ेगा.
'राजस्थान संकट के बाद कांग्रेस को छत्तीसगढ़ में भी सत्ता के संतुलन पर फोकस करना होगा'
मध्यप्रदेश के बाद अब राजस्थान कांग्रेस में बगावत देखी जा रही है. मध्यप्रदेश में ज्योतिरादित्य सिंधिया के बाद अब राजस्थान कांग्रेस में सचिन पायलट ने मोर्चा खोल दिया है.इसका छत्तीसगढ़ की राजनीति पर कितना असर पड़ेगा इस मुद्दे पर ETV भारत के न्यूज एडिटर निशांत शर्मा ने वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक नीरजा चौधरी से खास बात की.
अपने जवाब के साथ ही नीरजा चौधरी ने राजस्थान के मौजूदा स्थिति और उसके दूसरे राज्यों पर पड़ने वाले प्रभाव पर गहन विश्लेषण किया. उन्होंने बताया कि महाराष्ट्र में भी मिली जुली सरकार है . वहां भी बीजेपी राजनीतिक हालात पर नजर बनाए हुए है. अभी वहां कोरोना के मामले बढ़ते जा रहे हैं. इसलिए इतनी राजनीतिक चहलकदमी देखने को नहीं मिल रही है लेकिन आने वाले दिनों में वहां भी सत्ता के लिए संघर्ष दिखाई देगा. बीजेपी वहां मौके का इंतजार कर रही है. इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में जहां कांग्रेस इतनी मजबूत स्थिति में है वहां की सरकार इतनी मजबूत है फिर भी वहां सीएम भूपेश बघेल ने 15 संसदीय सचिवों की नियुक्ति की है. उधर बीजेपी झारखंड में भी कोशिश कर रही है. बीजेपी का फोकस साफ है अगर उसे मौका मिले तो वह सरकार बनाने के लिए हमेशा तैयार है. ऐसे में कांग्रेस और उसके सहयोगी पार्टियों को मिलजुलकर रहना होगा. इसके साथ ही आपस में सत्ता और शक्ति के बंटवारे का संतुलन भी बनाकर चलना होगा.