रायपुर:बरसात के दिनों में देखा जाता है कि कीड़े-मकोड़े, जीव-जंतु बाहर निकलते हैं. बारिश के दौरान सांपों का खतरा बढ़ जाता है. कई बार देखा जाता है कि लोग डर की वजह से सांपों को मार देते हैं. जबकि पर्यावरण को संतुलन रखने में भी इनका अहम योगदान रहता है. सांपों का रेस्क्यू करने वाले साजिद ने कहा कि, सांप को मारना अपराध है. उन्होंने लोगों से अपील की कि सांप पर्यावरण का अभिन्न हिस्सा हैं. इन्हें मारें नहीं बल्कि बचाएं. सांप फूड चेन को खत्म करता है. पर्यावरण को बचाने के लिए इन्हें भी बचाना जरूरी है.
साजिद ने कहा कि अगर सांप किसी को डंस लेता है, तो उस दौरान मरीज का प्राथमिक इलाज कराएं. उन्होंने बताया कि ग्रामीण अक्सर जादू-टोना कर समय बर्बाद कर देते हैं, जिससे मृत्यु होने की संभावना बढ़ जाती है. उन्होंने बताया कि सही समय पर अस्पताल पहुंचने पर मृत्यु की संभावना कम हो जाती है. साजिद कहते है कि घर में रखें फिनाइल, कॉकरोच मारने का स्प्रे का उपयोग कर सांप को भगाया जा सकता है. साजिद 10 साल से सांपों का रेस्क्यू कर रहे हैं. और 5 हजार से ज्यादा सांप पकड़ चुके हैं.
राजधानी के निचले इलाकों में मिलते हैं सांप
राजधानी के कई ऐसे इलाके हैं जहां बारिश के दौरान सांप अधिकार मात्रा में निकलते हैं और लोगों के घर में घुस जाते हैं. प्रोफेसर कॉलोनी निवासी राजेंद्र बुंदेल ने बताया कि, बारिश के दिनों में हर साल यहां सांप घरों में घुस जाते हैं. उन्होंने बताया कि प्रोफेसर कॉलोनी का इलाका निचले क्षेत्र में है, जिसके कारण तालाबों का पानी ओवरफ्लो होता है. जिसके बाद सांप सुरक्षित स्थान की तलाश में घरों में घुस जाते हैं.
सांप से बचने के उपाय-
⦁घर के आसपास कोई खाद्य पदार्थ ना फेंके, ताकि चूहे खाने के लिए आकर्षित न हों.
⦁घर में मौजूद चूहों के बिलों को बंद करें, कीटनाशक का उपयोग करें.
⦁गोबर और सूखी लकड़ियों के ढेर को घर से दूर रखें.