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छत्तीसगढ़ में शाला प्रवेश उत्सव से विद्यार्थियों के चेहरे खिले, ऐसा रहा पहला दिन

कोरोना ने शिक्षा के क्षेत्र को बुरी तरह प्रभावित (Shala Pravesh utsav in chhattisgarh) किया. जैसे जैसे सभी क्षेत्रों में अब विकास हो (Beginning of new academic session in Chhattisgarh) रहा है. वैसे अब शिक्षा के क्षेत्र में भी विकास हो रहा है. गुरुवार से छत्तीसगढ़ के स्कूल खुल गए हैं. यहां शाला प्रवेश उत्सव मनाया (Chhattisgarh Shala Pravesh festival ) गया.

Shala Pravesh utsav in chhattisgarh
छत्तीसगढ़ में शाला प्रवेश उत्सव

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Published : Jun 16, 2022, 10:55 PM IST

रायपुर/बिलासपुर/कोरबा/सरगुजा / राजनांदगांव: कोरोना के दो साल तक छत्तीसगढ़ में शिक्षा प्रभावित (Shala Pravesh utsav in chhattisgarh) रही. उसके बाद गर्मी छुट्टियों के बाद छत्तीसगढ़ में स्कूल खुल गए हैं. गुरुवार से स्कूलों में कक्षाएं शुरू हो गई. 16 जून गुरुवार को स्कूलों में घंटी बजी और वहां स्टूडेंट पढ़ने (Beginning of new academic session in Chhattisgarh) पहुंचे. पहले दिन शिक्षकों ने जोरदार तरीके से छात्र-छात्राओं का स्वागत किया. स्कूल में पढ़ने वाले छोटे छोटे बच्चों को टॉफी बांटी गई. जो बच्चे स्कूल में नया एडमिशन लेने पहुंचे थे. उनका भी फूल और किताबों के साथ स्वागत किया गया. उन्हें ड्रेस दिए गए. शिक्षकों प्राचार्य सबने स्कूली छात्र छात्राओं का स्वागत (Chhattisgarh Shala Pravesh festival ) किया.

शिक्षा के क्षेत्र में छत्तीसगढ़ में हो रहा विकास: इस मौके पर सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि "कोरोना लॉकडाउन के दौरान हमने पढ़ाई तुंहर दुआर प्लेटफार्म उपलब्ध कराया था, जिसका अच्छा उपयोग शिक्षकों, पालकों और विद्यार्थियों ने किया. उन्होंने उम्मीद जताई की नवाचार और नई प्रौद्योगिकी को अपनाने का सिलसिला आगे भी जारी रहेगा. शिक्षा को रूचिकर बनाने के प्रयासों का स्वागत है. मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में शिक्षा की अधोसंरचना और गुणवत्ता बढ़ाने के लिए स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी और हिन्दी माध्यम स्कूल संचालित किए जा रहे हैं. इसके अंतर्गत प्रदेश में 171 अंग्रेजी माध्यम और 32 हिन्दी माध्यम स्कूलों का संचालन किया जा रहा है. जिन स्थानों से मांग आ रही है, उन स्थानों पर इस योजना का लाभ देने की व्यवस्था की जा रही है.

छत्तीसगढ़ में शाला प्रवेश उत्सव

रायपुर में ऐसा रहा शाला प्रवेश उत्सव का दिन: रायपुर में गुरुवार को स्कूल खुलने के बाद बच्चों में उत्साह और खुशी दिखी. बच्चे स्कूल यूनिफॉर्म पहनकर स्कूल पहुंचे. मायाराम सुरजन स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट विद्यालय में भी जिला स्तर पर शाला प्रवेश उत्सव कार्यक्रम में बच्चे उत्साहित नजर आए. यहां बच्चों ने गीत-संगीत के माध्यम से शाला प्रवेश उत्सव का आनंद लिया. स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट विद्यालय की प्राचार्य डॉ. भावना तिवारी ने बताया ''शैक्षणिक गतिविधियां शुक्रवार से शुरू हो जाएंगी. सभी तैयारियां लगभग पूरी कर ली गई है. स्कूल के सभी शिक्षक-शिक्षिकाओं को जरूरी दिशा-निर्देश दिए गए हैं.''

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ऊर्जाधानी कोरबा के स्कूलों में विद्यार्थियों का हुआ जोरदार स्वागत: कोरबा में पहले दिन लंबे अंतराल के बाद स्कूल पहुंचने वाले बच्चों में खासा उत्साह दिखा. टीपी नगर स्थित जिले के समन्वय केंद्र साडा कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में जिलास्तरीय कार्यक्रम हुआ. इस दौरान बच्चों ने मुख्यमंत्री का संदेश सुना. पहले दिन कुछ कक्षाएं भी लगी, पढ़ाई भी हुई. 7वीं क्लास की स्टूडेंट गीता रात्रे ने बताया "कोरोना काल में ऑनलाइन पढ़ाई होती थी. लेकिन इस तरह से पढ़ाई करना बेहद कठिन है. ऑनलाइन पढ़ाई समझ नहीं आती थी. फिर से स्कूल खुले हैं, जिससे मैं और मेरे दोस्त बेहद खुश हैं. " जिला शिक्षा अधिकारी जीपी भारद्वाज ने कहा ''कोरोना के समय बच्चों की पढ़ाई का काफी नुकसान हुआ है. स्कूल लगे ही नहीं, लगे तो ऑनलाइन पढ़ाई हुई. अब प्रयास रहेगा कि स्कूलों में इसकी भरपाई की जाए.''

सरगुजा में बच्चों को दी गई मिठाई: जिला प्रशासन ने अम्बिकापुर के 109 वर्ष पुराने मल्टी पर्पज स्कूल में शाला प्रवेश उत्सव कार्यक्रम किया. संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत, कैबिनेट मंत्री का दर्जा प्राप्त अजय अग्रवाल, कलेक्टर सरगुजा संजीव झा समेत तमाम आधिकारी और जन प्रतिनिधि इस कार्यक्रम में शामिल हुए. छत्तीसगढ़ के संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत ने नए एडमिशनल लेने वाले बच्चों को तिलक लगाया और उनका अभिवादन किया. हर बच्चे को राष्ट्रीय मिठाई बूंदी के लड्डू के पैकेट उपहार स्वरूप दिये गये. अभिवादन और आयोजन के साथ शाला में प्रवेश कर रहे बच्चों में भी खुशी दिखी.

राजनांदगांव में ऐसे मना शाला उत्सव: राजनांदगांव शहर के सर्वेश्वर दास स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल में जिला प्रशासन ने जिला स्तरीय शाला प्रवेश उत्सव कार्यक्रम का आयोजन किया. इस कार्यक्रम में स्कूली छात्र छात्राओं ने कई गतिविधियों में हिस्सा लिया.

बिलासपुर में बच्चों को शिक्षा का महत्व समझाया गया: बिलासपुर में शाला उत्सव के पहले दिन स्कूली बच्चों को शिक्षा का महत्व समझाया गया. बिलासपुर के महारानी लक्ष्मी बाई कन्या शाला में ‘‘कोई बच्चा न छूटे इस बार, शिक्षा पर है सबका अधिकार’’ की थीम पर शाला प्रवेश उत्सव का शुभांरभ किया गया. इस कार्यक्रम का वर्चुअल रूप से शुभांरभ करते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि वर्तमान दौर में शिक्षा को नवाचार और नई प्रौद्योगिकी के साथ जोड़ने की जरूरत है.

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