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भागवत के प्रवास के बीच उपासने के बयान पर कांग्रेस का सवाल, 'भाजपा और संघ का यह रिश्ता क्या कहलाता है'

संघ प्रमुख मोहन भागवत के छत्तीसगढ़ प्रवास के बीच भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता सच्चिदानंद उपासने ने एक बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि 15 वर्षों तक निष्ठावान कार्यकर्ताओं की उपेक्षा की वजह से आज भाजपा के ये हालात हैं. जिस पर चुटकी लेते हुए कांग्रेस के संचार प्रमुख शैलेश नितिन त्रिवेदी ने पूछा है कि भाजपा और संघ का यह रिश्ता क्या कहलाता है.

Shailesh Nitin Trivedi questions BJP
शैलेश नितिन त्रिवेदी ने बीजेपी से किया सवाल

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Published : Aug 17, 2020, 4:42 AM IST

Updated : Aug 17, 2020, 12:45 PM IST

रायपुर: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर संघचालक मोहन भागवत के छत्तीसगढ़ दौरे को लेकर बीजेपी-कांग्रेस आमने-सामने है. कांग्रेस के संचार प्रमुख शैलेश नितिन त्रिवेदी ने बीजेपी से सवाल किया है. उन्होंने पूछा है कि भाजपा और संघ का यह रिश्ता क्या कहलाता है. संघप्रमुख मोहन भागवत का दौरा और भाजपा में चल रहा बयानबाजी का ये दौर अपने आप में बहुत कुछ स्पष्ट कर देता है. संघ कितना भी कह ले कि वो गैर राजनीतिक संगठन है, लेकिन उसे लेकर सच्चाई सबको पता है. अगर संघ गैर राजनैतिक संगठन है, तो संघ प्रमुख के दौरे को लेकर भाजपा के अधिकृत प्रवक्ताओं को क्यों उत्कंठित होकर बार-बार बयानबाजी करनी पड़ रही है.

सच्चिदानंद उपासने के बयान पर कांग्रेस का सवाल

शैलेश नितिन त्रिवेदी ने पूछा है कि अब मोहन भागवत ही बता दें कि संघ तो खुद को गैर राजनीतिक संगठन कहता है, लेकिन अब स्वयं संघ प्रमुख भाजपा की मदद के लिए क्यों छत्तीसगढ़ आए हैं. आखिर ये रिश्ता क्या कहलाता है. संघ छत्तीसगढ़ में भाजपा की दुर्दशा के कारण चिंतित है, इसीलिए संघ प्रमुख को छत्तीसगढ़ आना पड़ा है. शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा कि शुरू से कांग्रेस कह रही थी कि संघ प्रमुख मोहन भागवत यहां भाजपा की गिरती हुई हालत पर विचार करने के लिए आ रहे हैं. यही बात सच निकली और भाजपा प्रवक्ताओं के बयानों से इसकी पुष्टि भी हो गई है.

छत्तीसगढ़ बीजेपी ने RSS को खाली बढ़ावा दिया: शैलेश नितिन त्रिवेदी

शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा कि संघ कितना भी कह ले कि वे गैर राजनीतिक संगठन है, लेकिन इसका राजनीति से चोली-दामन का रिश्ता है. अब भाजपा में पराक्रम और परिश्रम की जगह परिक्रमा को महत्व दिया जाता है. त्रिवेदी ने कहा कि भाजपा प्रवक्ताओं ने आज बीजेपी और संघ के संबंधों की कलई खोलकर रख दी है. भाजपा ने 15 साल तक छत्तीसगढ़ की हितों की उपेक्षा की, लोकहित की उपेक्षा की और सिर्फ आरएसएस के हितों को बढ़ावा देने का काम छत्तीसगढ़ में किया गया. इसी का परिणाम है कि भाजपा 15 सीटों तक सिमट कर रह गई.

'छत्तीसगढ़ में भाजपा के खिलाफ गहरी नाराजगी'

छत्तीसगढ़ बीजेपी ने चुनाव हारने के बाद जिस तरह हार का ठीकरा कार्यकर्ताओं के सिर पर फोड़ा, जिस तरीके से भाजपा ने किसानों के हित के खिलाफ केन्द्र की भाजपा सरकार से आदेश पारित कराए, छत्तीसगढ़ की जनभावनाओं के खिलाफ जाकर मोदी सरकार का समर्थन किया, उससे पूरे प्रदेश में पार्टी के खिलाफ गहरी नाराजगी है.

15 वर्षों में हमारी पार्टी में बहुत से दुर्गुण आ गए: सच्चिदानंद उपासने

बता दें कि संघ प्रमुख मोहन भागवत के छत्तीसगढ़ प्रवास के बीच भाजपा प्रदेश प्रवक्ता सच्चिदानंद उपासने ने एक बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि 15 वर्षों तक निष्ठावान कार्यकर्ताओं की उपेक्षा की वजह से आज भाजपा की ये हालत है. 15 वर्षों में हमारी पार्टी में बहुत से दुर्गुण आ गए. जनता ने देखा हम क्या थे और क्या हो गए. परिक्रमा करने वाले नेताओं को तवज्जो मिलने से पार्टी को नुकसान हुआ है. निर्णय लेने में आज बहुत देरी हो रही है. निर्णय की प्रक्रिया में ज्यादा से ज्यादा निष्ठावान कार्यकर्ताओं को शामिल किया जाए.

Last Updated : Aug 17, 2020, 12:45 PM IST

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