रायपुर: शनि ग्रह जब सूर्य के नजदीक आ जाता है, तो वह अस्त हो जाता है. शनि ग्रह लगभग जब 10 डिग्री के आसपास सूर्य से नजदीक पहुंचता है. तो वह पूरी तरह से अस्त हो जाता है. इस समय न्याय के देवता पुरुषार्थ के देवता शनि महाराज कुछ शिथिल हो जाते हैं. कुंभ, धनु और मकर राशि के जातकों को पड़ने वाली साढ़ेसाती में निश्चित तौर पर कुछ लाभ मिलेगा. इन जातकों की साढ़ेसाती शिथिल हो जाएंगी और परिणाम सकारात्मक रूप में सामने आएंगे.
ज्योतिष एवं वास्तु शास्त्री विनीत शर्मा शनि के अस्त होने का विभिन्न राशियों पर प्रभाव
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शनि 23 जनवरी को पश्चिम में अस्त होंगे. 21 फरवरी 2022 को वापस पूर्व में इनका उदय होगा. इसी अवलोकन को ध्यान में रखते हुए विभिन्न राशियों पर शनि के अस्त होने का क्या प्रभाव पड़ेगा आइए जानते हैं ज्योतिष एवं वास्तु शास्त्री विनीत शर्मा से...
- मेष राशि:इस राशि में शनि दशम भाव में हैं. यह कर्म आजीविका और व्यवसाय का भाव माना जाता है. इस राशि वालों को पुरुषार्थ श्रम और मेहनत करने पर लाभ मिलेगा पुराने रुके हुए काम में गति आएगी. कुछ कार्यों को नए सिरे से करना पड़ सकता है.
- वृषभ राशि: शनि वृषभ राशि के भाग्य भाव में भ्रमण कर रहे हैं. शनि लगभग 33 दिनों के लिए अस्त हो जाएंगे और और वृषभ राशि के जातकों के भाग्य को शिथिल कर जाएंगे. वृषभ राशि के जातकों को सुंदरकांड हनुमान चालीसा का पाठ करना उत्तम फलकारी होगा.
- मिथुन राशि:शनि का अढ़ईया चल रहा है. शनि के अस्त होने का मिथुन राशि वालों को लाभ मिलेगा. अष्टम अढ़ईया में राहत मिलेगी. स्वास्थ्य का ध्यान रखें. दवा और दुआ दोनों ही चलने दें. मिथुन राशि के जातकों को श्री बजरंग बाण का पाठ करना श्रेष्ठ होगा.
- कर्क राशि: पार्टनरशिप में अधिक उम्मीद ना पाले अधिकारियों से ज्यादा अपेक्षा रखना अनुचित होगा. स्वावलंबी और आत्मनिर्भर होकर कार्य करें. पुरुषार्थ से लाभ होने के साथ ही श्री हनुमान चालीसा का पाठ करना उचित होगा.
- सिंह राशि: अस्तागत शनि शत्रुओं पर कूटनीति और चाणक्य नीति से काम करने के लिए प्रेरित कर रहा है. रोग ऋण आदि के प्रति सावधान रहें. रामायण का पाठ करना सर्वोत्तम होगा. दिव्यांग जनों को पैर आदि का दान करें.
- कन्या राशि: विद्यार्थी वर्ग को अधिक मेहनत करनी होगी. शोध आदि में लगे छात्रों को बाधाओं का सामना करना पड़ सकता है. नवीन संबंध बनेंगे. श्री हनुमान अष्टक और हनुमान जी की आरती जाप करने से कार्य सिद्ध होंगे.
- तुला राशि:वर्तमान में शनि का अढ़ईया चल रहा है, जो कि शिथिल पड़ रहा है. मातृपक्ष से संबंध सुधार होगा यात्रा के योग हैं. पुराने कार्यों में गति आएगी. तुला राशि के लिए शनि परम योगकारक ग्रह है. शनि चालीसा शनि के बीज मंत्र का पाठ करना सर्वोत्तम होगा. बाल कांड का पाठ करना उचित रहेगा.
- वृश्चिक राशि:संतुलित पराक्रम और आत्मविश्वास से कार्य सिद्ध होंगे. आत्मिक मनोबल ऊंचा रहेगा. सतत प्रयास से कार्य सिद्ध होंगे. श्री हनुमान चालीसा का वितरण करें. शनि देवता को तेल अर्पित करें.
- धनु राशि:आय की स्थिति में सुधार होगा. पुराने प्रयासों का लाभ मिलेगा. नए मित्र बनेंगे जीवन में संकल्प से लाभ शनि चालीसा और शनि जी की आरती नियमित रूप से पढ़ें.
- मकर राशि: इस राशि में शनिदेव की अड़चनें कम होंगी. बाधाओं का नाश होगा. नए चिंतन नए साथी और नए लोगों से मेल मिलाप का योग है. सुंदरकांड का पाठ करना उत्तम फलदायक होगा.
- कुंभ राशि:कुंभ राशि वाले जातकों की साढ़ेसाती कमजोर होगी. अस्त का समय आपके कार्य सुधरेगा प्रयासरत रहें. खर्चों में कुछ कमी के संकेत हैं. ऊर्जा बचाकर रखें. मानसिक परेशानियां और द्वंद कम होंगे. बजरंग बाण का श्रद्धापूर्वक पाठ करें.
- मीन राशि:शनि देवता का अस्त होना मीन राशि वाले जातकों के लिए मध्यम फलकारी है.विद्यार्थी वर्ग को कुछ बाधा का सामना करना पड़ सकता है.शोध संबंधी प्रयासों में कठिनाइयां आएंगी. श्री हनुमान चालीसा और शनि के वैदिक मंत्र का पाठ करें लाभ मिलेगा.काली वस्तु जैसे तिल तेल आदि का दान करना श्रेष्ठ रहेगा.