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छत्तीसगढ़ में फसलों और पशुओं की सुरक्षा के लिए चलाया जाएगा 'रोका-छेका संकल्प अभियान' - Roka Chheka resolution campaign

छत्तीसगढ़ में फसलों और पशुओं की सुरक्षा के लिए 19 जून से 30 जून तक 'रोका-छेका संकल्प अभियान' चलाया जाएगा. इसके तहत खुले में पशुओं की चराई पर रोक लगाने के साथ ही सड़कों पर घुमने वाले मवेशियों को सुरक्षित रखने के लिए लोगों को जागरूक किया जाएगा.

Roka Chheka resolution campaign for the safety of crops and animals in chhattisgarh
पशुओं की सुरक्षा के लिए चलाया जाएगा 'रोका-छेका संकल्प अभियान'

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Published : Jun 17, 2020, 7:48 PM IST

रायपुर : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के मुताबिक छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से प्रदेश में फसलों और पशुओं को सुरक्षित रखने के लिए 19 जून से 'रोका-छेका संकल्प अभियान' की शुरूआत की जा रही है. यह अभियान 30 जून तक चलेगा. इसके तहत खुले में पशुओं की चराई पर रोक लगाने के साथ ही सड़कों पर घूमने वाले मवेशियों को सुरक्षित रखने के लिए लोगों को जागरूक किया जाएगा.

चलाया जाएगा रोका-छेका अभियान

अभियान का उद्देश्य खरीफ फसलों और शहरों के आसपास स्थित फसलों, बाड़ियों, उद्यानों की सुरक्षा मवेशियों से करना है. नगरीय क्षेत्रों में अभियान के संबंध में नगरीय प्रशासन और विकास विभाग की ओर से सभी जिला कलेक्टरों, नगरपालिका निगम के आयुक्तों और नगर पंचायत के मुख्य नगरपालिका अधिकारियों को दिशा-निर्देश जारी किया गया है.

30 जून तक चलाया जाएगा 'रोका-छेका संकल्प अभियान'

नगरीय क्षेत्रों को आवारा पशु से मुक्त, साफ-सुथरा और दुर्घटना मुक्त रखने के लिए 19 जून से 30 जून तक प्रदेश के सभी नगरीय निकायों में भी 'रोका-छेका संकल्प अभियान' चलाया जाएगा. साथ ही 19 जून को पशुपालकों से अपने आस-पास के वातावरण और शहर को स्वच्छ, साफ-सुथरा और दुर्घटनामुक्त रखने के लिए संकल्प पत्र भरवाया जाएगा, जिसके लिए नगरीय निकायों में मुनादी से प्रचार-प्रसार किया जाएगा.

सीएम ने दिए अधिकारियों को निर्देश

संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि नगरीय निकायों में निर्मित गौठान और गौठानों की क्षमता का आकलन किया जाए. वहीं इसमें आवश्यक साधारण काम कराकर चारे की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित की जाए. निकाय के अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि कोई भी मवेशी निकाय की सड़कों, सार्वजनिक स्थलों पर आवारा घूमते हुए न पाया जाए. वहीं आवारा घूमते हुए पशुओं को काउ कैचर से गौठान भेजने की प्रभावी व्यवस्था की जाए.

पालतू पशु को खुले में घूमते पाए जाने पर पशुपालकों से लिया जाएगा जुर्माना

वहीं पालतू पशुओं को नियमानुसार शुल्क, जुर्माना का भुगतान करने के बाद ही मुक्त कर संबंधित पशुपालक को सौंपा जाएगा. वहीं अगर कोई मवेशी 30 जून के बाद निकाय क्षेत्र में खुले में घूमता हुआ पाया जाता है तो उसके लिए संबंधित नगरीय निकाय के आयुक्त, मुख्य नगरपालिका अधिकारी जिम्मेदार होंगे.

अधिकारियों को दिए गए ये निर्देश

अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि नगरीय निकायों के हर वार्ड में वार्ड प्रभारी की नियुक्ति की जाए. जो 18 जून तक वार्ड का सर्वेक्षण कर, वार्ड में रहने वाले पशुपालकों के नाम और पालतू पशुओं की जानकारी इकट्ठा करें. इसके बाद 19 जून को वार्ड के सर्वेक्षित पशुपालकों से निर्धारित संकल्प पत्र हस्ताक्षर सहित लिया जाए.

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सीएम बघेल का निर्देश है पशुओं से संबंधित रिकॉर्ड और हस्ताक्षरित संकल्प पत्र, वार्ड कार्यालय और नगरीय निकाय कार्यालय के रिकार्ड में रखे जाए. वहीं नागरिकों को पशुपालन के लिए समुचित व्यवस्था रखने के लिए प्रोत्साहित किया जाए. इसके साथ ही नगरीय निकायों में स्थित कांजी हाउस, गैठान की जानकारी से समस्त नागरिकों को अवगत कराया जाए. वहीं घूमते पाए जाने वाले आवारा पशुओं के लिए निकाय के निर्धारित दण्ड के बारे में भी प्रचार-प्रसार किया जाए. वहीं पशुपालन से निकलने वाले पदार्थों से उपयोगी सामग्री जैसे खाद बनाए जाने के लिए पशुपालकों को प्रोत्साहित किया जाए. साथ ही पशुपालन करने वाले जगहों पर खाद निर्माण के लिए जगह के कमी की स्थिति में निकायों में स्थित कम्पोस्ट शेड की जानकारी से अवगत कराया जाए.

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