रायपुर : छत्तीसगढ़ सरकार ने नरवा, गरुवा, घुरुवा और बारी योजना के बाद प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों के फसलों के संरक्षण को लेकर रोका-छेका अभियान की शुरुआत की थी. वहीं शहरी क्षेत्रों में भी इस अभियान को लागू कर मवेशियों को संरक्षित कर दुर्घटना में कमी लाने की योजना थी, जिसमें गांव और शहरी क्षेत्रों के आवारा मवेशियों को पकड़कर गौशाला में रखना था.
नगर निगम इस अभियान के तहत शहर की सड़कों में घूम रहे आवारा मवेशियों को पकड़ने का दावा कर रहा है, लेकिन फिर भी शहर में आवारा मवेशी बड़ी संख्या में घूम रहे हैं. इससे नगर निगम के दावों की पोल खुलती नजर आ रही है. सड़कों में मवेशी बेधड़क घूम रहे हैं, जिससे आए दिन यातायात बाधित हो रहा है.
सड़कों में मवेशियों की मौत भी हो रही है. वहीं इस योजना के क्रियान्वयन को लेकर ETV भारत की टीम ने शहर में रोका-छेका अभियान का जायजा लिया, जिसमें पाया कि सड़कों में अब भी मवेशी घूम रहे हैं. वहीं शहर के बाजार इलाके और मुख्य सड़कों पर भी मवेशियों का जमावड़ा लगा हुआ है, जिसकी वजह से यातायात बाधित हो रहा है. साथ ही सड़क दुर्घटना होने की आशंका भी बनी हुई है.
बीजेपी के पूर्व पार्षद प्रत्याशी ने भूपेश सरकार पर साधा निशाना
इस मामले में बीजेपी के पूर्व पार्षद प्रत्याशी अनुराग अग्रवाल का कहना है कि सरकार कि नरवा गरुवा घुरुवा बारी योजना की असफलता के बाद उन्होंने छत्तीसगढ़ की जनता को बहलाने के लिए रोका-छेका नाम का एक नया अभियान शुरू किया है. उन्होंने आगे कहा कि नरवा गरुवा घुरुवा और बारी के तहत बनाए गए गौठानों में सरपंचों को पैसा नहीं मिल रहा है, जिसके कारण मवेशियों को चारा नहीं मिल पा रहा है, जिससे मवेशी मर रहे हैं.