बढ़ते पेट्रोल के दाम ने फूड डिलीवरी बॉयज की बढ़ाई मुसीबतें, कम आमदनी के चलते परिवार चलाने में परेशानी
बढ़ते पेट्रोल-डीजल के दाम ने फूड डिलीवरी बॉयज की मुसीबतें बढ़ा दी हैं. उनका कहना है कि उनकी जो भी कमाई होती है, उसमें से आधी पेट्रोल भरवाने में ही चली जाती है. ईटीवी भारत ने फूड डिलीवरी करने वाले कर्मचारियों से खास बातचीत की..
बढ़ते पेट्रोल के दाम ने फूड डिलीवरी बॉयज की बढ़ाई मुसीबतें
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Published : Jul 7, 2021, 4:30 PM IST
रायपुर: कोरोना वायरस के कारण जहां लोगों का कारोबार प्रभावित हुआ है, वहीं दूसरी ओर पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों और महंगाई के कारण लोगों को आर्थिक दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. बढ़ते पेट्रोल-डीजल के कारण महंगाई बेतहाशा बढ़ रही है. गैस सिलेंडर से लेकर खाने के तेल और अन्य सभी चीजों में महंगाई बढ़ी है. इसी बीच फूड इंडस्ट्री से जुड़े फूड डिलीवरी वर्करों की मुसीबतें बढ़ गई हैं. बढ़ते पेट्रोल और डीजल के दामों के कारण फूड डिलीवरी कंपनियों में काम करने वाले हजारों लोगों के इनकम में कमी आई है. खासतौर पर डिलीवरी बॉयज को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. आमदनी अठन्नी और खर्चा रुपैय्या वाली कहावत चरितार्थ हो रही है. ईटीवी भारत ने राजधानी रायपुर में फूड डिलीवरी करने वाले कर्मचारियों से खास बातचीत की..
पेट्रोल के बढ़ते दाम ने फूड डिलीवरी बॉयज की बढ़ाई मुसीबतें
पहले जैसी नहीं हो पा रही इनकमफूड डिलीवरी के काम से जुड़े लोगों ने बताया कि पहले पेट्रोल के दाम कम थे, लेकिन अब पेट्रोल के दाम ज्यादा हैं, ऐसे में काम तो उतना ही है, लेकिन अब इनकम पहले जैसी नहीं हो पाती. फूड डिलीवरी करने वाले लोगों ने बताया कि अगर वे दिन में 500 रुपए कमाते हैं, तो उनकी आधी कमाई पेट्रोल डलवाने में ही चली जाती है.
फूड डिलीवरी कंपनियों से जुड़कर काम कर रहे कर्मचारियों ने बताया कि वे एक तरफ तो कोरोना संक्रमण की मार झेल रहे हैं, वहीं दूसरी ओर महंगाई ने कमर तोड़ रखी है. अब आमदनी भी उतनी नहीं हो पा रही है, राशन भी इतना महंगा हो गया है कि अब परिवार चलाने में दिक्कतें हो रही हैं.
बजट निकालना मुश्किल
ढाई साल से फूड डिलीवरी कर राज बघेल ने बताया कि पहले काम के लिए 150 रुपए के पेट्रोल से काम हो जाता था, लेकिन अब 200 से 250 रुपए का पेट्रोल अपनी गाड़ी में डलवाते हैं. उसने बताया कि फूड डिलीवरी कर उनकी रोजाना 400 रुपए आमदनी होती थी, लेकिन अभी पेट्रोल में ज्यादा पैसा लग रहा है, बजट नहीं निकल पा रहा है.
पिछले ढाई साल से फूड डिलीवरी कंपनी में काम कर रहे राजेश मेश्राम ने बताया कि बढ़े हुए पेट्रोल के दाम के कारण उन्हें दिक्कतें आ रही हैं कि जितनी उनकी कमाई नहीं हो रही है, उससे ज्यादा गाड़ी में पेट्रोल लग जाता है. कोरोना संक्रमण के दौरान कहीं नौकरी नहीं मिल रही है, इसलिए अपना परिवार चलाने के लिए वे फूड डिलीवरी का काम कर रहे हैं. इस काम में गाड़ी का इस्तेमाल भी ज्यादा होता है, ऐसे में गाड़ी के मेंटेनेंस में भी खर्च ज्यादा लग रहा है और पेट्रोल भरवाने में ही सारे रुपए खर्च हो रहे हैं.
आमदनी अठन्नी खर्चा रुपय्या
राजेश मेश्राम ने बताया कि पहले वे 100 रुपए का पेट्रोल खर्च करते थे और 400 तक कमा लेते थे, लेकिन अभी 200 रुपए का पेट्रोल लग रहा है और 400 रुपए की इनकम है, लेकिन 12 घंटे काम काम करने के बाद 200 रुपए अगर बचता भी है, तो बहुत कम है. उन्होंने कहा कि इतनी महंगाई के बीच परिवार चलाना संभव नहीं है.
फूड डिलीवरी कंपनी में पिछले 1 साल से काम कर रहे राहुल ने बताया कि इस काम में पेट्रोल का खर्च और मेंटेनेंस हमारा होता है. एक ओर पेट्रोल के दाम भी बढ़े हुए हैं. कंपनी को जिस हिसाब से पेमेंट करना चाहिए, वो नहीं करती, जिसकी वजह से हमारी इनकम उतनी नहीं हो पा रही है. राहुल ने बताया कि 12 बजे से लॉग इन करते हैं, तो रात के 10 बजे तक रहते हैं. दोपहर 12:30 से 2 बजे तक लंच के समय अच्छा ऑर्डर आता है, उसी तरह शाम को भी रहता है.
फूड डिलीवरी कर्मचारियों के सामने परिवार चलाने की दिक्कत
कर्मचारी सुरेश पारख ने बताया कि पहले पेट्रोल के दाम 76 रुपए थे और अब 100 के आसपास हो गए हैं, लेकिन कंपनी पहले के हिसाब से ही पेमेंट कर रही है. वहीं डिलीवरी बॉय रामानंद साहू ने बताया कि वे शुरुआती दिनों से ही फूड डिलीवरी कंपनी में काम कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि वे 14 घंटे ड्यूटी करते हैं और उन्हें 700 से 800 रुपए मिलते हैं, लेकिन ज्यादा पैसा भी पेट्रोल डलवाने में ही लग रहा है. उन्होंने बताया कि पहले जब वे काम करते थे, तब पेट्रोल के दाम कम थे, लेकिन अब 100 रुपए तक हो गए हैं. पहले कंपनी इंसेंटिव 500 से 700 रुपए तक देती थी, लेकिन अब उसे 200 रुपए कर दिया गया है. पहले एक ऑर्डर की डिलीवरी पर 35 रुपए मिला करते थे, लेकिन अब एक ऑर्डर की डिलीवरी पर 10 से 15 रुपए मिल रहे हैं. कैश ऑन डिलीवरी से जो रुपए मिलते हैं, वे बचते नहीं हैं. वे रुपए पेट्रोल खरीदने में ही लग जाते हैं. कुल मिलाकर पेट्रोल के चलते आमदनी प्रभावित हुई है.
सरकार से दाम कम करने की मांग
फूड डिलीवरी करने वाले कर्मचारियों ने बताया कि 5 किलोमीटर के अंदर डिलीवरी करने पर 15 रुपए का भुगतान होता है और 5 किलोमीटर डिस्टेंस से ज्यादा जाने पर 4.25 रुपए प्रति किलोमीटर के हिसाब से भुगतान किया जाता है. फूड डिलीवरी करने वाले लोगों ने एक ओर जहां सरकार से पेट्रोल-डीजल के दाम करने की मांग की है, तो वहीं दूसरी ओर कंपनियों से भी इंसेंटिव और पेमेंट बढ़ाने की मांग की है.
वहीं छत्तीसगढ़ में आजपेट्रोल के (petrol price in Chhattisgarh) दाम फिर बढ़े हैं. पेट्रोल की कीमत में 33 से 34 पैसे की बढ़ोतरी हुई है. डीजल के दाम भी बढ़े हैं. प्रदेश में डीजल 18 से 19 पैसे बढ़ा है. सबसे अधिक पेट्रोल की कीमत बीजापुर में 103.38 रुपये/प्रति लीटर है तो वहीं दंतेवाड़ा में डीजल के दाम सबसे ज्यादा 100.09 रुपये/लीटर तक पहुंच गया है. जगदलपुर में पेट्रोल 100.83 रुपए/लीटर और डीजल 99.38 रुपये/लीटर है. रायपुर में पेट्रोल के दाम 98.30रुपये/प्रति लीटर और डीजल के दाम 96.87रुपये प्रतिलीटर है.
पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दामों के खिलाफ कांग्रेस का प्रदर्शन
पेट्रोल-डीजल के बढ़े दामों से लोगों में आक्रोश है और लोग पेट्रोल-डीजल के दामों को कम करने की मांग कर रहे हैं. कांग्रेस आज से 17 जुलाई तक देशभर में पेट्रोल-डीजल, घरेलू गैस के बढ़ते दामों के विरोध में प्रदर्शन कर मोदी सरकार को घेरेगी.