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SPECIAL: कोरोना काल में जमीन रजिस्ट्री से प्रदेश सरकार को फायदा, खजाने में 17 फीसदी बढ़ा राजस्व

प्रदेश में कोरोना महामारी के मद्देनजर किए गए लॉकडाउन में भी राजस्व प्राप्ति के आंकड़े बढ़ें हैं. 2019 के मुकाबले 2020 में 17 प्रतिशत ज्यादा राजस्व की प्राप्ति हुई है. यह राजस्व दस्तावेजों के पंजीयन के माध्यम से मिला है.

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17 प्रतिशत बढ़ा छत्तीसगढ़ का राजस्व

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Published : Jul 6, 2020, 5:55 PM IST

रायपुर:कोविड-19 के मद्देनजर किए गए लॉकडाउन में रियल एस्टेट मार्केट में खरीदी-बिक्री ने नया रिकॉर्ड कायम किया है. एक तरफ जब देश के मेट्रो शहरों में रियल एस्टेट मार्केट 49 फीसदी तक गिरा है, तो वहीं छत्तीसगढ़ के रियल एस्टेट मार्केट में कोई गिरावट दर्ज नहीं की गई है. सामान्य दिनों की तरह कोरोना काल में भी राज्य सरकार को राजस्व मिल रहा है. बीते साल प्रदेश के सभी जिलों से 1400 से 1500 करोड़ का राजस्व प्राप्त हुआ था. इस साल भी महामारी का दौर होने के बाद भी जमीन खरीदी-बिक्री और रजिस्ट्री जारी है. पूरे देश की अर्थव्यवस्था डगमगा गई है, फिर भी छत्तीसगढ़ में इसका असर कम रहा. इसे लेकर ETV भारत ने पड़ताल की है.

17 प्रतिशत बढ़ा छत्तीसगढ़ का राजस्व

करीब ढाई महीने के लॉकडाउन के बाद प्रदेश को अनलॉक किया गया. जिसके बाद प्रदेश में बढ़ती आर्थिक गतिविधियों का असर रियल एस्टेट सेक्टर में भी देखने को मिल रहा है. कोरोना का दौर आने के बाद लोग अपने घरों में रहने को मजबूर तो हुए ही, वहीं भविष्य को लेकर भी लोगों में चिंता बढ़ी और इस बीच लोग इन्वेस्टमेंट में भी लग गए. यही वजह है कि लॉकडाउन में मंदी के बाद भी पिछले साल की तुलना में इस साल 17 प्रतिशत ज्यादा राजस्व की प्राप्ति हुई है. यह राजस्व दस्तावेजों के पंजीयन के माध्यम से मिला है.

कोरोना काल में सरकार का राजस्व बढ़ा

2019 के मुकाबले 2020 में ज्यादा राजस्व

  • साल 2019 के जून महीने में 107 करोड़ 53 लाख रुपए का राजस्व, दस्तावेजों के पंजीयन के माध्यम से प्राप्त हुआ था.
  • 2020 के जून महीने में सरकार को 125.7 करोड़ रुपए के राजस्व की प्राप्ति हुई है.
    2019 के मुकाबले 2020 में ज्यादा राजस्व
  • साल 2019 के जून महीने में 23 हजार 391 दस्तावेजों का पंजीयन हुआ था.
  • 2020 के जून महीने में 27 हजार 759 दस्तावेजों के पंजीयन किए गए हैं.
    2020 में मिला ज्यादा राजस्व

धीरे-धीरे शुरू किए गए सरकारी काम

कोविड-19 के बचाव और नियंत्रण के लिए किए गए लॉकडाउन के दौरान कई क्षेत्र प्रभावित रहे. वहीं अन्य गतिविधियों के साथ-साथ दस्तावेजों के पंजीयन का काम भी प्रभावित हुआ था. राज्य सरकार ने 13 मई से धीरे-धीरे लॉकडाउन में ढील दी और प्रदेश के कई क्षेत्रों में कार्य शुरू कराने के साथ ही रजिस्ट्री और पंजीयन दफ्तरों को कामकाज के लिए शुरू करा दिया गया. तहसील ऑफिस में लोग सोशल डिस्टेंसिंग के साथ अपना काम करा रहे हैं.

दस्तावेजों का पंजीयन तेजी से करने के लिए बनाए गए कई नियम

जून महीने से हर एक घंटे में 3 अपॉइंटमेंट की व्यवस्था दस्तावेजों के पंजीयन के लिए की गई है, ताकि दस्तावेजों का पंजीयन तेजी से किया जा सके. इसे लेकर रियल एस्टेट से जुड़े हुए लोग और रजिस्ट्री दफ्तर में पहुंचे लोग मान रहे हैं कि भले घर छोटा हो लेकिन अपना हो, इस संकट काल ने घर का महत्व बढ़ा दिया है. ऑनलाइन प्रक्रिया ने लोगों की परेशानियों को भी कम कर दिया है. प्राइवेट कॉलोनियों में घर खरीदने के साथ ही लोग हाउसिंग बोर्ड के घर भी खरीद रहे हैं.

कोरोना काल ने समझाया लोगों को घर का महत्व

कोरोना काल में जब देश के कोने-कोने से मजदूर अपने गांव लौट रहे थे, तब हर कोई अपने आशियाने को महत्व देने लगा. सिर पर छत के बिना जिंदगी जैसे अधूरी हो. राज्य सरकार ने धीरे से सभी सरकारी कामों की शुरुआत की. इसके मद्देनजर पक्षकारों की सुविधा के लिए प्रदेश सरकार ने पंजीयन कार्यालयों में ऑनलाइन सुविधा वापस उपलब्ध कराई और निर्धारित समय के साथ ही रजिस्ट्री के काम शुरू किए गए.

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कहीं ना कहीं देशभर में कोरोना महामारी ने हर व्यक्ति को अपने गांव और घर की याद दिला दी है. रोजगार और कमाने खाने के लिए लोग अपने गांव-शहर को छोड़कर बड़े-बड़े महानगरों की ओर तो निकल गए थे, लेकिन इस त्रासदी ने बड़े शहरों में लोगों को अपनाया नहीं. रोजी-रोटी छिन जाने के बाद लोगों को अपने गृहग्राम की याद आई. यही वजह है कि अब वापस लौटे लोग उन बड़े शहरों की ओर कभी ना वापस जाने की बात कहते हुए अपने गांव-शहर में ही छोटे-मोटे मकान लेकर गुजारा करने पर जोर दे रहे हैं.

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