छत्तीसगढ़

chhattisgarh

ETV Bharat / state

Remedy for shani Sade Saati : शनि की साढ़ेसाती का उपाय, कितनी बार आ सकती है साढ़े साती - shani Sade Saati and astrology

शनिदेव हर किसी की राशि को प्रभावित करते हैं. किसी की राशि के लिए शनि शुभ फल लाते हैं तो किसी के लिए कष्ट.जातकों के लिए ये जानना जरुरी है कि यदि वो किसी प्रकार के कष्ट से ग्रसित हैं तो ये कहीं शनिदेव का प्रभाव तो नहीं और यदि ऐसा हुआ तो फिर ऐसे जातकों को क्या करना चाहिए. आज हम बताएंगे कैसे शनि की साढ़ेसाती से आप पा सकते हैं छुटकारा.

Remedy for shani Sade Saati
शनि के साढ़े साती से कैसे पाएं छुटकारा

By

Published : Feb 11, 2023, 10:40 PM IST

Updated : Mar 11, 2023, 7:58 AM IST

रायपुर : किसी भी मनुष्य के जीवन में चार बार दो साढ़ेसाती के बीच का समय 30 वर्ष का होता है. ऐसे में अगर कोई जातक साढ़ेसाती में ही पैदा हुआ हो तो वह उसकी पहले साढ़ेसाती होगी. उसके बाद 30-30 सालों के हिसाब से देखें तो दूसरी साढ़ेसाती 30 वर्ष की आयु में तीसरी साढ़ेसाती 60 वर्ष की आयु में और चौथी साढ़ेसाती 90 वर्ष की आयु में. ऐसे में जन्म के समय जो साढ़ेसाती मिली है, वह खत्म नहीं हुई होगी तो यह समय थोड़ा आगे बढ़ेगा. यह तीन या चार साढ़ेसाती तभी मिल सकती है, जब कुंडली में शनि की स्थिति शुभ हो और वह बलवान हो और जातक की पूर्ण आयु अन्यथा तीसरी साढ़ेसाती तक जीवन चलना मुश्किल होता है.



शनि की साढ़े साती और ज्योतिष : ज्योतिष एवं वास्तुविद पंडित प्रिया शरण त्रिपाठी का कहना है कि "कुछ ज्योतिष जन्म के समय की साढ़ेसाती को पहली साढ़ेसाती नहीं मानते, लेकिन गणित की दृष्टि से सही होती है, तो वह भी साढ़ेसाती ही है. शनि ग्रह एक राशि पर ढाई वर्ष तक रहता है.और संपूर्ण राशि चक्र 30 वर्ष में पूरा करता है. इसलिए अतः औसत आयु 90 वर्ष मानते हुए साढ़ेसाती जीवन काल में 3 बार आ सकती है. यदि कोई व्यक्ति शनि की साढ़ेसाती में ही जन्मा हो और उसको 100 वर्ष की आयु प्राप्त हो तो उसके जीवन में चार बार साढ़ेसाती आएगी. बाकी सभी जातकों को 2 से 3 साढ़ेसाती जीवन में मिलती ही है. यदि अत्यधिक छोटा जीवन ना हो तो साढ़ेसाती प्रत्येक 30 वर्ष बाद लौटकर आती है."


कैसे पाएं शनि की साढ़े साती से छुटकारा :ज्योतिष एवं वास्तुविद पंडित प्रिया शरण त्रिपाठी के मुताबिक "पीपल के पेड़ में सभी देवी देवताओं का वास होता है. जो भी व्यक्ति शनिवार के दिन सूर्योदय के बाद पीपल की पूजा करने जल अर्पित करने और तेल का दिया जलाने से शनिदेव की कृपा हमेशा मिलती है. पीपल के पेड़ की पूजा से शनिदेव जल्द प्रसन्न होते हैं. शनिवार के दिन शनि देव की कृपा पाने और कुंडली से शनि की साढ़ेसाती का प्रभाव कम करने के लिए शनि देव के मंत्र और चालीसा का पाठ करना चाहिए.

शनि मंदिर में जाकर करें उपाय : पंडित प्रियाशरण के अनुसार ''शनि मंदिर जाकर शनि चालीसा और आरती भी करें. मंगलवार के अलावा शनिवार के दिन भी हनुमान जी की पूजा करनी चाहिए. इस दिन हनुमान जी की पूजा करने से शनिदेव की भी कृपा प्राप्त होती है. ऐसे में शनिदेव की कृपा पाने और कुंडली से शनि दोष को खत्म करने के लिए शनिवार के दिन विशेष रूप से हनुमान चालीसा या फिर सुंदरकांड का पाठ करें."



किन चीजों से शनिदेव होते हैं प्रसन्न :ज्योतिष एवं वास्तुविद पंडित प्रिया शरण त्रिपाठी ने बताया कि "शनिदेव की कृपा पाने के लिए शनिवार के दिन काला तिल काला छाता सरसों का तेल काली उड़द और जूते चप्पल का दान करना चाहिए. इससे जीवन की समस्याएं कम होती है. दोनों समय भोजन में काला नमक और काली मिर्च का प्रयोग करें. शनिवार के दिन बंदरों को भुने हुए चने खिलाए और मीठी रोटी पर तेल लगाकर काले कुत्ते को खाने के लिए देना चाहिए. यदि शनि की अशुभ दशा चल रही है, तो मांस मदिरा का सेवन ना करें.''

ये भी पढ़ें-बालरुपी शनिदेव का पूजन और लाभ

शनिदेव की कैसे करें पूजा प्रतिदिन पूजा करते समय महामृत्युंजय मंत्र ओम नमः शिवाय का जाप करें. शनि के दुष्प्रभाव से मुक्ति मिलती है. घर के किसी अंधेरे भाग में किसी लोहे की कटोरी में सरसों का तेल भरकर उसमें तांबे का सिक्का डालकर रखें. शनि की साढ़ेसाती से ग्रस्त हैं, तो शनिवार को अंधेरा होने के बाद पीपल पर मीठा जल अर्पित कर सरसों के तेल का दीपक और अगरबत्ती लगाएं और वही बैठकर क्रमश हनुमान भैरव और शनि चालीसा का पाठ करें और पीपल वृक्ष के सात परिक्रमा लगाएं.

Last Updated : Mar 11, 2023, 7:58 AM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details