Rakhi 2023: 30 साल बाद इस शुभ संयोग में मनाया जाएगा रक्षाबंधन, बहनों को रखना होगा इन 9 बातों का ध्यान
Rakshabandhan Special: 30 साल बाद रक्षाबंधन पर शुभ संयोग बन रहा है. शश योग, धनिष्ठा नक्षत्र अतिगंड योग और मित्र आनंद योग के सुखद संयोग में रक्षाबंधन पर्व मनाया जाएगा. बहनों को 9 बातों का ध्यान रखकर भाई के हाथों में राखी बांधनी चाहिए. Rare coincidence on rakhi
रक्षाबंधन स्पेशल
By
Published : Aug 17, 2023, 7:21 PM IST
|
Updated : Aug 29, 2023, 7:12 PM IST
विनीत शर्मा पंडित
रायपुर:इस साल 30 अगस्त को रक्षाबंधन पर शुभ और सुखद संयोग बन रहा है. 30 साल के बाद यह संयोग बना है. दरअसल शश योग, धनिष्ठा नक्षत्र अतिगंड योग और मित्र आनंद योग के सुखद संयोग में राखी का त्योहार मनाया जाएगा. इस साल हयग्रीव जयंती, बलभद्र पूजन, झूलन यात्रा समाप्ति भी इसी त्यौहार में पड़ रहा है.
काफी खास है ये पर्व: रक्षाबंधन पर्व का सामाजिक महत्व है. बहनें अपने भाईयों को रक्षा सूत्र बांधती हैं. भाई भी अपनी बहनों की रक्षा का संकल्प लेते हैं. यह बंधन भाई बहन के प्यार का प्रतीक है.
संबंधों को पुनर्जीवित करने का यह सर्वोत्तम माध्यम है. आजकल लोग एक दूसरे से नहीं मिल पाते हैं. यह त्यौहार सांस्कृतिक, सामाजिक बंधन के रूप में जाना जाता है. शश योग एक पवित्र योग माना जाता है. शनि अपने मूल त्रिकोण की राशि में लगभग 30 सालों के उपरांत प्रवेश करते हैं. तब यह संयोग बनता है. -विनीत शर्मा, पंडित
जानिए शुभ मुहूर्त:राखी के दिन बहनों को भाइयों की पूजा अभिजीत मुहूर्त की बेला में करनी चाहिए. ये मुहूर्त इस बार सुबह 11:36 से लेकर 12:24 के बीच रहेगा. इसके बाद रात 9:02 के बाद राखी बांधने का शुभ मुहूर्त बन रहा है.
इस दिन बहनों को 9 बातों का ध्यान रखते हुए इस त्यौहार को मनाना चाहिए.ये हैं 9 बातें...
इस दिन बहनों को ब्रह्म मुहूर्त में उठकर अपने दोनों हाथों की लकीरों को देखते हुए बिस्तर से उठना चाहिए. योग ध्यान और आसन से निवृत्त होकर पूजा की थाली सजानी चाहिए.
राखी के दिन साफ-सुथरे धुले हुए या फिर नये कपड़े पहनकर इस त्यौहार को मनाना चाहिए.
पूजा स्थल को भगवान की मूर्ती को गंगाजल से पवित्र करना चाहिए.
पूजा की थाली साफ और नई होनी चाहिए.
पूजा की थाली में पुष्प, चंदन, वंदन, सिंदूर, अक्षत, शुद्ध दीपक, मौली धागा और राखी रखनी चाहिए.
पूजा करते समय दीपक को ओम भूभुर्वः मंत्र बोलकर प्रज्वलित करना चाहिए. आरती करते समय दीपक की ज्योति भली-भांति प्रज्वलित रहे, इस बात का खास ध्यान रखना चाहिए. यह आरती घड़ी की दिशा में दोनों हाथ घुमाकर शुद्ध मन से करनी चाहिए.
भाई को राखी बांधते समय बहन की दिशा पूर्व की ओर होनी चाहिए और भाई के मुख की दिशा पश्चिम की ओर होनी चाहिए.
बहन "येन बद्धो बलि राजा, दानवेन्द्रो महाबल: तेन त्वाम् प्रतिबद्धनामि रक्षे माचल माचल:" महामंत्र का जाप करते राखी को भाई के दाहिने हाथ पर बांधे.
आरती के बाद भाई या बहन जो छोटे हो वो बड़े को प्रणाम करे. इसके बाद भाई बहन को उपहार देकर की रक्षा का वचन दें.