Electricity Contractors Protest In Raipur: रायपुर में बिजली ठेकेदारों का प्रदर्शन, 5 लाख तक के टेंडर ऑनलाइन करने का विरोध
Electricity Contractors Protest In Raipur रायपुर में बिजली ठेकेदारों ने आज 8 सूत्रीय मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन किया. बिजली ठेकेदारों ने मांग पूरी होने तक उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है.
विरोध प्रदर्शन
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Published : Jul 31, 2023, 9:41 PM IST
बिजली ठेकेदारों का 8 सूत्रीय मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन
रायपुर:रायपुर के डंगनिया स्थित पावर कंपनी के मुख्यालय के सामने सोमवार को प्रदेश भर के बिजली ठेकेदारों ने 8 सूत्रीय मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन किया. प्रदेश के बिजली ठेकेदारों ने अपनी मांग को लेकर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री टीएस सिंहदेव से भी मुलाकात की थी. हालांकि बात नहीं बनी है, जिसके बाद सोमवार को प्रदेश स्तर पर इन्होंने आंदोलन किया.
टेंडर को ऑनलाइन किए जाने का विरोध: छत्तीसगढ़ में लगभग 1500 बिजली ठेकेदार हैं. ये सभी अपनी 8 सूत्रीय मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं. बिजली ठेकेदारों की मानें तो 5 लाख रुपये के टेंडर को ऑनलाइन किए जाने का ये विरोध कर रहे हैं. अपनी मांगों को लेकर बिजली ठेकेदारों ने पावर कंपनी प्रबंधन से भी मुलाकात की थी. लेकिन बात नहीं बनी, जिसके कारण उन्हें प्रदर्शन के लिए मजबूर होना पड़ा. ग्रेड 1 से लेकर ग्रेड 4 तक ठेकेदार पंजीकृत हैं, जिसमें ग्रेड 4 के ठेकेदारों की संख्या अधिक है. पावर कंपनी प्रबंधन की ओर 5 लाख रुपए तक के टेंडर को ऑनलाइन मोड पर किए जाने से बिजली ठेकेदारों में नाराजगी देखने को मिली.
क्या कहते हैं बिजली ठेकेदार: इस मामले में बिजली ठेकेदारों का साफ कहना है कि "20 लाख रुपए के ऑनलाइन टेंडर को मैनुअल किया जाए. लोकल ठेकेदार और लोकल बेरोजगारों को इसका फायदा मिल सके. बिजली ठेकेदारों को विभाग की तरफ से 5 से 6 महीने में पेमेंट होता है. कम से कम डेढ़ महीने में ये पेमेंट विभाग की ओर से मिलना चाहिए. सिक्योरिटी डिपॉजिट में जटिल प्रक्रिया को आसान किया जाए."
बिजली ठेकेदारों की 8 सूत्रीय मांग:
5 लाख तक के टेंडर को यथावत रखा जाए और इसे पहले के जैसा ऑफलाइन किया जाए.
फंड की व्यवस्था विभाग को करनी चाहिए ना कि बिजली ठेकेदारों को.
सब इंजीनियर ऑफिस बिल काउंटर साइन के लिए नहीं भेजा जाना चाहिए.
बिल जमा करने के बाद एक तय समय में बिल पास हो जाना चाहिए, जिसका पालन विभाग को करना होगा.
अगर ठेकेदार विभाग के पंजीकृत वेंडर से सामान ले तो उसकी दोबारा जांच की आवश्यकता नहीं होनी चाहिए.
पंप के काम की निविदा को नए एसओआर से प्रोजेक्ट से ना करके ओ एंड एम डिवीजन से करवाया जाना चाहिए. ताकि काम पूरा करने में बिजली ठेकेदारों को परेशानी ना हो.
एसओआर में मटेरियल में ट्रांसपोर्टेशन चार्ज 4 फीसद फिक्स कर दिया जाना चाहिए, जिससे कि पहले के तरह वजन और दूरी के हिसाब से दिया जाए.
पंजीकृत ठेकेदारों से विभाग की ओर से सीलिंग लिमिट के लिए पैसे लिए जाते हैं. इसलिए पहले की तरह कोई भी निविदा के लिए अलग से टेंडर फीस की राशि नहीं ली जानी चाहिए.
उग्र आंदोलन की दी चेतावनी: बता दें कि विरोध प्रदर्शन को दौरान इन प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी कि अगर 8 सूत्रीय मांगें पूरी नहीं होती है तो वे आगामी दिनों में उग्र आंदोलन करेंगे.