रायपुर: रायपुर नगर निगम के जोन 3 में हुए वेतन घोटाले के मास्टर माइंड को पुलिस ने आखिरकार पकड़ लिया है. फरार मुख्य आरोपी गंगाराम प्रसाद सिन्हा और उसके साढू भाई अशोक सिन्हा को सिविल लाइन पुलिस ने गिरफ्तार किया. आरोपियों को बिना रिमांड पर लिए कोर्ट में पेश करने के बाद सीधे जेल भेज दिया गया है.
72 लाख रुपये का वेतन घोटाला
नगर निगम के जोन तीन में पांच सालों तक करीब 72 लाख रुपये का वेतन घोटाला किया गया. इसमे गंगाराम प्रसाद सिन्हा की मुख्य भूमिका रही. साथ ही प्लेसमेंट एजेंसी के कम्प्यूटर ऑपरेटर नेहा परवीन अब तक फरार है. सिविल लाइन पुलिस थाना प्रभारी आरके मिश्रा से मिली जानकरी के मुताबिक गिरफ्तार इन दोनों आरोपियों को जेल भेज दिया गया हैं.
मुख्य आरोपी चल रहा था फरार
वेतन घोटाला उजागर होने के बाद से ही मुख्य आरोपी गंगाराम सिन्हा फरार हो गया था. पुलिस की कई टीमें अलग-अलग जगहों पर छापेमारी कर रही थी. इसी बीच मुखबिर की सूचना पर महासमुंद जिले से लगे ओडिशा सीमा में छिपे दोनों आरोपियों को पकड़ा गया. बाकी पांच अन्य फरार लोगों की पतासाजी की जा रही है.
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अपने रिश्तेदारों के खाते में भेजता था पैसा
आरोपी गंगाराम प्रसाद सिन्हा आरटीजीएस के दौरान अतिरिक्त नाम जोड़कर अपने रिश्तेदार के खाते में पैसा भेज देता था. वर्तमान में वह 5 लोगों के खाते में आरटीजीएस के माध्यम से पैसे भेजता था. जोन में पदस्थ अधिकारियों को इसकी भनक तक नहीं लगती थी. आरोपी जितने लोगों के खाते में आरटीजीएस करता था, उनका एटीएम कार्ड अपने पास रखता था. जिन 5 खाते में पैसा डालता था, उसमें तीन उसके रिश्तेदार और दो कंप्यूटर आपरेटर नेहा परवीन के घर वाले हैं. आरोपी गंगाराम इसके बदले में नेहा परवीन को प्रतिमाह 15 हजार रुपये देने की बात सामने आई है.