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गणेश उत्सव पर गाइडलाइन में देरी से बदलाव पर मूर्तिकार क्यों हैं मायूस ?

छत्तसीगढ़ समेत पूरे देश भर में 10 सितंबर से गणेश उत्सव (Ganesh Utsav) की शुरुआत होने जा रही है. इस बीच रायपुर प्रशासन ने सोमवार को गणेश उत्सव की गाइडलाइन में बदलाव (Revised Ganesh Utsav Guidelines) किया था. जिस पर अब मूर्तिकारों ने मायूसी जताई है. जानिए इसके पीछे क्या वजह है.

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संशोधित गणेश उत्सव गाइडलाइन

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Published : Sep 7, 2021, 5:58 PM IST

Updated : Sep 7, 2021, 6:58 PM IST

रायपुर:देशभर में 10 सितंबर से गणेश उत्सव (Ganesh Utsav) की शुरुआत हो रही है. कोरोना संक्रमण (Corona Infection) को देखते हुए रायपुर प्रशासन (Raipur Administration) ने सोमवार को गणेश उत्सव की संशोधित गाइड लाइन (Revised Guideline) जारी की है. पूर्व में स्थापित होने वाली मूर्तियों की ऊंचाई 4 फीट से बढ़ाकर 8 फीट किया गया है. गणेश उत्सव से ठीक 4 दिन पहले मूर्तियों की ऊंचाई बढ़ाने वाले गाइडलाइन को लेकर ईटीवी भारत ने मूर्तिकारों (Sculptors) से बातचीत की. ईटीवी भारत (ETV BHARAT) की टीम मूर्तिकारों की बस्ती माना पहुंची, जहां वर्षों से मूर्तियों का निर्माण होता है.

गाइडलाइन में देरी से बदलाव पर मूर्तिकार क्यों हैं मायूस ?
श्रुति मूर्तिकला के संचालक जय किशन नायक ने बताया कि जिला प्रशासन ने मूर्ति स्थापना के 4 दिन पहले ही 8 फीट की मूर्ति के स्थापना की अनुमति दी है, लेकिन इससे ज्यादा फायदा नहीं होने वाला है. जोकि पूर्व में जब गाइडलाइन जारी की गई थी. उसी गाइडलाइन को ध्यान में रखते हुए छोटी मूर्तियों का निर्माण किया गया था. मूर्ति निर्माण के लिए समय लगता है. ऐसे में जल्दी मूर्ति तैयार कर पाना संभव नहीं है. यह गाइडलाइन 20 दिन पहले जारी की जाती तो ऐसे में वह बड़ी मूर्तियों का निर्माण कर सकते थे और उन्हें इसका फायदा मिलता, लेकिन इससे ज्यादा फायदा नहीं मिलेगा.व्यापार हुआ प्रभावितमूर्तिकार जय किशन ने बताया कि कोरोना संक्रमण के चलते पिछले 2 सालों से त्यौहार भी प्रभावित हुए हैं. ऐसे में अब लोगों में उस तरह का उत्साह नजर नहीं आ रहा है. लोग मूर्ति का ऑर्डर करने आते हैं लेकिन उन्हें पहले की तरह मेहनताना नहीं मिल रहा है.स्ट्रिक्ट गाइडलाइन के चलते बहुत समिति हटी पीछेजय किशन ने बताया जिला प्रशासन की ओर से जारी किए गए गाइडलाइन के कारण बहुत सी समितियां गणेशोत्सव को लेकर पीछे हट गई हैं. ऐसे में उनका व्यवसाय भी प्रभावित हुआ है. पहले जहां हर मोहल्ले और गलियों में गणेश स्थापना होती थी. अब गाइडलाइन के कारण मूर्ति स्थापित करने वाली समितियों की संख्या कम हुई है. जिसके चलते व्यवसाय भी प्रभावित हुआ है.मूर्तिकार हलधर निहार ने बताया कि जिला प्रशासन की ओर से जारी किए गए गाइडलाइन के बाद उन्होंने पिछले साल बड़ी मूर्तियां बनाई थी. उन्हीं को रंग रोगन करके अब बेचने की तैयारी चल रही है. उन्होंने बताया कि पिछले साल उन्होंने 6 फीट से 8 फीट की मूर्तियां तैयार की थी लेकिन गाइडलाइन के चलते मूर्तियां वैसे ही रखी रही और कल उन्होंने गाइडलाइन जारी होने के बाद मूर्तियों को रंगने का काम शुरू किया. सुबह से अभी तक दो कस्टमर आ गए हैं. लेकिन जिस तरह से मूर्ति के दाम मिलने चाहिए वैसे दाम नहीं मिल रहे हैं.पहले जारी होती गाइडलाइन तो फायदा होतामूर्तिकार हलधर ने कहा कि जिला प्रशासन ने गणेशोत्सव के 4 दिन पहले ही गाइडलाइन जारी की है. यह गाइडलाइन पहले ही जारी कर दी जाती तब वे बड़ी मूर्ति बना पाते और अच्छी आमदनी की उम्मीद की जा सकती थी. इस संशोधित आदेश से ज्यादा फायदा तो नहीं होगा लेकिन थोड़ी राहत मिली है.

संशोधित गाइडलाइन का करना होग पालन

  • मूर्ति की अधिकतम ऊंचाई 8 फीट होनी चाहिए.
  • मूर्ति स्थापना वाले पंडाल का आकार 225 स्क्वायर फीट से ज्यादा ना हो.
  • पंडाल के सामने कम से कम 500 वर्ग फीट की खुली जगह हो.
  • पंडाल के सामने 500 वर्ग फीट की खुली जगह में कोई भी सड़क अथवा गली का हिस्सा प्रभावित ना हो.
  • पंडाल के सामने दर्शकों के बैठने के लिए अलग से पंडाल ना हो साथ ही दर्शकों एवं आयोजकों के बैठने हेतु कुर्सी नहीं लगाई जाए.
  • किसी भी एक समय में मंडप एवं सामने मिलाकर 50 व्यक्तियों से अधिक लोग ना हो.
  • मूर्ति दर्शन और पूजा में शामिल होने वाले सभी व्यक्तियों को बिना मास्क के प्रवेश ना दिया जाए.
  • पंडाल में आने वाले हर एक सदस्य का मोबाइल नंबर रजिस्टर में दर्ज किया जाए ताकि कोरोना संक्रमण होने पर कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग की जा सके.
  • मूर्ति स्थापना एवं विसर्जन के दौरान प्रसाद चरणामृत या कोई भी खाद्य एवं पेय पदार्थ वितरित ना किया जाए.
Last Updated : Sep 7, 2021, 6:58 PM IST

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